अध्यापकों ने स्कूली शिक्षा की पहलों पर की चर्चा
दो दिवसीय निष्ठा 2.0 कार्यशाला सम्पन्न
रादौर, 24 दिसंबर
स्थानीय राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में दो दिवसीय निष्ठा 2.0 शंका समाधान कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला में डाइट तेजली के प्राध्यापक डॉ. संजीव कुमार व प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने रिसोर्स पर्सन की भूमिका निभाई। डाइट तेजली के वरिष्ठ प्राध्यापक अशोक कुमार राणा व तेजपाल वालिया ने कार्यशाला का निरीक्षण किया। अशोक राणा ने प्रतिभागियों को बताया कि माध्यमिक स्तर पर शिक्षण करने वाले सभी अध्यापकों-प्राध्यापकों के लिए निष्ठा 2.0 के 12 मोड्यूल दिए गए थे। उन मोड्यूल को समझने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने दीक्षा एप के माध्यम से सभी मोड्यूल सम्पन्न करने की अपील की।
कार्यशाला के दूसरे दिन का कार्यक्रम प्रार्थना के साथ शुरू हुआ। रिसोर्स पर्सन अरुण कैहरबा ने विश्वास गीत के माध्यम से स्कूल शिक्षा में पहलकदमियां विषय की शुरूआत की। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर गीत गाया। अरुण कैहरबा ने कहा कि अध्यापकों व स्कूल मुखियाओं के सामने शिक्षण व स्कूल प्रबंधन का कार्य करते हुए अनेक प्रकार की समस्याएं आती हैं। वे समस्याएं चुनौती की तरह सामने आकर खड़ी हो जाती हैं और उनके समाधान के लिए उनके द्वारा अनेक प्रकार की पहलकदमियां उठाई जाती हैं। नई सोच से शुरू हुई पहलें जब एक मुकाम तक पहुंचती हैं तो समस्याओं का समाधान होता है। योजना, साहस व सामूहिकता के साथ की गई पहलें चर्चा में आती हैं, जिनसे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने स्कूल का नामांकन बढ़ाने, स्कूल सौंदर्यीकरण का विद्यार्थियों के नामांकन व उपस्थिति पर प्रभाव और बाल विवाह को समाप्त करने आदि विषयों पर अध्यापकों द्वारा की गई पहलों पर चर्चा की। उन्होंने प्रसिद्ध शिक्षाविद गिजूभाई द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों पर चर्चा करते हुए उनकी प्रयोग आधारित पुस्तक दिवास्वप्र पढऩे की अपील की।
डॉ. संजीव कुमार ने काव्यात्मक अंदाज में स्कूल लीडर की भूमिकाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि मुखिया संस्थान का नेता होता है, जोकि अपने अध्यापकों में उत्साह का संचार करता है। योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सफर जो इख्तियार करते हैं, वही दरिया को पार करते हैं।
प्रधानाचार्य उमेश खरबंदा ने रसायनशास्त्र विषय के शिक्षण व स्कूल सुधार के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि स्कूल में शिक्षकों की सामूहिकता बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
प्रधानाचार्य जगपाल सिंह ने आने वाले समय में विद्यार्थियों की परीक्षाओं को देखते हुए मन लगाकर शिक्षण कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने हरियाणवी कवयित्री मुकेश यादव का लिखा हुआ गीत तरन्नुम में गाया। राजेश अत्री व अजय पोसवाल ने खुद के द्वारा ली गई पहलकदमियों पर चर्चा की। इस मौके पर प्रधानाचार्य राज कुमार बख्शी, महकार सिंह आदि उपस्थित रहे।
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