हरियाणवी रागणी
रहै ना कोई भूखा-प्यासा और रहै ना कोई गमगीन
कोई किसे पै राज करै ना और रहै ना कोई अधीन
अच्छी शिक्षा मिलै सभीनै, मुफ्त हो सेहत की सुविधा
जनता के हित सरकारां हों, रहै ना कोई भी दुविधा
पूंजीपतियां के हक मैं दिखै ना कोई कती भी सीन
साम्राज्यवाद का मिटै नास अर जनतंत्र मैं सच्चाई हो
मज़दूर किसान संपन्न बणै अर लूटै ना कोई कमाई हो
सबनै मिलै काम-सम्मान अर कोई भी ना हो दीन
दुनिया बेहतर बनावण खात्तर भगत सिंह नै कुर्बानी दी
उधम सिंह अश्फाक आजाद नै देश पै वार जवानी दी
लड़ी लड़ाई आजादी की, किताबां पढ़ करी छानबीन
-अरुण कुमार कैहरबा
कवि एवं हिन्दी प्राध्यापक
वार्ड नं.-4, रामलीला मैदान, इन्द्री
जिला-करनाल, हरियाणा
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