Saturday, December 31, 2022

DEO RAJPAL CHAUDHARY VISITED IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 अच्छी शिक्षा के लिए विद्यार्थियों की प्रतिदिन उपस्थिति आवश्यक: राजपाल चौधरी

कहा: शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए अध्यापक करें प्रयास

डीईओ ने किया ब्याना स्कूल का औचक निरीक्षण

अध्यापकों का किया मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन

इन्द्री, 31 दिसम्बर 

जिला शिक्षा अधिकारी करनाल राजपाल चौधरी ने गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल की व्यवस्था देखने उपरांत स्टाफ की मीटिंग में अध्यापकों का उत्साहवर्धन किया। अध्यापकों की बैइक में उन्होंने स्कूल में बच्चों की उपस्थिति, कक्षा-कक्ष की व्यवस्था, शिक्षण कार्य, विद्यार्थियों की प्रगति के बारे में अभिभावकों से चर्चा आदि विषयों पर विस्तार से मार्गदर्शन किया। कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने बैठक की अध्यक्षता की।


मुख्य अतिथि के रूप में डीईओ राजपाल चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि परीक्षाओं का समय नजदीक है। अच्छे परिणाम के लिए एक-एक विद्यार्थी की प्रगति पर अध्यापकों को बारीकी से निगाह रखनी होगी। इसके लिए प्रतिदिन विद्यार्थियों का स्कूल आना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर बल देते हुए कहा कि बच्चों की उपस्थिति के बिना अच्छे परिणाम की कल्पना नहीं की जा सकती। उपस्थिति अच्छी शिक्षा का पहला कदम है। इस पर अध्यापकों को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। अधिकतर अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों से चर्चा करके उनका विद्यालय में आना सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कक्षा-कक्ष में शिक्षण कार्य करते हुए अध्यापकों को बहुत अधिक प्रतिभावान और कमजोर बच्चों पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों की क्षमता के अनुसार उन्हें काम दिया जाए और नियमित रूप से उसकी प्रगति का मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन अवकाश में बोर्ड की कक्षाएं 10 से 2 बजे तक लगेंगी और सभी विषयों की पढ़ाई करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड की कक्षाओं पर सभी अध्यापक पूरा ध्यान दें। उन्होंने अध्यापकों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नए साल में ब्याना स्कूल हर दृष्टि से अग्रणी होना चाहिए। इसलिए सभी अध्यापक पूरी लगन से मेहनत करें।

कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्कूल की प्रबुद्ध व सजग टीम स्कूल को परीक्षा परिणाम सहित खंड, जिला व राज्य स्तर पर होने वाली शैक्षणिक व सहायक गतिविधियों में अग्रणी स्थान पर लाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल के विद्यार्थियों की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों से अवगत करवाया। इस मौके पर प्राध्यापक डॉ. सुभाष, संजीव कुमार, दिनेश कुमार, बलविन्द्र सिंह, राजेश कुमार, संदीप कुमार, डॉ. महावीर सिंह, अनिल पाल, मुकेश कुमार, गोपाल दास, सन्नी चहल, राजेश सैनी, सलिन्द्र कुमार, नरिन्द्र कुमार, नरेश मीत, चन्द्रवती, स्नेह लता, गोपाल सिंह, सुरेन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार, लिपिक आशीष कांबोज, निशा कांबोज, निर्मलजीत सिंह उपस्थित रहे।  

JAGMARG 1-1-2023

DAINIK JAGRAN 1-1-2023


SEMINAR ON HINDI POET SUMITRANANDAN PANT IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 हिन्दी साहित्य में प्रकृति चित्रण के लिए विख्यात हैं सुमित्रानंदन पंत: अरुण

पुण्यतिथि पर पंत के जीवन व काव्य पर संगोष्ठी का आयोजन

स्कूल में गूंजी पंत की कविताएं


इन्द्री, 28 दिसम्बर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने पंत के जीवन और काव्य पर चर्चा की। हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत ने पंत की चुनिंदा कविताओं का सस्वर वाचन करके विद्यार्थियों को उनकी विविधतापूर्ण कविताओं से परिचित कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक डॉ. सुभाष चन्द ने की और मंच संचालन प्राध्यापक नरिन्द्र कुमार ने किया।
स्कूल के कार्यकारी प्रधानाचार्य व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि हिन्दी के आधुनिक काल में अनेक कविओं ने अपने काव्य के द्वारा हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया और अमिट छाप छोड़ी। उन्हीं में से एक सुमित्रानंदन पंत हैं, जोकि कविताओं में अपने प्रकृति चित्रण के लिए इतने विख्यात हैं कि उन्हें हिन्दी का वर्डसवर्थ कहा जाता है। 20 मई, 1900 में उनका जन्म उत्तराखंड के कौसानी नाम स्थान पर हुआ था। उनका बचपन का नाम गोसाईं दत्त था। उनके जन्म के कुछ समय बाद ही माता का देहांत हो गया। कम उम्र में ही वे काव्य रचना करने लगे। अल्मोड़ा में सरकारी हाईस्कूल में पढ़ते हुए उन्हें किताबें पढऩे का चस्का लगा। पढ़ते हुए ही वे असहयोग आंदोलन व गांधी जी के नेतृत्व में चलाई जा रही आजादी की लड़ाई में शिरकत करने लगे। उन्होंने अपना नाम गोसाईं दत्त से बदल कर सुमित्रानंदन कर लिया। अरुण कैहरबा ने कहा कि वे हिन्दी की छायावादी कविता के चार आधार स्तंभों में से एक हैं। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, जयशंकर प्रसाद व महादेवी वर्मा के साथ ही उन्होंने छायावादी कविताएं लिखी। बाद में प्रगतिवादी काव्य धारा में भी उनका सशक्त हस्तक्षेप रहा है।
हिन्दी अध्यापक नरेश मीत द्वारा सुनाई गई सुमित्रानंदन पंत की कविता सोनजुही की बेल की पंक्तियां देखिए- सोनजुही की बेल नवेली, एक वनस्पति वर्ष, हर्ष से खेली, फूली, फैली, सोनजुही की बेल नवेली। किसान की पीड़ा को चित्रित करती सुमित्रानंदन पंत की कविता- वे आँखें की कुछ पंक्तियां- अंधकार की गुहा सरीखी, उन आंखों से डरता है मन, भरा दूर तक उनमें दारुण, दैन्य दुख का नीरव रोदन।
इस मौके पर हिन्दी प्राध्यापक सलिन्द्र कुमार, संजीव कुमार, बलविन्द्र सिंह, सतीश राणा, बलराज, संदीप कुमार, अनिल पाल, निदेश कुमार, राजेश कुमार, मुकेश कुमार, विवेक कुमार, विनोद कुमार, निशा कांबोज, कविता, स्नेह लता, गोपाल दास, सुरेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।  
HARYANA PRADEEP 29-12-2022




DAINIK JAGRAN 29-12-2022

UTTAM HINDU 29-12-2022


Saturday, December 17, 2022

DISTRICT LEVEL YOUTH PARLIAMENT IN GMSSSS BIANA

 पक्ष-विपक्ष में हुई तीखी नोंक-झोंक

विपक्ष ने सवाल पूछकर छुड़ाए सत्ता पक्ष के पसीने

मंत्रियों ने जवाब में विकास कार्यों का लेखा-जोखा दिया 

युवा संसद ने पेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की झांकी

इन्द्री, 17 दिसंबर

करनाल जिला के गांव ब्याना स्थित राजकीय माॅडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय युवा संसद का आयोजन किया गया। संसद में पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई। विपक्ष के सवालों ने सत्ता पक्ष के पसीने छुड़ाए। वहीं सत्ता पक्ष ने विकास कार्यों के जरिए विपक्ष को संतुष्ट करने की कोशिश की। युवा संसद का निरीक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से आए राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डाॅ. मनोज रिंडल और डाॅ. ईश्वर सिंह ने किया। समारोह की अध्यक्षता प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने की। कार्यक्रम का संयोजन राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह और संचालन हिन्दी प्राध्यापक डाॅ. सुभाष चन्द ने किया। वरिष्ठ प्राध्यापक सतीश कांबोज, सतीश राणा, संजीव कुमार, मुकेश कुमार, हिन्दी अध्यापक नरेश मीत सहित सभी स्टाफ सदस्यों ने सहयोग किया।

स्कूल में आयोजित युवा संसद संसद के निचले सदन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की झांकी पेश कर रही थी। जिसका आगाज संसदीय परंपराओं की रीति-नीति से किया गया। युवा संसद की कार्रवाई के प्रवेश करते हुए सत्ता पक्ष के नेता और प्रधानमंत्री की भूमिका निभा रहे गुरप्रीत सिंह और विपक्ष की नेता दीक्षा से पत्रकारों ने सवाल किए। मार्शल बने अर्पित और लक्ष्य ने सभी सदस्यों के प्रवेश के समय जांच की। सभी सदस्यों के बैठने के बाद कोरम चैक किया। फिर अध्यक्ष इशिका कांबोज का आगमन हुआ। राष्ट्रगीत से सदन की शुरूआत हुई। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलवाई गई। उसके बाद दुर्घटना में मारे गए नौसैनिकों की आत्मा की शांति की कामना की गई।

प्रश्नकाल व शून्य काल में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर गर्मागर्म सवाल किए। महिला आरक्षण विधेयक को लेकर पक्ष व विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोंक-झोंक हुई। संसद की कार्रवाई की ही भांति युवा संसद की कार्रवाई में विद्यार्थियों का जोश देखने वाला था। दर्शक दीर्घा में बैठे सभी सदस्यों ने सदन की कार्रवाई का आनंद उठाया और विद्यार्थियों के आत्मविश्वास की तारीफ की।  
गगनदीप, प्रिंस, कृश सैनी सहित संसद सदस्य बने अनेक विद्यार्थियों के सवालों का जवाब प्रधानमंत्री गुरप्रीत, गृह मंत्री सुभाना, पैटोलियम मंत्री रिया, पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्री हिमांशी, मानव संसाधन, महिला एवं सशक्तिकरण मंत्री महक तिवारी, गृह राज्य मंत्री आस्था सहित मंत्रियों ने दिया। महासचिव की भूमिका अरमान व सचिव की भूमिका अक्षित ने निभाई। राष्ट्र गान के साथ कार्रवाई का समापन हुआ।

निरीक्षक की भूमिका में आए प्रभारी डाॅ. मनोज रिंडल ने कहा कि युवा संसद में विद्यार्थियों को जो सीखने का मौका मिला है, वह ही एक सजग नागरिक व नेता बनाता है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय युवा संसद में प्रथम स्थान पाने वाली टीम मंडल स्तर पर हिस्सा लेगी और मंडल स्तर पर प्रथम आई टीम राज्य स्तर के लिए जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं की सराहना की और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डाॅ. ईश्वर सिंह ने विद्यार्थियों के साथ सदन की कार्रवाई में इस्तेमाल किए गए विभिन्न तकनीकी शब्दों की चर्चा की।

प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि युवा संसद लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जानकारी ही नहीं देती उसका अभ्यास भी कराती है। उन्होंने आने वाले समय में युवा संसद में प्रतिभागिता के अनुभव उन्हें जागरूक, सक्रिय नागरिक बनाएंगे। उन्होंने संसद की कार्रवाई का निरीक्षण करने के लिए आए मेहमानों का आभार व्यक्त किया।