वर्तमान समय की चुनौतियों से टकराती हैं मेहरोक की कविताएं
बात है पर छोटी-सी काव्य-संग्रह पर समीक्षा गोष्ठी का आयोजन
कुरुक्षेत्र स्थित डॉ. ओमप्रकाश ग्रेवाल अध्ययन संस्थान में देस हरियाणा एवं सत्यशोधक फाउंडेशन के तत्वावधान में यूनिक्रियेशन पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित बलदेव सिंह महरोक के कविता संग्रह बात है पर छोटी सी की समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता देस हरियाणा के संपादक प्रोफेसर सुभाष चन्द्र ने की और संचालन विकास साल्याण ने किया। गोष्ठी में संग्रह की संवेदना और शिल्प पर विस्तृत चर्चा हुई।गोष्ठी का शुभारंभ कवि बलदेव सिंह महरोक ने अपने संग्रह की महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ करके किया। इसके बाद डॉ. सुभाष चन्द्र, जयपाल, ओम सिंह अशफ़ाक, अरुण कैहरबा, विकास साल्याण, सुनील थुआ और हरपाल गाफिल ने कविताओं पर विस्तृत बातचीत रखी। वक्ताओं ने कहा कि कविताएं वर्तमान समय की कविताएं हैं। जोकि समय की चुनौतियों को ना केवल स्वीकार करती हैं, बल्कि उनके साथ टकराती भी हैं। कविताएं पाठकों को संघर्ष की चेतना से लैस करती हैं। उन्होंने कहा कि कविताएं अपनी सहजता, सरलता और स्पष्टता के लिए हर एक पाठक को समझ में आती हैं। उन्होंने कहा कि अन्य वक्ताओं में रामेश्वर, महिन्द्र कुमार, भूपिन्द्र सिंह, नरेश सैनी, धर्मवीर लठवाल, प्रीतम, दिनेश, गौरी, सैम आदि ने कविता संग्रह से कविताओं को पढ़ते हुए उन पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक और सामाजिक कविताएं हैं जो वर्तमान हालात की विसंगतियों को व्यंग्यात्मक शैली में उभारती हैं। अपनी सीधे/सरल स्वरूप के कारण में ये कविताएं पाठक का ध्यान खींचती हैं। गोष्ठी में लगभग पच्चीस लेखक उपस्थित रहे।
INDORE SAMACHAR |
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