जीवन को सुंदर व समृद्ध बनाती हैं कलाएं: डॉ. शिल्पी
भारतीय कलाएं विषय पर संगोष्ठी आयोजित
इन्द्री, 19 अक्तूबर
उपमंडल के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भारतीय कलाएं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में पढ़ा चुके बीआरपी डॉ. रवीन्द्र शिल्पी ने कहा कि भारत कलाओं के क्षेत्र में बेहद समृद्ध देश है। यहां पर अलग-अलग राज्यों व क्षेत्रों में विभिन्न कलाओं के विविध रूप देखने को मिलते हैं। बौद्ध मठों, मंदिरों व धार्मिक स्थानों में स्थापत्य कला और मूर्तिकला के दर्शन होते हैं। विभिन्न त्योहारों और रीति-रिवाजों में कला के कई रूप देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के कण-कण में कलाएं हैं, जोकि जीवन को सुंदर और समृद्ध बनाती हैं। उन्होंने कहा कि मूर्ति, चित्र, स्थापत्य, संगीत (गायन व वादन), नृत्य, अभिनय सहित अनेक कलाओं के शास्त्रीय और लोक रूप हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि कलाओं में आज आगे बढऩे के अनेक अवसर हैं। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों की कला प्रतिभा को मंच प्रदान करने के लिए कल्चरल फेस्ट, कला उत्सव, टेलेंट सर्च व लोक नृत्य सहित कई आयोजन करवाए जाते हैं। रवीन्द्र शिल्पी ने स्कूल की छात्रा स्मृति, अर्पित, रूद्र, रिया, कनिष्का, वंशिका, याचिका, रमन पाल, सुशांत, नैतिक सहित कई विद्यार्थियों को कला उत्सव संबंधी परामर्श प्रदान किया। इस मौके पर हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया।
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