राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में हिस्सा लेगा एकीकृत खेती का मॉडल
राजकीय मॉ. सं. व. मा. स्कूल ब्याना के विद्यार्थियों ने तैयार किया है मॉडलजिला स्तर पर मॉडल ने पाया था पहला स्थान
इन्द्री, 8 दिसंबरगांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एनएसक्यूएफ के तहत संचालित किए जा रहे कृषि कौशल विषय के तीन विद्यार्थी कुरुक्षेत्र में आयोजित किए जा रहे कौशल उत्सव की मॉडल प्रतियोगिता में हिस्सेदारी करेंगे। कृषि अनुदेशक निर्मलजीत सिंह के नेतृत्व में माही, कनिष्का, लवप्रीत ने जिला स्तरीय कौशल उत्सव की कृषि विषय की प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया था। ये विद्यार्थी 9 दिसंबर को आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए जा रहे एकीकृत कृषि विषय के मॉडल का निरीक्षण किया और विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं दी।
निर्मलजीत सिंह ने बताया कि स्कूल के कृषि विषय के विद्यार्थियों ने एकीकृत खेती विषय पर मॉडल बनाया है। स्कूल में आयोजित कौशल उत्सव में इस मॉडल ने प्रथम स्थान हासिल किया था। इसके बाद जिला स्तर पर यह मॉडल प्रथम स्थान के लिए चुना गया। अब राज्य स्तर पर मॉडल के माध्यम से विद्यार्थी हिस्सा लेंगे और अपना संदेश देंगे।
एकीकृत कृषि से कम लागत में मिलता है अधिक मुनाफा: अरुण
प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि कृषि हरियाणा के समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति की रीढ़ है। बहुत बड़ी आबादी खेती करके अपना गुजारा करती है। उन्होंने कहा कि अन्य अनेक कार्यों की तरह खेती में भी नए प्रयोग हो रहे हैं। परंपरागत खेती के स्थान पर आधुनिक खेती के प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसमें किसान कम जमीन पर कम लागत लगाकर अधिक लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया मॉडल भी ऐसी ही जानकारी देता है, जिसमें किसान खेती में गेहूं व धान के फसल चक्र को तोड़ कर फसल विविधिकरण को अपनाते हैं। इसके साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, पोल्ट्री फार्मिंग के माध्यम से अधिक आमदनी प्राप्त करते हैं। किसान ऐसी ऐसी फसलों को अपनाते हैं, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलता है और रासायनिक खादों के स्थान पर जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया मॉडल राज्य स्तरीय कौशल उत्सव में अपनी छाप छोड़ेगा। किसानों पर इस मॉडल का असर होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि हाड़-तोड़ मेहनत करने के बावजूद किसान के हिस्से कुछ नहीं आता। लेकिन नवीन विधियों के प्रयोग द्वारा किसान खुशहाल हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में विद्यार्थी फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। फ्लावर मैन डॉ. रामजी जयमल के सहयोग से स्कूल में फूलों की नर्सरी तैयार की गई है और पौध अन्य स्कूलों को भी उपलब्ध करवाई जा रही है। यह भी एकीकृत खेती का ही एक नमूना है। इस मौके पर ब्यूटी एंड वेलनेस अनुदेशिका निशा कांबोज व अन्य अध्यापक मौजूद रहे।
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DAINIK JAGMARG 9-12-2022 |
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HARYANA PRADEEP 9-12-2022 |
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