प्राकृतिक खेती अपनाएं, पानी बचाएं, बिमारियां भगाएं
प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण पर विशेष व्याख्यान आयोजित
इन्द्री, 13 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कृषि विभाग के सहयोग से प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विभाग के सहायक तकनीकी प्रबंधक विनोद तुसंग व सुपरवाइजर मोहित कुमार ने प्राकृतिक खेती को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि पानी बचाने और बिमारियों से बचने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने की और संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व कृषि अध्यापक निर्मलजीत सिंह ने किया। एनएसक्यूएफ के कृषि विषय का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों ने विभाग के विशेषज्ञों से प्रश्र पूछ कर अपनी जिज्ञासाएं शांत की।
एटीएम विनोद तुसंग ने अपने संबोधन में कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों का जमीन और उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इससे अनेक प्रकार की बिमारियां बढ़ रही है। प्राकृतिक या जैविक खेती से जमीन की उर्वरता की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से पानी की भी रक्षा होती है। शुद्ध हवा, पानी और भोजन जीवन की बुनियाद है। इसे प्राप्त करने के लिए हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कृषि के विद्यार्थी फूड इंडस्ट्री में भी कार्य कर सकते हैं। कृषि विभाग के सुपरवाइजर मोहित कुमार ने पानी को लेकर समाज में बरती जा रही उदासीनता पर चिंता जताई और विद्यार्थियों को जल शक्ति अभियान का हिस्सा बनकर जल संरक्षण मुहिम को तेज करने की अपील की।
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने कहा कि पानी बचाने को लेकर यदि आज हम सचेत नहीं हुए तो आने वाला समय बहुत मुश्किल हो जाएगा। जल संरक्षण के लिए उनके स्कूल में रेन वाटर हारवेस्टिंग के दो प्रोजेक्ट लगे हुए हैं। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि पानी बचाने के लिए धान गेहूं के परंपरागत खेती चक्र को तोड़ कर फसल विविधता को बढ़ावा देना चाहिए। कृषि अध्यापक निर्मलजीत सिंह ने आए अतिथियों का आभार जताते हुए विद्यार्थियों को आधुनिक खेती अपनाने में किसानों का सहयोग करने की अपील की। विद्यार्थी कृष्णा, गोपाल सहित अनेक विद्यार्थियों ने सवाल पूछे।
No comments:
Post a Comment