कृमि मुक्ति दिवस पर 800 से अधिक बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलाई
रा. मॉडल संस्कृति विद्यालय ब्याना में विद्यार्थियों के साथ स्वयं भी चबाकर खाई एलबेंडाजोल की गोली
स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए कृमि से छुटकारा जरूरी: अरुण कैहरबा
इन्द्री, 10 फरवरी
गांव
ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में कृमि नाशक एलबेंडाजोल की
टेबलेट खिलाई गई। कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा, प्राध्यापक
संजीव कुमार, बलविन्द्र सिंह, सतीश राणा, संदीप कुमार, सन्नी चहल, सलिन्द्र
कुमार, दिनेश कुमार, सतीश कांबोज, अनिल पाल, गोपाल दास, विवेक कुमार,
मुकेश कुमार, नरेश मीत, चन्द्रवती, निशा कांबोज व अध्यापकों ने स्वयं 800
से अधिक विद्यार्थियों के साथ एलबेंडाजोल की गोली खायी। विद्यार्थियों ने
कृमि से छुटकारा, सेहतमंद भविष्य हमारा का नारा गुंजायमान किया। उप
स्वास्थ्य केन्द्र ब्याना में चिकित्सा अधिकारी डॉ. रिचा शर्मा की अगुवाई
में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने कृमि मुक्ति अभियान का निरीक्षण किया।
विद्यार्थियों
को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वास्थ्य
अनमोल धन है। स्वास्थ्य के बिना हम अच्छी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य की
कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आंत के परजीवी कृमि स्वास्थ्य के लिए
खतरा हैं। जो पोषाहार हम ग्रहण करते हैं, कृमि वे सारा भोजन और उस भोजन से
बनने वाला सारा रस खुद चट कर जाते हैं। जिससे बच्चे कभी कमजोर हो जाते हैं
और कभी चिड़चिड़े। पेट में यदि कृमि हों तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी
बुरी तरह से प्रभावित होता है और पढ़ाई में मन नहीं लगता।
पेट में कृमि होने के क्या हैं कारण-
अरुण
कैहरबा ने कहा कि पेट में कृमि का मुख्य कारण अस्वच्छता और दूषित भोजन
ग्रहण करना है। गंदे व प्रदृषित वातावरण के अलावा नंगे पांव रहने से भी
कृमि पेट में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज कल बच्चे खुले में रखा जंक
फूड ज्यादा पसंद करते हैं। रेहडिय़ों रखे फास्ट फूड की बजाय विद्यार्थियों
को घर पर पका खाना खाना चाहिए। फल धोकर नहीं खाने और सब्जियां धोकर नहीं
पकाने से भी कृमि हमारे अंदर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृमि पैदा होने
का एक कारण हमारे गंदे हाथ हैं, जिनसे हम खाना खाते हैं। कृमि से बचने के
लिए सभी को भोजन खाने से पहले और शौच जाने के बाद अपने हाथ साबुन के साथ
अच्छी प्रकार से धोने चाहिएं।
एलबेंडाजोल की गोली के फायदे-
कार्यकारी
प्रधानाचार्या अरुण कुमार कैहरबा ने बताया कि एलबेंडाजोल की गोली कृमि
नाशक गोली है। छह महीने में एक बारे इसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 से 19
वर्ष तक के सभी बच्चों को खिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह गोली हमारी
आंतों में जमे कृमि से हमें छुटकारा दिलाती है। उन्होंने सभी बच्चों को
इसका सेवन करना चाहिए। स्कूल के जो बच्चे घर से नाश्ता करके आए थे, उन्हें
प्रात:कालीन सभा में ही एलबेंडाजोल खिलाई गई। पहली से आठवीं कक्षा के जो
बच्चे घर से नाश्ता नहीं खाकर आए थे, उन्हें मिड-डे-मील के बाद गोली दी गई।
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HARYANA PRADEEP 11-2023 |
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DAINK JAGMARG 11-2-2023 |
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