Friday, July 3, 2020

STATE LEVEL KAVI SAMMELAN

‘यार मेरा मेरे तै जुदा भी नहीं, आदमी सै बड़ा पर खुदा भी नहीं’

एविड मोटिवेशन व रेडियो मेरी आवाज 2.0 ने करवाया राजय स्तरीय कवि सम्मेलन

हरियाणा के अलावा हिमाचल प्रदेश व यूपी के कवियों ने पढ़ी अपनी कविताएं

अरुण कुमार कैहरबा

एविड मोटिवेशन व रेडियो मेरी आवाज 2.0 के तत्वावधान में राज्य स्तरीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में कवियों ने हिन्दी व हरियाणवी में अपनी कविताएं व गजलें सुनाई। सम्मेलन का संयोजन अध्यापक एवं कवि मोनू कुमार ने किया। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अरुण कुमार कैहरबा ने की और संचालन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की कवयित्री स्मृति चौधरी ने किया। कवि सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के मंडी से कवयित्री मंजूला वर्मा, जींद से हरियाणवी के प्रसिद्ध कवि मंगत राम शास्त्री खड़तल, हिसार से राज कुमार जांगड़ा राज, फरीदाबाद से मोहन कुमार शास्त्री व देवेन्द्र गौड़, चरखी दादरी से राजेश कुमार, कैथल से कर्मचंद केसर, झज्झर से एडवोकेट सुमित पांडवान, फरीदाबाद से संजय तन्हा व बहादुरगढ़ जगबीर कौशिक ने विभिन्न विषयों पर अपनी रचनाएं सुनाई।

हरियाणा के प्रसिद्ध हरियाणवी कवि मंगत राम शास्त्री ने अपनी गजल में कुछ यूं कहा-यार मेरा मेरे तै जुदा भी नहीं, आदमी सै बड़ा पर खुदा भी नहीं। एक अन्य गजल से उनका शेर गौर फरमाएं- काम करण की नीत जै हो तो कुछ नी मुश्किल, सब कुणबे की ठीक रै हो तो कुछ नी मुश्किल। पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता जताते हुए वे कहते हैं- पाणी हवा जमीन बना दी जहरीली, धरती की तासीर बिगाड़ी माणस नै। कैथल से हरियाणवी शायर कर्मचंद केसर की गजल का अंदाजे बयां देखिए- 'क्यों गेरै सै पतंगा तूं नरभाग पाणी मैं, क्या काढ़ैगा ला कै नै आग पाणी मैं।' उनका एक अन्य शेर देखिए-'किसे तै घाट नहीं सै मां मेरी, पीसा-पीसा हाथ बोच कै जोड़ दिया।'

कवि सम्मेलन में मंडी हिमाचल प्रदेश की कवयित्री मंजूला वर्मा ने तरन्नुम में अपना प्रसिद्ध गीत-बदरिया सुनाया तो श्रोता झूम उठे- मंजूला वर्मा- कारे-कारे बदरा घिर-घिर आए, उमड़ घुमड़ अमृत बरसाए, रिमझिम-रिमझिम बरसे रे पानी, नाचे रे नाचे झमाझम बरखा की रानी।

फरीदाबाद के उस्ताद कवि मोहन कुमार शास्त्री ने कहा- उजाला ढूंढऩे वालो उजाला दिल के अंदर है, नदी तट पर थके हो तुम अति गहरा समंदर है, नहीं मिलती उन्हें मंजिल बहाना जो बनाते हैं, लगादे जान की बाजी वही तो बस सिकंदर है। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा- हुए जो देश पर कुर्बां सभी के दिल में रहते हैं, सदा उनके तराने ही सदा महफिल में रहते हैं।
 चरखी दादरी से कवि राजेश कुमार डागर ने कविताओं में लय पर चिंतनपरक कविता पढ़ी तो कवियों ने खूब दाद दी। उन्होंने एक अन्य कविता में कहा- जिद भी जिद है मैं हर जिद भी मान लेता हूँ, उसकी जिद की हर बात मैं जान लेता हूँ।

हिसार के कवि राज कुमार जांगड़ा राज ने अपनी हरियाणवी और हिन्दी रचनाएं सुनाई-'अक्ल के दाणे नहीं मगज मैं खुद विद्वान बता रे सैं, झूठे भरैं हुंकारे सारे भेड़चाल मैं जारे सैं।' उन्होंने हिन्दी कविता में कुछ यूं कहा- 'रोज-रोज यूं ना रूलाया कर ऐ जिंदगी, कभी-कभी मां सी भी बन जाया कर ऐ जिंदगी। ज्ञान का दीप जलाओ साथी, अज्ञान अंधेरा मिटाओ साथी।'
फरीदाबाद के ही शायर संजय तन्हा ने आपस में लड़ते झगड़ते लोगों पर कहा- 'प्यारे सब के जानवर रिश्तों में टकराव। दिन-दिन होता जंगली लोगों का बर्ताव।।' उनकी गजल के शेर पढि़ए- 'गूंगा है पर बयान रखता है, उंगलियों में जुबान रखता है। काम उसके नहीं बिगड़ते हैं, जो बसर इत्मिनान रखता है, खेत पहले ही बिक गए उसके, अब तो गिरवी मकान रखता है। पेट क्या-क्या ना मुझसे बिकवाता, रोज सर पर दुकान रखता है। चाल सारी नहीं चला करता, गोटी कुछ हुक्मरान रखता है।'
बहादुरगढ़ से कवि जगबीर कौशिक ने समसामयिक चिंताओं को अपने गीत में कुछ यूं बयां किया- 'आजादी का पर्व खुशी का पर कैसे खुशी मनाऊं मैं, जहां भी देखूं भारत मां को वहीं बिलखते पाऊं मैं। दिन-प्रतिदिन टूट रहा है भारत में भाईचारा, भारत मां की आंखों से आज बह रही है अश्रुधारा, धर्म-जाति की आग लगी है, कैसे इसे बुझाऊं मैं।'

वरिष्ठ कवि देवेन्द्र गौड़ ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समसामयिक राजनैतिक परिदृश्य पर करारे तंज कसे-'इलाज में लगे हैं कुछ बचाव में लगे, कुछ अपने घर व पेट के बढ़ाव में लगे, कुछ रैली कर बिहार के चुनाव में लगे। उन्होंने कहा- जो बदबूदार थे वो सारे इत्र बन गए, वो कुर्सी के लिए सारे मित्र बन गए।'

कवि सम्मेलन के संयोजक कवि मोनू कुमार ने कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कहा कि इससे पहले सात राज्यों में सफल कवि सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। वर्चुअल कवि सम्मेलन कवियों को आपस में जोडऩे और एक दूसरे की रचनाओं को सुनने-सुनाने का रचनात्मक मंच बना है। उन्होंने अपनी कविता सुनाते हुए कहा-'एक मिट्टी की मूरत बना कर चला, एक भोली सी सूरत बनाकर चला, तुम नहीं मेल खाते मेरे अक्स से। तुम्हें फिर भी दिल में बसा कर चला।'
अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी करते हुए कवि अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि कविताएं अपने समय का दस्तावेज होती हैं, जोकि सोयी हुई चेतना को झकझोरने का काम करती हैं। कवि अपने समय की चुनौतियों, सुंदरता और विद्रूपता को श्रेष्ठ शब्दों में पिरोता हुआ अपना दायित्व निभाता है। उन्होंने कहा कि कवि सम्मेलन में विविध रंगों का समावेश देखने को मिला। आनंद, चिंतन व सरोकार का सामंजस्य कवियों की कविताओं में समाया हुआ था। उन्होंने कवियों को अपना रचनाकर्म आगे बढ़ाते रहने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने तरन्नुम में अपना बरसात गीत सुनाते हुए कहा- 'झम-झम बरस रही बरसात, चल तू पकड़े मेरा हाथ। अब वर्षा से क्या है डरना, बाहर निकलें बनकर झरना, मिट्टी में कीचड़ बन खेलो, जीवन से जो दुख है हरना। आओ बच्चे सब बन जाएं, ये रिमझिम है सौगात।'
HARYANA PRADEEP 6-7-2020

22 comments:

  1. अरुण जी धन्यवाद आपके साथ आज का कवि सम्मेलन बहुत ही बेहतरीन रहा। हरियाणा की माटी को ,हरियाणा के संस्कारों को, हरियाणा की आवाज को मेरा नमन

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  2. अरुण जी धन्यवाद आपके साथ आज का कवि सम्मेलन बहुत ही बेहतरीन रहा। हरियाणा की माटी को ,हरियाणा के संस्कारों को, हरियाणा की आवाज को मेरा नमन

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  3. आपका लाजवाब संचालन यादगार रहेगा स्मृति जी। हार्दिक आभार

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  4. बहुत शानदार कार्यक्रम,आयोजक टीम को बधाई

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  5. शबनम भारतीय फतेहपुर शेखावाटी सीकर राजस्थान

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    1. प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार जी

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  6. बेहद शानदार कार्यक्रम का आयोजन ...समस्त आयोजक टीम को हृदय पटल से असीम आभार एवम् शुभकामनाएं 🙏💐💐💐
    डॉ शालिनी गुप्ता,सोनभद्र,उत्तर प्रदेश

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    1. प्रोत्साहन के लिए दिल की गहराईयों से आभार आदरणीया डॉ. शालिनी गुप्ता जी

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    1. प्रोत्साहन के लिए दिल की गहराईयों से आभार आदरणीया भारती बेहल जी

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  8. शानदार,जानदार कार्यक्रम

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    1. आपने शानदार रचनाओं के जरिये रंग जो जमा दिया गौड़ साहब

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    1. प्रोत्साहन के लिए दिल की गहराईयों से आभार Swati Jaisalmeria जी

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  10. बहुत ही शानदार जी 🎊 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷

    हीरा सिंह कौशल हिमाचल प्रदेश

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  11. बहुत ही शानदार जी 🎊 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷

    हीरा सिंह कौशल हिमाचल प्रदेश

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    1. उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार हीरा सिंह कौशल जी। आशा है इस ब्लॉग पर आपका स्नेह और आशीर्वाद निरंतर मिलता रहेगा।

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    1. प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार जी

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  13. बेहद शानदार कार्यक्रम,समस्त कलमकारों को हृदय पटल से असीम आभार एवम् शुभकामनाएं 🙏💐💐💐
    रजनी अग्रवाल जोधपुर

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    1. प्रोत्साहन के लिए दिल की गहराईयों से आभार रजनी अग्रवाल जोधपुर ji

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