ऐ इंसानों, ओस न चाटो!
ऐ इंसानों, ओस न चाटो!
आंधी के झूले पर झूलो!
आग बबूला बनकर फूलो!
कुरबानी करने को झूमो!
लाल सबेरे का मुंह चूमो!
अपने हाथों पर्वत काटो!
पथ की नदियां खींच निकालो!
जीवन पीकर प्यास बुझा लो!
रोटी तुमको राम न देगा!
वेद तुम्हारा काम न देगा!
जो रोटी का युद्ध करेगा!
वह रोटी को आप वरेगा!
- गजानन माधव मुक्तिबोध
[साभारः अभिव्यक्ति]
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