Tuesday, October 1, 2024

QUIZ ON DEMOCRACY & ELECTION IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

लोकतंत्र में विद्यार्थियों के लिए सीखने का उत्सव होते हैं चुनाव: अरुण 

आह्वान: परिवार व आस-पास के लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करें विद्यार्थी

लोकतंत्र व चुनाव विषय पर प्रश्नोत्तरी में चेतन ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

विजेताओं को पुरस्कार देकर किया सम्मानित

इन्द्री, 1 अक्तूबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वीप कार्यक्रम के तहत लोकतंत्र एवं चुनाव विषय पर प्रश्रोत्तरी का आयोजन किया गया। तीन अलग-अलग समूहों में आयोजित की गई प्रश्रोत्तरी का नेतृत्व एवं संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह, सलिन्द्र मंढ़ाण व विनोद भारतीय ने सहयोग किया। प्रश्रोत्तरी के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

आठवीं कक्षा के समूह में आयोजित प्रश्रोत्तरी में चेतन ने सबसे अधिक प्रश्रों के सही जवाब देकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दसवीं कक्षा में हर्षित व रमन ने शानदार प्रदर्शन किया। 12वीं कक्षा के समूह में कृष्ण व पारस ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया। वंशिका दूसरे स्थान पर रही। अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में जनता ही शक्ति का स्रोत होती है। जनता अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करके सरकार चुनती है। जनता की सजगता और सक्रियता से ही लोकतंत्र सफल होता है। अत: सभी नागरिकों का मताधिकार का प्रयोग करना अति आवश्यक है। विद्यार्थियों का भी कर्तव्य है कि वे अपने परिवार व आस-पास के लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं होता है। जनभागीदारी से ही चुनाव उत्सव का रूप लेते हैं। लेकिन चुनावी प्रक्रिया को जाति-सम्प्रदाय की संकीर्णताओं से निकालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव 5 अक्तूबर को होगा और आठ अक्तूबर को मतगणना का काम किया जाएगा। चुनावों का समय विद्यार्थियों के लिए राजनीति विज्ञान की अनेक बातें सीखने का समय होता है। इस दौरान जनसंचार के साधनों में प्रदेश के भूगोल, समाज व राजनीति पर अनेक प्रकार के आलेख प्रकाशित होते हैं। विभिन्न राजनैतिक दलों की नीतियों, घोषणा-पत्रों, वादों और इरादों पर बहसें होती हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की पाठशाला की तरह होते हैं। सजग विद्यार्थी अपने बड़ों व माता-पिता की सक्रियता को देखकर और उनके साथ चर्चा करते हुए भी सीखते हैं। यही वह समय होता है जब विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता लोगों के बीच जाते हैं। लोग उनके भाषण सुनते हैं। उनसे सवाल करते हैं। इस दौरान आम जन में उम्मीदवारों की सोच, विचार, व्यवहार और किए गए कार्यों पर चर्चाएं होती हैं। लोगों ने अपने विधानसभा क्षेत्र और प्रदेश के राजनैतिक भविष्य के बारे में भी सोच-विचार होता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव विद्यार्थियों के लिए सीखने का उत्सव होते हैं।

बलविन्द्र सिंह व सलिन्द्र मंढ़ाण ने कहा कि इस तरह की प्रश्रोत्तरी के आयोजन से विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। विद्यार्थियों को नियमित रूप से पढ़ते, सीखते हुए आगे बढऩा चाहिए।

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