Saturday, February 4, 2023

ROLE MODEL PROGRAMME IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 चुनौतियों का सामना करके आगे बढ़ें छात्राएं

रा.मॉ.सं.व.मा. स्कूल ब्याना में रोल मॉडल कार्यक्रम आयोजित

छात्राओं ने पूछे सवाल रिसोर्स पर्सन ने दिए जवाब

टॉपर रिम्सी व खुश्बू को किया सम्मानित


इन्द्री, 4 फरवरी

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में रोल मॉडल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी की रिसोर्स पर्सन गुंजन ने छात्राओं के साथ अपने जीवन के अनुभव सांझा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उप स्वास्थ्य केन्द्र ब्याना की चिकित्सा अधिकारी डॉ. रिचा शर्मा ने छात्राओं को व्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर विस्तृत व्याख्यान दिया। मुख्य अतिथि के रूप में गांव की सरपंच अंजू रानी व समाजसेवी विपिन कांबोज ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा और एसएमसी प्रधान रजनी ने की। मंच संचालन गणित प्राध्यापिका सीमा गोयल व ब्यूटी एंड वेलनेस अनुदेशिका निशा कांबोज ने किया। कार्यक्रम का संयोजन प्राध्यापक राजेश कुमार, बलविन्द्र सिंह व एबीआरसी सुखविन्द्र सिंह ने किया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सलिन्द्रो देवी, सुदेश, नीलम, समाजसेवी प्रियंका कांबोज, बबली देवी, पंचायत सदस्य मान सिंह सैनी व लिपिक आशीष कांबोज मौके पर मौजूद रहे। समारोह में स्कूल की बारहवीं कक्षा में गत वर्ष प्रथम आई छात्रा रिम्सी और दसवीं कक्षा में प्रथम आई खुशबू को सम्मानित किया।

रोल मॉडल गुंजन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पुराने समय से ही हर जाति व सम्प्रदाय की लड़कियों व महिलाओं को अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। एक समय ऐसा भी था जब लड़कियों की शिक्षा के बारे में सोचा भी नहीं जा रहा था। सती प्रथा, दहेज व घूंघट प्रथा महिलाओं की समानता को चिढ़ाती रही हैं। अनेक समाज सुधारकों ने उन समस्याओं पर चर्चा छेड़ी और महिला समानता के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिकाओं के साथ महिला-पुरुष समानता की दिशा में बदलाव लेकर आएंगी। उन्होंने छात्राओं से सदैव आगे बढऩे,  सजग रहने और व्यवहार कुशलता को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह औजार है, जिससे हम आगे बढ़ सकते हैं। छात्राओं ने रोल मॉडल से सवाल पूछ कर अपनी जिज्ञासाएं रखीं और रोल मॉडल ने उनके जवाब दिए।


चिकित्सा अधिकारी डॉ. रिचा शर्मा ने कहा कि अनेक प्रकार के अंधविश्वास ऐसे हैं, जोकि लड़कियों व महिलाओं के स्वास्थ्य का रोड़ा बने हुए हैं। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, पौषाहार के बिना यह मशीन नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि छात्राओं को सुबह का नाश्ता जरूर लेना चाहिए। अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां और विटामिन-सी से भरपूर खट्टे फल आदि का सेवन जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है। जब तक हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं देंगे, हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने माहवारी सहित छात्राओं के स्वास्थ्य की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। 


कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि 1848 में देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले ने पुणे में देश का पहला लड़कियों का स्कूल खोला था। उस समय समाज में लड़कियों की शिक्षा को अच्छा नहीं माना जाता था। सावित्री बाई फुले को अनेक लोग भला-बुरा कहते थे। स्कूल में पढ़ाने के लिए जाते हुए उन पर कीचड़ फेंका जाता था। आज लड़कियों की शिक्षा लंबा सफर तय करके आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस तरह के कार्यक्रम छात्राओं को किसी क्षेत्र में आगे बढ़ गई महिलाओं के साथ संवाद करने के अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने स्कूल की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। समाजसेवी प्रियंका कांबोज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में स्कूल की छात्रा पायल, बिंदिया, खुशी, हिमांशी आदि ने गीतों व कविताओं के जरिये लड़कियों को बराबरी का दर्जा प्रदान करने का आह्वान किया। 























JAGMARG 5-2-2023



No comments:

Post a Comment