Tuesday, July 7, 2020

कविता                                                                                                                          मिलना ही चाहिए

रचनाकार-अरुण कुमार कैहरबा

सबको सेहत सबको ज्ञान मिलना ही चाहिए
सबको खुशियां सबको मान मिलना ही चाहिए

बच्चा कोई भी भूखा ना हो 
चेहरा मुरझाया-सूखा  ना हो
सबको बेहतर खान-पान मिलना ही चाहिए।

अंतर मिटे जाति-वर्ण का 
भेदभाव हटे लिंग-धर्म का 
सबको हक एक समान मिलना ही चाहिए।

सत्ताओं को मुंह चिढ़ाए
बेरोजगारी बढ़ती ही जाए
सबको काम, पूरा दाम मिलना ही चाहिए।

मजदूर पे गिरती गाज क्यों
फिर भी नहीं आवाज क्यों
श्रमिक को सुरक्षा-सम्मान मिलना ही चाहिए

खुद को समझें शहंशाह
जनता की नहीं परवाह
जनतंत्र में जनता को ध्यान मिलना ही चाहिए।
JAMMU PARIVARTAN 08-07-2020

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