Friday, June 1, 2018

समर कैंप की हुई शुरूआत

खेलों व गीतों के जरिये सीख रहे विद्यार्थी

यमुनानगर, 1 जून
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों की रचनात्मकता को नए आयाम देने के लिए कैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समर कैंप की शुरूआत हुई। शिविर के पहले दिन खेलों और गीतों के जरिये विद्यार्थियों को सीखने का मौका मिला।

शिविर का शुभारंभ वरिष्ठ प्राध्यापक नरेश शर्मा ने किया। गतिविधियों का संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व श्याम कुमार ने किया। एबीआरसी गुरविन्दर कौर व बीआरपी नीलम शर्मा ने शिविर का निरीक्षण करते हुए विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।

इस मौके पर बोलते हुए अरुण कैहरबा ने कहा कि बच्चे कल्पनाशीलता, रचनाशीलता और नवीनता के स्रोत हैं। बच्चों के मन में सवाल पैदा होते हैं और यही सवाल नए प्रयोगों और खोज की नींव तैयार करते हैं।
दैनिक भास्कर 2जून,2018
उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन उन प्रतिभाओं के विकास के लिए मंच नहीं मिल पाते हैं। समर कैंप विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करते हुए पंख देगा। उन्होंने कहा कि संगीत, नृत्य, चित्रकला हमें संवेदनशील इन्सान बनाने और समाज के बदलाव के महत्वपूर्ण औजार हैं। शिविर में बच्चों को खेल-खेल में सीखने और अपनी कलाओं को निखारने का मौका मिलेगा।
उन्होंने विद्यार्थियों को राजेश उत्साही का प्रसिद्ध बाल गीत-कौन कहां से आएजी, आलू मिर्ची चाय जी सिखाया। बच्चों ने मजे के साथ गीत गाया। श्याम कुमार की हारमोनियम की धुन पर विद्यार्थियों द्वारा बोली गई प्रार्थना के साथ शिविर की गतिविधियों की शुरूआत हुई। उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के गीत सुनाए।
नीलम शर्मा व गुरविन्दर कौर ने विद्यार्थियों को खेल सिखाते हुए कहा कि शिविर तब सफल होगा, जब हर विद्यार्थी मंच पर आते हुए अपनी शर्म और संकोच को त्याग देगा। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करना ही इन शिविरों का उद्देश्य है। इस मौके पर वैशाली, महक, वंशिका, मुस्कान, सत्यप्रकाश, रहीम, उमा, नितिन, प्रियंका, खुशी सहित अनेक 50 के करीब बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया।

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