शिविर से लौटे स्काउट दल को किया सम्मानित
कैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित समारोह में हिन्दी प्राध्यापक एवं स्काउट मास्टर अरुण कुमार कैहरबा के नेतृत्व में स्काउट गाइड तृतीय सोपान शिविर में हिस्सा लेकर लौटे स्काउट दल को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्कूल प्रभारी नरेश शर्मा व वरिष्ठ प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
जिला यमुनानगर के उपमंडल बिलासपुर में कपालमोचन स्थित गुरु रविदास मंदिर के प्रांगण में 25 से 28अप्रैल तक आयोजित तृतीय सोपान शिविर में स्कूल की दसवीं कक्षा के दिलीप, हर्ष, रंजन कुमार, अमन कुमार, अनुज, हर्ष व शुभम ने हिंदी प्राध्यापक अरुण कैहरबा के नेतृत्व में हिस्सा लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसके लिए शिविर में स्काउट दल को सम्मानित किया गया था। स्कूल में स्काउट दल को सम्मानित किया। समारोह का संचालन विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने किया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अरुण कैहरबा ने कहा कि लार्ड बेडेन पावेल ने स्काउटिंग की शुरुआत की थी, जोकि आज बच्चों और युवाओं के व्यक्तित्व विकास के बड़े आंदोलन का रूप ले चुकी है।
आज पहली कक्षा से ही स्काउटिंग की शुरुआत की जा सकती है। पहली से पांचवीं कक्षा में स्काउटिंग में हिस्सा लेने वाले लड़कों को कब तथा लड़कियों को बुलबुल कहा जाता है। छटी कक्षा के बाद हिस्सा लेने वाले लड़कों को स्काउट और लड़कियों को गाइड कहा जाता है। स्काउटिंग में विद्यार्थियों को खेलों व गतिविधियों के माध्यम से सीखने का मौका मिलता है और साथ-साथ समाज सेवा के कामों में हिस्सा लेने के भी अवसर मिलते हैं। स्काउटिंग बच्चों व युवाओं में सीखने की इच्छा, देश प्रेम, मानवता और प्रकृति प्रेम जैसे मूल्यों का विकास करती है। स्काउट दिलीप ने शिविर के अपने अनुभव सांझे किए।
आज पहली कक्षा से ही स्काउटिंग की शुरुआत की जा सकती है। पहली से पांचवीं कक्षा में स्काउटिंग में हिस्सा लेने वाले लड़कों को कब तथा लड़कियों को बुलबुल कहा जाता है। छटी कक्षा के बाद हिस्सा लेने वाले लड़कों को स्काउट और लड़कियों को गाइड कहा जाता है। स्काउटिंग में विद्यार्थियों को खेलों व गतिविधियों के माध्यम से सीखने का मौका मिलता है और साथ-साथ समाज सेवा के कामों में हिस्सा लेने के भी अवसर मिलते हैं। स्काउटिंग बच्चों व युवाओं में सीखने की इच्छा, देश प्रेम, मानवता और प्रकृति प्रेम जैसे मूल्यों का विकास करती है। स्काउट दिलीप ने शिविर के अपने अनुभव सांझे किए।
स्कूल प्रभारी नरेश शर्मा ने शिविर से लौटे दल का उत्साहवर्धन किया और विद्यार्थियों को पढ़ने के साथ साथ इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने का आह्वान किया।
इस मौके पर प्राध्यापक सेवा सिंह, रोहताश राणा, अनुराधा रीन, मंजू शर्मा, गाइड कैप्टन दुर्गेश, सुखजीत सिंह, राकेश मल्होत्रा, सुरेश रावल, विपिन कुमार, श्याम कुमार, ज्ञानचंद, अनिल अग्रवाल, आलोक कुमार, ओम प्रकाश, ममता शर्मा, मनप्रीत, पंकज मल्होत्रा, वीरेन्द्र कुमार, मुख्याध्यापक दलीप दहिया, आशीष रोहिला, ओम सिंह, अंशु अरोड़ा व प्रिया उपस्थित रहे।
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