देशभक्ति, साहस व वीरता से भरा है चन्द्रशेखर आजाद का व्यक्तित्वः अरुण कैहरबा
शहीदी दिवस पर स्कूल में लगाए फलदार पौधे
लीची, चीक, आलू बुखारा, नाशपाती, नींबू, नारंगी व आंवला सहित अनेक पौधे रोपे
इन्द्री, 27 फरवरी
गांव ब्याना स्थित राजकीय माॅडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद चन्द्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर फलदार पौधे रोपे गए। स्कूल के कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा की अगुवाई में विद्यार्थियों व अध्यापकों ने लीची, चीकू, आलू बुखारा, नाशपाती, अमरा फल, नींबू, नारंगी, आंवला व मौसमी सहित अनेक प्रकार के पौधे रोपे और आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की। पौधरोपण अभियान में कृषि अनुदेशक निर्मलजीत सिंह, प्राध्यापक सुभाष चन्द, संजीव कुमार, सतीश कांबोज, सतीश राणा, अनिल पाल, सलिन्द्र कुमार, बलराज, सन्नी चहल, गोपाल दास, सीमा गोयल, डाॅ. महाबीर सिंह, दिनेश कुमार, मुकेश खंडवाल, राजेश सैनी, विवेक कुमार, राजेश कुमार, नरेश मीत, चन्द्रवती, निशा कांबोज, लिपिक आशीष कांबोज, विनीत सैनी, अरुण कांबोज, गोपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।
प्रातःकालीन सभा में विद्यार्थियों को संबोधित करते कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में चन्द्रशेखर आजाद का व्यक्तित्व अनूठा है। वे देशभक्ति व क्रांतिकारी भावना और साहस से भरे हुए हैं। क्रांतिकारी आंदोलन में अपनी अचूक निशानेबाजी के लिए भी वे जाने जाते हैं। 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में उन्होंने वीरता का परिचय देते हुए अचानक आ धमकी अंग्रेजी पुलिस का सामना किया। उन्होंने जब देखा कि अब बचने का कोई उपाय नहीं है, तो जीवित अंग्रेजों के हाथ नहीं आने देने के संकल्प को पूरा करते हुए खुद को गोली मार कर शहादत दी। उन्होंने कहा कि 27 फरवरी के बाद 23 मार्च का दिन क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास में भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को फांसी दिए जाने के कारण यादगार दिन है। अरुण कैहरबा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी की अगुवाई में अहिंसात्मक आंदोलन, भगत सिंह व साथियों की अगुवाई में क्रांतिकारी आंदोलन तथा बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर की अगुवाई में सामाजिक न्याय का आंदोलन आजादी, समानता, न्याय व बंधुत्व के मूल्यों को दृष्टि में रखकर विचार-विमर्श के अनेक आयाम खोलता है। इन तीनों तरह के आंदोलनों में तरीकों को लेकर मतभेद भले हों, लेकिन लक्ष्य को लेकर कोई मतभेद नहीं था। अलग-अलग तरीकों से किए जा रहे आंदोलन एक-दूसरे के पूरक साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि शहादतों व अथक प्रयासों की बदौलत ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
सभी अध्यापकों ने स्कूल को सौंदर्यीकरण व शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में नई उंचाईयों तक लेकर जाने का संकल्प किया। प्राध्यापक डाॅ. सुभाष चन्द, संजीव कुमार, सतीश कांबोज व सतीश राणा ने कहा कि फलदार पौधारोपण के साथ ही स्कूल में फूलों को लगाने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। आगामी सत्र के लिए स्कूल परिसर नए विद्यार्थियों के अभिनंदन के लिए सजा हुआ है।
HARYANA PRADEEP 28-2-2023 |
DAINIK JAGMARG 28-2-2023 |
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