सरकारी स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के विभिन्न आयामों पर हुई चर्चा
मनोज पंवार व प्रदीप बालू ने मंथन के नूतन प्रयासों से अवगत करवाया
बाल मंथन ई-पत्रिका के दूसरे अंक का हुआ विमोचन
इन्द्री 21 जूनसरकारी स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए अध्यापकों द्वारा बनाई गई मंथन टीम के वरिष्ठ सदस्य मा. मनोज पंवार व प्रदीप बालू उपमंडल के गांव पंजोखरा स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला व इन्द्री में पहुंचे। इस मौके पर बाल मंथन ई-पत्रिका के दूसरे अंक का विमोचन किया गया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व प्राथमिक शिक्षक सबरेज अहमद की अगुवाई में अध्यापकों ने दोनों अतिथियों का स्वागत किया।
मनोज पंवार व प्रदीप बालू ने कहा कि देश भर के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी अध्यापकों की एकजुटता व सजगता जरूरी है। शिक्षा में नवाचार व नूतन प्रयासों को आगे बढ़ाने व अध्यापकों को एक मंच प्रदान करने के लिए मंथन टीम का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई नई स्थितियों में मंथन ने घर से पढ़ाओ अभियान के तहत ऑनलाइन शिक्षण के लिए कार्य किया। अभियान के तहत अनेक अध्यापकों ने घर पर रहते हुए ही मिलकर कार्य किया ताकि बच्चों तक अच्छी शिक्षण-अधिगम सामग्री पहुंच सके। उन्होंने बताया कि बच्चों की बाल मंथन पत्रिका मंथन टीम का एक दूसरा प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से सरकारी स्कूलों के अध्यापक व बच्चों को रचनात्मक अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।
अरुण कैहरबा ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा आमने-सामने अध्यापक व विद्यार्थियों की सामूहिकता व सीखने-सिखाने का विकल्प नहीं हो सकता। कोरोना काल में बच्चों द्वारा अधिक समय मोबाइल के माध्यम से सीखने से अनेक प्रकार की समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। जिन बच्चों के घरों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे समावेशी शिक्षा से वंचित हो गए हैं। ऐसे में बच्चों को साहित्य के साथ जोड़े जाने की जरूरत है। उन्होंने बाल मंथन को एक सराहनीय प्रयास बताया। बाल मंथन में डिजाइनर की भूमिका निभाने वाले सबरेज अहमद ने इन्द्री क्षेत्र में अध्यापकों द्वारा होने वाले नवाचारों के बारे में जानकारी दी।
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