डॉ. कलाम द्वारा स्थापित किए गए मूल्य अनुकरणीय: अरुण कैहरबा
विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाई कलाम जयंती
इन्द्री, 15 अक्तूबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम के दौरान डॉ. कलाम का जीवन और विचारों पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि डॉ. कलाम हमारे देश के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। उनका जीवन, कड़ा संघर्ष, उनके विचार, सिद्धांत और उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य संपूर्ण मानव जाति के लिए अनुकरणीय हैं। वे गरीब परिवार से देश के सबसे बड़े ओहदे तक पहुंचे। देश के वैज्ञानिक विकास में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। देश को परमाणु शक्ति बनाने में उनकी महत्चपूर्ण भूमिका रही है। उनके योगदान के कारण ही उन्हें मिसाईल मैन कह कर संबोधित किया जाता है। डॉ. कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. कलाम ने सच्चाई, सादगी और ईमानदारी का रास्ता अपनाया। उनके जन्मदिन को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। उन्होंने कहा था कि हम अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन हम अपनी आदतें बदल सकते हैं। आदतों के जरिये हम अपना भविष्य भी बदल सकते हैं। इस मौके पर अर्थशास्त्र प्राध्यापक बलराज ने विद्यार्थियों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए कहा कि सभी विद्यार्थियों को डॉ. कलाम के अनुशासित जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में इतिहास प्राध्यापक सतीश कांबोज व हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत ने भी डॉ. कलाम के प्रेरक व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। सातवीं कक्षा की छात्रा सफिया ने देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सावित्रीबाई फुले सदन की कप्तान हिमांशी ने मंच संचालन किया। इस मौके पर प्राध्यापक सतीश राणा, सीमा गोयल, राजेश कुमार, गोपाल दास, राजेश सैनी, दिनेश कुमार, मुकेश खंडवाल, प्रीति आहुजा, लिपिक आशीष कांबोज, निर्मलजीत सिंह, विनीत सैनी, बिट्टू सिंह उपस्थित रहे।
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