स्टारमेकर व सेम्युल सिंगिंग एप, 2 साल, 42भाषाएं, 27 हजार गीत
सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. राज रूप फुलिया ने गायन में बनाया कीर्तिमान
अरुण कुमार कैहरबा
मेहनत और जुनून से किया गया काम एक दिन अपनी चमक बिखेर ही देता है और वह मिसाल बन जाता है। किसी शायर ने कहा-कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। हरियाणा में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए आईएएस अधिकारी डॉ. राज रूप फुलिया ने 66 साल की उम्र में गायन के क्षेत्र में ऐसा ही कारनामा किया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस ने गायन में एक के बाद एक पांच रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज किए हैं। उनका हालिया रिकॉर्ड स्टारमेकर व सेम्युल एप पर दो साल की अवधि में 42भाषाओं, जिनमें 21 विदेशी भाषाएं हैं, में 27हजार गीत गाने और अपलोड करने का है। चंडीगढ़ में हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस के प्रतिनिधियों ने उन्हें रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र एवं गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. राजरूप फुलिया का गायन के प्रति जुनून इतना है कि वे बिना रूके कईं घंटे गा सकते हैं। उन्होंने स्टारमेकर व सेम्यूल सिंंगिंग एप पर अपने गायन की शुरूआत जुलाई, 2018 में की थी और मात्र नौ महीने में दस हजार से ज्यादा गाने पोस्ट करके अपना पहला रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद 30 मई, 2019 को उन्होंने एक दिन में 202 इंडोनेशियन भाषा के गीत गाने और पोस्ट करने का दूसरा रिकॉर्ड बनाया। इसी बीच उन्होंने चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर व कुरुक्षेत्र में संगीत संध्या के सफलतम लाईव कार्यक्रम देकर सुर्खियां हासिल की।
डॉ. राज रूप फुलिया ने अब स्टारमेकर व सेम्युल एप पर 27 हजार से अधिक गीत गाकर एक हैरान कर देने वाला रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने जिन 42भाषाओं में गीत गाए हैं, उनमें इंडोनेशियन, स्पैनिश, तुर्किश, इटेलियन, पोर्तुगीज, फ्रैंच, जैपनीज, अरैबिक, सर्बियन, अरमानी, अलगेरियन, उजबेक, वियतनामीज, नेपाली, भूटानी, अंग्रेजी, चाईनीज, फिलीपीनो, सिन्हाला व कोरियन जैसी विदेशी भाषाओं सहित हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली, उडिय़ा, तामिल, तेलुगू, मल्यालम, कन्नड़ा, असमीज, मनिपुरी, मीजो, गारो, बोड़ो, गढ़वाली, भोजपुरी, हिमाचली, कश्मीरी, हरियाणवी व राजस्थानी भाषाएं शामिल हैं।
डॉ. फुलिया ने अपना जीवन अपनी तरह से जोश व जुनून के साथ जीया है। उन्होंने घुड़सवारी, पर्वतारोहण, रीवर रैफ्टिंग, लंबी पैदल यात्रा एवं साहसिक गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने 2004 में अकेले कार चलाकर भारत के चारों कोनों की 54 दिन में 18666 किलोमीटर लंबी यात्रा का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवाया। इसके अलावा वे चार सोलो लंबी कार यात्राएं कर चुके हैं, जिनकी कुल दूरी 50 हजार किलोमीटर से अधिक बनती है।
सेवानिवृत्ति के बाद उनका जो शौक चर्चा का विषय बना हुआ है, वह है-संगीत एवं गायन। उन्होंने 2018 में ही अपने इस शौंक को पूरा करने की ठानी। अप्रैल, 2018 में चंडीगढ़ स्थित टैगोर थियेटर में उन्होंने संगीत संध्या आयोजित की। संगीत संध्या में उच्च प्रशासनिक अधिकारी उनके गायन को सुनने के लिए पहुंचे। उनके गायन की तारीफ हुई। उस कार्यक्रम में उन्हें 10हजार गीत गाने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड ने सम्मानित किया था।
राज रूप फुलिया का जन्म 30मार्च, 1954 में तत्कालीन जिला करनाल और अब पानीपत के गांव अटावला में हुआ। गांव के सरकारी स्कूल से उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा ग्रहण की। 1970 में दयाणा के राजकीय स्कूल में दसवीं में टॉप किया। उसके बाद पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। 1972 में बैंक ऑफ इंडिया में लिपिक के पद पर तैनात हुए। अपनी शिक्षा के बल पर पदोन्नति पाई और प्रोबेशनरी ऑफिसर बने। 1980 में इंडियन इकोनोमिक सर्विस में आ गए। स्कूल के बाद सारी शिक्षा जोब करते हुए इवनिंग सत्र से पायी। 1983 में आएएस (हरियाणा काडर) अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। एसडीएम, एडीसी, डीसी, आयुक्त व मुख्य सचिव तक विभिन्न पद संभाले। चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा व गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के वाईस चांसलर रहे। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अनेक प्रकार की उपलब्धियां उनके नाम हैं। अधिकारी के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत के लिए वे जाने जाते हैं।
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