सुविधाओं के अभाव में कितनों ने मेहनत से चमकाई अपनी प्रतिभा: डॉ. धर्मवीर
शिक्षा सशक्त बनाती है: सुभाष चन्द
जिला सहायक परियोजना समन्वयकों ने किया स्कूल का दौरा
यमुनानगर, 27 दिसंबर
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में समग्र शिक्षा में जिला सहायक परियोजना समन्वयक डॉ. धर्मवीर व सुभाष चन्द ने दौरा किया। दोनों अधिकारियों ने स्कूल में लगाए जा रहे फूलों के पौधे, रंग-रोगन व विकास कार्यों का जायजा लिया और उत्साहवर्धन किया। उन्होंने विभिन्न कक्षाओं में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए शिक्षा के आगामी पड़ावों व करियर के बारे में परामर्श दिया। मुख्याध्यापक विपिन कुमार मिश्रा व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने आए अतिथियों का स्वागत किया।
डॉ. धर्मवीर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुविधाओं की कमी या अधिकता आगे बढऩे में नगण्य भूमिका निभाते हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर, श्रीनिवास रामानुजन व लाल बहादुर शास्त्री सहित कितनी ही शख्सियतों ने साधन व सुविधाओं के अभाव के बावजूद अपनी पहचान बनाई। आजादी की लड़ाई में ही महात्मा गांधी व जवाहर लाल नेहरू सहित कितने ही व्यक्तित्वों ने सुविधाओं के बावजूद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि पढऩे और आगे बढऩे के लिए सबसे अधिक जरूरत लगन व जुनून की है। उन्होंने खुद का ही उदाहरण देते हुए कहा कि उनके समय में आज की तुलना में बहुत ही कम सुविधाएं होती थी। वे खेत व पशुपालन के कितने ही कामों को करते हुए भी पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि उनकी पीढ़ी के कितने ही लोगों ने भी सुविधाओं व साधनों का अकाल देखा है। लेकिन पढऩे की इच्छा और अध्यापकों के मागदर्शन से आज वे यहां तक पहुंचेे हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज वे जिस तरह के कपड़े पहनते हैं, वे कपड़े उन्हें नसीब भी नहीं होते थे। कितने ही लोगों को पढ़ते हुए बिजली की रोशनी नसीब नहीं हुई, इसके बावजूद वे पढ़े। उन्होंने विद्यार्थियों को मौजूद सुविधाओं का लाभ उठाते हुए आगे बढऩे का आह्वान करते हुए कहा कि दसवीं के बाद शिक्षा जिन शाखाओं में बंट जाती है, उनके बारे में उचित ज्ञान प्राप्त करें। अपनी दिलचस्पियों के अनुसार विषयों का चयन करते हुए आगे बढ़ें।
एपीसी सुभाष चन्द ने कहा कि कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता है। सभी काम महत्वपूर्ण हैं। विद्यार्थियों की रूचियां-अभिरूचियां जिस भी क्षेत्र की हैं, उसी को अपने अध्ययन एवं करियर का क्षेत्र बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी का सशक्त और आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। सशक्त बनने के लिए शिक्षा को औजार बनाएं। उन्होंने छात्र-छात्राओं की अभिरूचि के विभिन्न कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि खाली समय व छुट्टी के दिनों को सीखने में बिताने वाले ही आगे बढ़ते हैं। समय बहुत कीमती है। समय की पूंजी का सदुपयोग करने वाले अपने ज्ञान व अनुभवों में वृद्धि करते हैं।
इस मौके पर ईएसएचएम विष्णु दत्त, अध्यापक सुखिन्दर कौर, रजनी शास्त्री, विजय गर्ग, राजरानी, वीरेन्द्र कुमार, वंदना शर्मा, डिंपल, मंजू, रवि कुमार उपस्थित रहे। dainik bhaskar 29-12-2021 amar ujala 29-12-2021
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