स्वस्थ रहना और सीखना आगे बढऩे का मूलमंत्र: अरुण
समय प्रबंधन के द्वारा बोरियत व बुराईयों से बचा जा सकता है
यमुनानगर, 31मईगर्मी की छुट्टियों से पहले कैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को छुट्यिों के दौरान समय का सदुपयोग करने के बारे में जागरूक किया गया।
पंजाब केसरी 1जून, 2018 |
मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि गर्मी के छुट्टियों को लेकर विद्यार्थियों में खासा उत्साह रहता है। लेकिन योजना के अभाव में जल्द ही बोरियत भी होने लगती है। कईं बार छुट्टियों में विद्यार्थियों का अधिकतर समय टेलीविजन देखने में बीतता है और परिवार में टेलिविजन के रिमोट पर झगड़े होते हैं। कुछ विद्यार्थी मोबाइल पर सोशल मीडिया द्वारा भेजी जा रही झूठी-सच्ची जानकारियों में अपना समय व्यर्थ गंवाते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी बजाय विद्यार्थियों को अपना समय घर के काम करने, सीखने, परिवार के लोगों विशेष कर अपने परिवार के बुजुर्गों से बातचीत करने और उनके संघर्षों को जानने में बिताना चाहिए।
दैनिक भास्कर 1जून, 2018 |
किताबों के साथ बढ़ाएं दोस्ती-
प्रधानाचार्य परमजीत गर्ग ने बताया कि किताबें हमारी सच्ची मित्र हो सकती हैं। सभी विद्यार्थियों को अपना गृह कार्य नियमित रूप से पूरा करना चाहिए। इसके साथ-साथ रूचिकर किताबें व हर रोज समाचार-पत्र पढऩा चाहिए। इससे विद्यार्थियों का ज्ञान भी बढ़ेगा और लेखन की विभिन्न शैलियों से भी उनका परिचय होगा।
दैनिक सवेरा 1जून, 2018 |
प्रकृति के साथ जुड़ें-
हमारे आस-पास प्रकृति के नजारे बिखरे पड़े हैं। बुजुर्गों की तरह ही बरगद, पीपल, नीम सहित अनेक प्रकार के पुराने पेड़ों के बारे में जानकारी लें। इन पेड़ों की शाखाओं व टहनियों पर अनेक पक्षियों ने अपने आशियाने बना रहे रखे हैं। पक्षियों की आवाज को सुनें। छुट्टियों में अपने घर व आस-पास की खाली जमीन पर पौधा रोपें। शहर में जिनके घरों में जगह नहीं है, वे गमले में पौधा रोप सकते हैं। पौधे को बढ़ता हुआ देखें और पौधे के विकास के बारे में लिखें।
गांव व मोहल्ले के इतिहास को जानें-
छुट्टियों में विद्यार्थी खाली समय में समाज व समुदाय के साथ जुड़े और गांव का इतिहास व नामकरण आदि के बारे में जानकारी एकत्रित करें। इसके लिए गांव व मोहल्ले के बुजुर्ग व पढ़े-लिखे लोगों के साथ बातचीत करना उपयोगी रहेगा। ऐतिहासिक स्थलों व जानकारी देने वाले व्यक्तियों के चित्र जुटाकर परियोजना तैयार की जा सकती है।
छुट्टियों में कुछ दिन घूमने जाएं-
पर्वतीय स्थलों व ऐतिहासिक स्थलों पर जाने का घूमने का मौका मिले तो उसे ना छोड़ें। लेकिन ऐसा ना भी हो तो अपने नाना-नानी आदि के यहां जाने पर सिर्फ मौज मस्ती में ही समय ना बिताएं। वहां के बारे में एक अध्येता की तरह जानकारी जुटाएं। अरुण कैहरबा ने कहा कि विद्यार्थियों को छुट्टियों के दौरान अपने संस्मरण व डायरी लिखनी चाहिए। नए-नए शब्दों को अपने भाषा का हिस्सा बनाने के लिए अभ्यास करना चाहिए।
समर कैंप आज से-
प्रधानाचार्य ने बताया कि छुट्टियों के समय को आनंददायी ढ़ंग से सीखने की गतिविधियों के माध्यम से बिताया जा सके, इसके लिए स्कूल में एक जून से एक सप्ताह तक चलने वाले समर कैंप की शुरूआत की जा रही है। इच्छुक विद्यार्थी उसमें भी हिस्सा ले सकते हैं।
इस मौके पर सेवा सिंह, रोहताश राणा, अनुराधा रीन, चन्द्रशेखर, सुखजीत सिंह, सुरेश रावल, श्याम कुमार, दुर्गेश, मनप्रीत, चंचल, मंजू शर्मा, धर्मपाल, वीरेन्द्र कुमार, पंकज मल्होत्रा, विपिन कुमार व आशीष रोहिला उपस्थित रहे।
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