पानी व्यर्थ बहने और दूषित होने से रोकना होगा: अरुण
जल दिवस पर पेंटिंग प्रतियोगिता
जल चर्चा कार्यक्रम में अध्यापकों व विद्यार्थियों ने दिया संदेशइन्द्री, 22 मार्च
गांव
ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विश्व जल
दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में
विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। रहीम का दोहा-रहिमन पानी राखिए
बिन पानी सब सून, पानी गए ना ऊबरे मोती मानस चून और नारों के द्वारा
विद्यार्थियों ने जल बचाने का संदेश दिया। जल चर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता
कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने की। मंच का संचालन हिन्दी
अध्यापक नरेश मीत ने किया। पेंटिंग प्रतियोगिता का संयोजन भौतिक विज्ञान
प्राध्यापक विवेक कुमार, रसायन विज्ञान प्राध्यापक संदीप कुमार व संस्कृत
प्राध्यापक सन्नी चहल ने किया। राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह,
भौतिक विज्ञान प्राध्यापक विनोद कुमार, संस्कृत प्राध्यापक संजीव कुमार व
ब्लू बर्ड इको क्लब के प्रभारी महाबीर सिंह ने विद्यार्थियों को पानी बचाने
का संदेश दिया।
कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि
पानी प्रकृति की अनमोल देन है। पृथ्वी गृह पर प्रचूर मात्रा में पानी मिलता
है, इसलिए यहां पर जीवन संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि पानी को व्यर्थ होने
और दूषित होने से बचाना बेहद जरूरी है। पानी को व्यर्थ बहाने के कारण ही
पानी रसातल में चला गया है। भारत के ही कईं स्थानों पर पानी ट्रेन के
माध्यम से पहुंचाना पड़ता है। जिन स्थानों पर खूब पानी मिलता था, वहां पर
आज पानी को लेकर हाहाकार मचा है। उन्होंने कहा कि पानी को दूषित किए जाने
के कारण भी अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो रही हैं। 70प्रतिशत से अधिक
बिमारियां दूषित पेयजल और दूषित भोजन से होती हैं।
प्राध्यापक बलविन्द्र
सिंह ने कहा कि जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां पर पानी का
इस्तेमाल नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर 71 प्रतिशत से अधिक पानी
है, लेकिन सारा पानी पीने लायक नहीं है। समुद्री पानी पीने के लायक नहीं
है। उन्होंने कहा कि पानी को व्यर्थ करना बेहद खतरनाक है। विवेक कुमार व
विनोद कुमार ने जल दिवस के इतिहास और पानी के वैज्ञानिक आधारों पर प्रकाश
डाला। नरेश मीत ने गुरु नानक सहित साहित्यकारों द्वारा पानी की अहमियत की
अहमियत उजागर करने वाली रचनाओं के संदर्भ दिए। इस मौके पर प्राध्यापक
सुभाष चन्द, संजीव कुमार, सतीश कांबोज, राजेश सैनी, मुकेश खंडवाल, सन्नी
चहल, बलराज, गोपाल दास, राजेश कुमार, निशा कांबोज, चन्द्रवती उपस्थित रहे।
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