जीवन का आधार सांसें बढ़ाने के लिए परिवेश को निखारें: डॉ. रामजी
फूलों की मुहिम और हमारा पर्यावरण विषय पर सेमिनार को फ्लावर मैन ने किया संबोधित
कहा: 11 राज्यों में फैल चुकी है फूलों की मुहिम
इन्द्री, 9 दिसंबर
फ्लावर मैन ऑफ इंडिया डॉ. रामजी जयमल ने कहा कि सांसों पर जीवन टिका हुआ है। बच्चा जब जन्म लेता है तो सांस लेता है और जीवन के आखिरी क्षण में भी मनुष्य सांस लेता है। सांस बढ़ाने के लिए हमें अपना परिवेश बेहतर बनाना चाहिए। वे गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में फूलों की मुहिम और हमारा पर्यावरण विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन फूलों की मुहिम से जुड़े हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।
डॉ. रामजी जयमल ने कहा कि वे 20 सालों से फूलों की मुहिम चला रहे हैं। सिरसा जिला के गांव दड़बी से शुरू हुई फूलों की मुहिम आज देश के 11 राज्यों में यह मुहिम फैल चुकी है। उन्होंने अपने हाथों से देश के विभिन्न स्थानों पर जा-जाकर फूलों के बीज बोए हैं। पौध तैयार होने के बाद उसे जगह-जगह रोपा जाता है। उन्होंने कहा कि गत 20 सालों से उनका जीवन पेड़ और पौधा है ताकि मनुष्य और जीव-जंतु अच्छी तरह सांसें ले सकें। उन्होंने कहा कि हमारे परिवेश में खिले फूल हमारे पर्यावरण को संवारने के साथ-साथ मनुष्य सोच को सकारात्मक बनाते हैं। उन्होंने कहा कि करनाल जिला में फूलों की मुहिम की बहुत ही सशक्त टीम है। उन्होंने कहा कि मनुष्य ही एक ऐसा जीव है, जोकि अन्य जीव-जंतुओं को परेशान करता है। मनुष्य ने चिडिय़ों के घोंसले उजाड़ दिए। कितने ही जीवों का जीवन संकट में आ गया है। प्राकृतिक संसाधानों का जमकर दोहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को पेड़-पौधों का संरक्षण करना चाहिए। स्कूल की छात्रा सिमरण, दिव्या और अखिल ने फूलों की मुहिम की शुरूआत सहित अनेक प्रकार के सवाल किए और डॉ. जयमल ने सवालों का जवाब दिया।
प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने फ्लावर मैन का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाई जा रही फूलों की मुहिम से जुडऩे का आह्वान किया। इस्लामगनर में फूलों की पौधशाला के संयोजक धर्मवीर लठवाल ने पर्यावरण रक्षा के लिए हम सभी को अपने आस-पास के परिवेश में गंदगी डालने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पोलिथीन पर्यावरण के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि पृथ्वी के तापमान में लगातार हो रही वृद्धि पर्यावरण विदों के लिए चिंता बनी हुई है। ऐसे में फूलों की मुहिम पर्यावरण संरक्षण को नए आयाम दे रही है। फूलों के जरिये लोगों के मन में स्वच्छता और सुंदरता को स्थान दे रही है। इस मौके पर सतीश राणा, विनोद भारतीय, बलविन्द्र सिंह, सलिन्द्र मंढ़ाण, सीमा गोयल, गोपाल दास, सन्नी चहल, मुकेश खंडवाल, अश्वनी भाटिया, नरेन्द्र कुमार, अश्वनी कांबोज, रमन सैनी, संगीता शर्मा, मीना उपस्थित रहे।
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