मातृभाषा का प्रयोग करते हुए संकोच ना करें: अरुण
मातृभाषा सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित
इन्द्री, 22 फरवरी
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मातृभाषा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मातृभाषा और हमारी जिम्मेदारी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक सुभाष चन्द ने की और संचालन हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि दुनिया की हर एक भाषा मातृभाषा है। लेकिन कोई भी भाषा उन्हीं की मातृभाषा हैं, जिन्हें वह पारिवारिक रूप से विरासत में मिलती है। मां की लोरियों और परिजनों के दुलार से जो भाषा हमें मिली है, उसे मातृभाषा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा को बोलना हम अपने परिवार से सहज व स्वाभाविक रूप से सीख जाते हैं। सबसे पहले भाषा सुनकर सीखी जाती है। बाद में उसी में हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करने लगते हैं। जब कोई भी बच्चा स्कूल में पहुंचता है तो वह अपनी बात कहना जानता है। स्कूल में भाषा का लिखित रूप भी सीखने को मिलता है। पढऩा और लिखना भाषा के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में अच्छे होते हैं, उन्हें दुनिया की कोई भी अन्य भाषा सीखने का मौका मिले तो वह आसानी से सीख जाते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी भाषा हम सीखें, लेकिन अपनी भाषा व बोली बोलने और अपनी बात कहने में हमें डर व संकोच नहीं होना चाहिए। भाषा के कामचलाऊ रूप के साथ-साथ भाषा का रचनात्मक रूप भी होता है, जिसमें हम अपनी भावनाएं व्यक्त करके कलात्मकता का परिचय देते हैं। अच्छे वक्ता को सुनना हमें अच्छा अनुभव प्रदान करता है। इसी प्रकार से कविता और कहानी सहित विभिन्न विधा से जुड़ी रचनाएं पढऩा हमें आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि भाषा में रचनात्मकता के विविध आयाम होते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि भाषा का बुनियादी ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ अभ्यास करें और अपनी भाषा को निखारें। अच्छी भाषा हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हिन्दी प्राध्यापक डॉ. सुभाष चन्द व नरेश मीत ने बताया कि मातृभाषा सप्ताह के अवसर पर स्कूल में निबंध लेखन, कविता पाठ, नारा लेखन/पोस्टर बनाओ व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि भाषा विकास पर केन्द्रित करते हुए विद्यार्थी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लें। इस मौके पर प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह, सतीश कांबोज, सलिन्द्र कुमार, सतीश राणा, राजेश सैनी, बलराज, राजेश कुमार, अनिल पाल, संदीप कुमार, महावीर सिंह, विवेक कुमार, विनोद कुमार, दिनेश कुमार, मुकेश खंडवाल, सीमा गोयल, चन्द्रवती, निशा कांबोज उपस्थित रहे।
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