समान अवसर मिलने पर अपनी प्रतिभा साबित करते हैं दिव्यांग बच्चे: डॉ. गुरनाम मंढ़ाण
बीईओ ने किया दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ
इन्द्री, 20 जनवरी
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में स्थानीय पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्थित खंड स्तरीय समावेशी शिक्षा केन्द्र मं दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत बीईओ डॉ. गुरनाम सिंह मंढ़ाण ने की। जागरूकता कार्यक्रम में खंड के विभिन्न स्कूलों के सामान्य शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्य और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्रधानाचार्य रामिन्द्र कुमार ने आए अतिथियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेष शिक्षा विशेषज्ञ के रूप में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, राजनीति विज्ञान प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार, प्राथमिक शिक्षक महिन्द्र कुमार व स्पेशल एजूकेटर अमित कुमार ने स्रोत व्यक्ति के रूप में अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. गुरनाम मंढ़ाण ने अपने शिक्षण व सामाजिक जीवन के अनुभव सांझा करते हुए कहा कि समुचित अवसर मिलने पर दिव्यांग व्यक्ति अपने आप को साबित करते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को दुत्कारने की बजाय प्रोत्साहन की जरूरत है। दुत्कारने से तो सभी बच्चे शिक्षा से दूर हो जाते हैं।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने दिव्यांग बच्चों की स्क्रीनिंग, शीघ्र पहचान और विशेष शिक्षा में समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा समाज विशेष लोगों के प्रति नकारात्मक धारणाओं से भरा हुआ है। सकारात्मक भाषा और बेहतर शब्दावली का प्रयोग करके हम समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि नकारात्मक दृष्टिकोण दूर करने के लिए समुदाय में विशेष जागरूकता की जरूरत है।
डॉ. राजेश कुमार ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा में सामान्य शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि व्यक्तिगत विभिन्नताओं की तरह से ही विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी समावेशी शिक्षा की जरूरत है। महिन्द्र कुमार ने अपने शिक्षण के अनुभव सांझा करते हुए कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सामाजिक स्थितियां बेहद प्रतिकूल हैं। शिक्षा का उजियारा ही उनके जीवन को रोशन कर सकता है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे के लिए शिक्षा के मायने अलग-अलग हो सकते हैं। विशेष शिक्षक अमित कुमार ने जागरूकता कार्यक्रम का परिचय देते हुए कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समावेशी शिक्षा प्रदान करके उन्हें समाज की मुख्यधारा में शािमल करना कार्यक्रम का उद्देश्य है। इस मौके पर एबीआरसी शैलजा, संजीव कुमार, कैलाश कुमार, बलराज, मान सिंह, लाभ सिंह, राजीव सैनी, मुकेश कुमार, मोनू, प्रमोद कुमार, कविता, सोनिया, सुमन, राज कुमार, ईश्वर दयाल, गोविंद उपस्थित रहे।
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DAINIK TRIBUNE |
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