समाज को दिशा देते हैं साहित्यकार: कंवर पाल गुर्जर
शिक्षा मंत्री ने उमेश प्रताप वत्स के कहानी संग्रह 'उम्र की साँझ पर' और बलदेव राज भारतीय के काव्य संग्रह 'अधूरी कविता' का किया विमोचन
साहित्यकारों ने की समीक्षा
अरुण कुमार कैहरबा
जगाधरी स्थित सरस्वती पब्लिक स्कूल में शिक्षा मंत्री कँवर पाल गुर्जर ने डॉ. उमेश प्रताप वत्स के कहानी संग्रह "उम्र की साँझ पर" तथा बलदेव राज भारतीय के काव्य संग्रह "अधूरी कविता" का प्रमुख साहित्यकारों की उपस्थिति में विमोचन किया।
पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित माननीय शिक्षा मंत्री ने में कहा कि साहित्यकार समाज की आवाज होते हैं। साहित्यकार अपनी कलम से समाज को एक नई का काम करते हैं। उन्होंनेे कहा कि जब जब भी समाज राह भूलता है, साहित्यकार अपनी रचनाओं के जरिए सही राह दिखाता है। उन्होंने दोनों साहित्यकारों को उनकी रचना के लिए शुभकामनाएं दी। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक ने संबोधित करते हुए दोनों साहित्यकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भविष्य में राष्ट्र हित व बच्चों को केंद्रित कर लिखा जाना चाहिए।
कहानी संग्रह "उम्र की साँझ पर" पुस्तक की समीक्षा करते हुए डॉ. कँवल नयन कपूर ने कहा कि पुस्तक में दस कहानियां हैं जोकि अलग-अलग विषयों पर सामाजिक परिस्थियों से संघर्ष करती हुई एवं शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करती हुई समाप्ति की ओर जाती है। डॉ. प्रमोद कुमार वाजपेयी जी ने कहा कि काव्य संग्रह" अधूरी कविता" में कवि ने सभी रंगों का खुलकर प्रयोग किया है। कवि की कलम जहां सामाजिक बुराइयों की ओर संकेत करती दिखाई देती है। वहीं राजनैतिक षडयंत्रकारियों का भी पर्दाफाश करती हुई दिखाई देती है। काव्य संग्रह की प्रथम कविता ही कवि की चिंता को प्रकट कर देती है जिसमें मां भारती के माध्यम से पूछा गया है कि " आज कहां है भगत सिंह, कहां शेखर आजाद? ढूंढे मेरी नजरें तुममें नेता सुभाष?" एक अन्य कविता "बताओगे क्या" भी ऐसे ही प्रश्न खड़े करती है। वाजपेयी ने कहा कि काव्य संग्रह का नाम बेशक "अधूरी कविता" रखा गया है मगर इसकी सभी कविताएं अपने आप में पूर्ण हैं।
साहित्यकार अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि काव्य संग्रह का शीर्षक अधूरी कविता है किंतु इसमें पूरी इक्यावन कविताएं हैं जो कि अलग-अगल विषयों पर प्रकाश डालती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संग्रह की लगभग सभी कविताएं पढ़ी हैं। सभी कविताएं समाज को कोई न कोई संदेश जरूर देती हैं। कहीं पर कविताएं बेटियों को बराबरी का संदेश देती हैं, और कोई कविता पर्यावरण की चिंता प्रकट करती हैं। संग्रह की बंटवारा कविता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कवि ने मानव के बदले व्यवहार पर चिंता प्रकट की है। "धरती बांटी, अंबर बांटा बांट दिया जग सारा।"
वक्ता के रूप में दीपक कुमार ने कहा कि डॉ. वत्स के कहानी संग्रह का शीर्षक उम्र की साँझ पर नाम से जो कहानी मैंने पढ़ी इसमें लेखक ने एक प्रतिभावान, प्रतिष्ठित, यशस्वी जीवन जीने वाले व्यक्ति की आयु बढ़ने के साथ-साथ बदलती जा रही परिस्थितियों की ओर संकेत किया है। कहानी बताती है कि हमें बुजुर्गों को अनदेखा नहीं करना चाहिए अपितु सदैव उनका सम्मान करना चाहिए। समीक्षक के रूप में पंचकूला से आये उपन्यासकार नरेश चौधरी ने कहा कि लेखक की सभी दस कहानियां लीक से हटकर लिखी गई है। कहानियों में लेखक के विचार, परिवेश, छात्र जीवन एवं सामाजिक मूल्यों के साथ-साथ देशप्रेम की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। कहानी 'चरखों की पंचायत' महिलाओं के आपसी सहयोग, सामाजिक बात-चीत एवं आर्थिक स्वावलंबन के विषय में बताती हैं तो आइपीएस नेता राजनैतिक गुंडागर्दी की ओर संकेत करती है।
समारोह में विशिष्ट अतिथि एमसी शर्मा, मुलखराज दुआ एवं डॉ. रामेंद्र सिंह ने भी दोनों साहित्यकारों की पुस्तकों की समीक्षा की एवं शुभकामनाएं दीं। साहित्यकार आरती शर्मा, राजेंद्र शर्मा बराड़ा, रामसरूप चौहान, रामेश्वर एवं पी सी भारद्वाज ने भी संबोधन किया। अंत में डॉ. उमेश प्रताप वत्स एवं बलदेव राज भारतीय ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्वत जन, वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमियों, प्रधानाचार्य दीपक सिंगला, प्रधानाचार्य सुमित जिंदल तथा विद्यालय प्रबंधन समिति का आभार प्रकट किया। वंदेमातरम् गीत के साथ पुस्तक विमोचन समारोह का समापन किया गया। मंच संचालन गजल रचनाकार अनिल खारवन ने किया तथा व्यवस्था कार्य हाकम सिंह, नवनीत शर्मा, आशीष मैहता, श्रीश कुमार बेंजवाल, राकेश शर्मा आदि ने संभाला।
इस अवसर पर डीओसी संदीप गुप्ता, जगदीश शर्मा, शिष्टा शर्मा, संजीव ककडोनी, डॉ. रवि कपूर, सतनाम सिंह, साहित्यकार वीरेन्द्र भीलपुरा, सुन्दर प्रताप सिंह, ऋषिपाल कौशिक, जंगशेर शास्त्री, अर्जुन गुप्ता, सीमंत आहुजा, बलजीत कुमार, हरीश कुमार, राजेश कुमारी , महेश प्रताप, अभिषेक वत्स, सुमन शर्मा, कुसुम शर्मा, सुष्मा शर्मा, राधेश्याम, अश्वनी शर्मा, सुरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डीओसी संदीप गुप्ता, जगदीश शर्मा, शिष्टा शर्मा, संजीव ककडोनी, डॉ. रवि कपूर, सतनाम सिंह, साहित्यकार वीरेन्द्र भीलपुरा, सुन्दर प्रताप सिंह, ऋषिपाल कौशिक, जंगशेर शास्त्री, अर्जुन गुप्ता, सीमंत आहुजा, बलजीत कुमार, हरीश कुमार, राजेश कुमारी , महेश प्रताप, अभिषेक वत्स, सुमन शर्मा, कुसुम शर्मा, सुष्मा शर्मा, राधेश्याम, अश्वनी शर्मा, सुरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।
HARYANA PRADEEP 18-12-2021 |
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