Tuesday, December 31, 2024

MID DAY MEAL WORKER SALOCHNA DEVI RETIRES AFTER 16 YEARS OF TENURE

 16 साल के कार्यकाल के बाद मिड-डे-मील वर्कर सलोचना देवी सेवानिवृत्त

स्कूल ने सम्मान के साथ दी भावभिनी विदाई

सेेवानिवृत्त कर्मचारी व परिजनों को किया सम्मानित
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मिड-डे-मील कर्मी सलोचना देवी की सेवानिवृत्ति पर उन्हें भावभीनी विदाई देते प्रधानाचार्य व अध्यापक। 

इन्द्री, 31 दिसंबर 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 16 वर्ष के कार्यकाल के बाद मिड-डे-मील वर्कर सलोचना देवी सेवानिवृत्त हो गई। स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में स्टाफ के सदस्यों ने सलोचना देवी को सम्मानित करते हुए भावभीनी विदाई दी। समारोह में सेवानिवृत्त मिड-डे-मील वर्कर की पुत्री कविता और पुत्र अमित कुमार को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती, सतीश राणा, स्टाफ सचिव राजेश सैनी, संजीव कुमार, नरेश मीत, सीमा गोयल, निशा कांबोज, मिड-डे-मील वर्कर सुषमा, उनकी पुत्री कविता कांबोज सहित स्टाफ सदस्यों ने सलोचना देवी के योगदान और कार्यकाल को रेखांकित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। 


प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने कहा कि मिड-डे-मील राष्ट्रीय महत्व की योजना है। मिड-डे-मील वर्कर इस व्यवस्था की रीढ़ हैं, जिनके द्वारा बनाया गया खाना हमारे देश के भविष्य के पोषण में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सलोचना देवी ने मेहनत से कार्य किया है। समय पर स्कूल में पहुंचना और खाना बनाने में जुट जाना उनका नियमित कर्म रहा। उन्होंने उन्हें आगामी जीवन की शुभकामनाएं दी। सुभाष भारती ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद में कर्मचारी की दिनचर्या बदल जाती है। क्योंकि काम करने के लिए समय पर कार्यस्थल पर पहुंचने की चिंता नहीं होती। उन्होंने सलोचना देवी के बेटे को उनके स्वास्थ्य और सम्मान का ध्यान रखने की अपील की।


हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने सेवानिवृत्त हो रही कर्मचारी सलोचना देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यमुना नगर के गांव बुबका में उनका जन्म हुआ। बड़े परिवार में उन्हें कम ही पढऩे का मौका मिला। गांव ब्याना में उनका विवाह हुआ। 2007 में उनके जीवन साथी का असामयिक देहांत हो गया। उसके बाद उन्होंने पहले आंगनवाड़ी और बाद में स्कूल में मिड-डे-मील वर्कर के तौर पर कार्य किया। उन्होंने बताया कि 2008 में जब मिड-डे-मील योजना का छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए विस्तार किया गया तभी से स्कूल में उन्होंने मिड-डे-मील वर्कर के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया था। सेवानिवृत्ति के आखिरी दिन तक उन्होंने लगन व मेहनत से काम किया। 


समारोह के बाद में प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, मिड-डे-मील प्रभारी रमन बग्गा, नरेश मीत, सीमा गोयल, संगीता, मीना, कविता कांबोज उन्हें सम्मानपूर्वक उनके घर छोडऩे के लिए गए। सलोचना देवी ने समस्त स्टाफ सदस्यों का आभार ज्ञापन किया। इस मौके पर प्राध्यापक विनोद भारतीय, बलविन्द्र सिंह, सलिन्द्र मंढ़ाण, डॉ. महाबीर सिंह, सन्नी चहल, संदीप कुमार, विनोद आचार्य, विवेक कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार, गोपाल दास, मुकेश खंडवाल, अश्वनी भाटिया, अश्वनी भाटिया, महेश कुमार, रमन सैनी, निर्मल सिंह, विनीत सैनी, स्नेह लता, गोपाल सिंह, जितेन्द्र कुमार, विजय कुमार, सुरेन्द्र कुमार, लिपिक आशीष कांबोज, अरुण कांबोज, प्रवीण कौर सहित समस्त स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।



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