समावेशी शिक्षा के लिए मिलजुल कर काम करना होगा: ज्योत्सना मिश्रा
जिला स्तरीय ओरियेंटेशन कार्यशाला का हुआ आयोजन
दिव्यांगता एवं समावेशी शिक्षा, ऑटिस्म, लर्निंग डिसऑर्डर व समुदाय की भूमिका पर हुआ गहन विमर्श
करनाल, 23 दिसंबर
समग्र शिक्षा के तहत रेलवे रोड स्थित राजकीय कन्या मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समावेशी शिक्षा की जिला स्तरीय ओरियेंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला परियोजना संयोजक ज्योत्सना मिश्रा ने किया। कार्यशाला का संयोजन एवं संचालन सहायक परियोजना संयोजक पवन कुमार ने किया। इस मौके पर बीईओ डॉ. राममूर्ति शर्मा, सीमा मदान, डॉ.सतपाल बग्गा, बलजीत सिंह, रविन्द्र, बीआरसी नीलोखेड़ी धर्मपाल चौधरी, प्रधानाचार्य एवं बीआरसी आईईडी महेन्द्र नरवाल, वंदना चावला, जसमीत, पवन, राजेन्द्र सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
डीपीसी ज्योत्सना मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि स्कूलों में सामान्य बच्चों के साथ बहुत से विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनकी समस्याओं और विशेष आवश्यकताओं को समझने के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला स्कूल मुखियाओं और अध्यापकों को विशेष बच्चों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए है। उन्होंने कहा कि हमें मिलजुल कर काम करते हुए सभी बच्चों के समावेश के रास्ते तैयार करने हैं।
कार्यशाला में दिव्यांगता एवं समावेशी शिक्षा विषय पर बोलते हुए रिसोर्स पर्सन एवं स्पेशल एजूकेटर प्रमोद चहल ने कहा कि समावेशी शिक्षा सभी बच्चों को बाधामुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए है। इसमें बच्चों के अनुकूल शिक्षा का अनुकूलन किया जाता है। दया के स्थान पर विद्यार्थियों का अध्ययन करके उन्हें अच्छी शिक्षा बनाने की रणनीति बनाई जाती है। नागरिक अस्पताल करनाल में परामर्शदाता डॉ. हवा सिंह ने आटिस्म स्पैक्टरम डिसआर्डर विषय पर अपने अनुभव सांझा करते हुए चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऑटिस्म वातावरण और जेनेटिक कारणों से होता है। वातावरण को अनुकूल बनाकर हम बच्चों की स्थितियों और शिक्षा में सुधार कर सकते हैं। परामर्शदाता डॉ. कांता रानी ने विशिष्ट सीखने की अक्षमताओं पर चर्चा की। स्पेशल एजूकेटर अमित कुमार ने विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के विकास एवं शिक्षा में समुदाय की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि अभिभावकों व समुदाय के सहयोग के बिना समावेशी शिक्षा की योजना को सफल नहीं बनाया जा सकता। एपीसी पवन कुमार ने आए अधिकारियों, स्कूल मुखियाओं व अध्यापकों का आभार ज्ञापन किया।
कार्यशाला को सफल बनाने में विशेष अध्यापक मुकेश कुमार, सीमा सुखीजा, रेणू, रूपिन्द्र कौर, मीना, रूचि, मीनू, पुरूषोत्तम लाल, मीनाक्षी, शीतल, जगबीर सिंह, सुरेश कुमार, निशा, प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, एबीआरसी युगल किशोर, ललित कुमार का योगदान रहा।
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