डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्ययनशीलता प्रेरणादायी: अरुण
अध्ययनशीलता व डॉ. अंबेडकर विषय पर व्याख्यान आयोजित
इन्द्री, 6 दिसंबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अध्ययनशीलता व डॉ. अंबेडकर विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय के कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर देश के इतिहास की ऐसी महान शख्सियत हैं, जो जातिवाद सहित सामाजिक बुराईयों से खुद दो-चार हुए। बुराईयों की पहचान की और उन्हें बदलने के लिए क्रांतिकारी विचार व्यक्त किए। विद्यार्थियों के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्ययनशीलता सबसे अधिक प्रेरणादायी है। उन्होंने अपनी शिक्षा व अध्ययन के जरिये समाज में उजियारा फैलाया। शिक्षा के मामले में वे देश के सबसे अधिक शिक्षित व्यक्तियों में से एक हैं। राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, कानून आदि विषयों पर उन्होंने गहरा अध्ययन किया। देश की आजादी की लड़ाई में उन्होंने समाज में दलितों, महिलाओं व समाज के कमजोर वर्गों के साथ होने वाले भेदभाव को पुरजोर ढ़ंग से उठाया। आजादी के बाद वे देश के पहले कानून मंत्री बने। संविधान निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका भी उनकी अध्ययनशीलता का परिणाम थी। उनके निजी पुस्तकालय में हजारों किताबें थीं। वे दिन-रात किताबें पढ़ते थे। अरुण कैहरबा ने कहा कि अध्ययन के प्रति उनकी तन्मयता और समर्पण के कईं किस्से हैं। नियमित रूप से वे किताबें खरीदते थे। उन्हें पढ़ते थे। रात-रात भर वे किताबें पढ़ते थे। जब उनसे किसी ने पूछा कि वे इतनी किताबें पढ़ते हैं तो मनोरंजन के लिए क्या करते हैं तो डॉ. अंबेडकर का जवाब था कि मनोरंजन के लिए वे एक विषय की किताब छोड़ कर दूसरे विषय की किताब पढ़ते हैं। अपने अध्ययन के बूते ही उन्होंने अनेक लोगों के साथ अपने मतभेद भी मजबूती के साथ व्यक्त किए तथा शास्त्रार्थ किया। उन्होंने कहा कि जातिप्रथा के समर्थकों के हर कुतर्क को उन्होंने अपने तर्कों के जरिये काटा। डॉ. अंबेडकर ने कहा कि जाति प्रथा श्रम विभाजन का एक रूप नहीं है। जाति प्रथा श्रमिकों के विभाजन की व्यवस्था है, जो ऊंच-नीच को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर जाति मुक्त, समानता, न्याय व भ्रातृत्व पर आधारित समाज की ना केवल कल्पना करते हैं, बल्कि अपने विचारों के अनुरूप अनेक प्रकार के कार्य करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सावित्रीबाई फुले सदन से जुड़े विद्यार्थियों ने किया। इस मौके पर प्राध्यापक सतीश कांबोज, सतीश राणा, अनिल पाल, बलराज, डॉ. महाबीर सिंह, संदीप कुमार, विनोद कुमार, विवेक कुमार, मुकेश कुमार, नरेश मीत, चन्द्रवती उपस्थित रहे।
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DAINIK HARYANA PRADEEP 7-12-2022 |
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JAGMARG 7-12-2022 |
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