धूमधाम से मनाया हिन्दी दिवस
बाल संगम दीवार पत्रिका के हिन्दी भाषा विशेषांक का विमोचन
कविता लेखन में देवांशी, निबंध लेखन में सृष्टि व ज्योति ने पाया पहला स्थान
इन्द्री, 13 सितंबर
गांव
ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी
दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी प्रधानाचार्य
डॉ. सुभाष भारती ने की। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सलिन्द्र
मंढ़ाण और हिन्दी अध्यापक नरेश मीत के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने
विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और हिन्दी की महत्ता को
रेखांकित किया। इस मौके पर स्कूल की बाल संगम दीवा पत्रिका के हिन्दी भाषा
विशेषांक का विमोचन किया गया। निर्णायक मंडल में प्राध्यापक बलविन्द्र
सिंह, सीमा गोयल, रमन सैनी, अश्वनी कुमार ने भूमिका निभाई।
कविता पाठ
प्रतियोगिता में समिष्ठी ने पहला और करिमा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
कक्षा नौ से बारह में कविता लेखन में देवांशी ने पहला, अवनी ने दूसरा,
याचिका व दिव्या ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। नारा लेखन में दसवीं कक्षा
की तनु, तृषा, संजना ने क्रमश: पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त किया।
निबंध लेखन में दसवीं-ए कक्षा की छात्रा सृष्टि और भाषण प्रतियोगिता में
भारती ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वहीं कक्षा छह से आठ में कक्षा आठवीं की
ज्योति ने पहला, सातवीं कक्षा की छात्रा माफी ने दूसरा और आठवीं कक्षा की
छात्रा जैसमीन ने तीसरा स्थान पाया। अंजलि परोचा और नेहा ने सांत्वना
पुरस्कार प्राप्त किया। कविता लेखन में वंशिका ने पहला, इशिका ने दूसरा और
तनवी ने तीसरा स्थान पाया। पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में 11वीं मैडिकल की
छात्रा जैसवीन ने पहला, नौवीं की छात्रा यशवी ने दूसरा और 11वीं कॉमर्स की
छात्रा मानसी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
स्कूल में आयोजित संगोष्ठी
में विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए डॉ. सुभाष भारती ने कहा कि
हिन्दी आज अन्तर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा हासिल कर चुकी है। हरियाणा में
हिन्दी मातृभाषा भी है, जोकि माता के समान होती है। अत: हमें हिन्दी में
अभिव्यक्ति करने में जरा भी संकोच नहीं करना चाहिए। अरुण कुमार कैहरबा ने
कहा कि अपनी भाषा ज्ञान और चिंतन का बुनियादी स्रोत है। हिन्दी भाषा की
नींव मजबूत होने पर ही हम अन्य भाषाओं में पारंगत हो सकते हैं। हिन्दी में
रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सलिन्द्र मंढ़ाण ने हास्य कविता सुनाकर सभी
को लोटपोट कर दिया। उन्होंने कहा कि हृदय के उदगार मातृभाषा में ही प्रकट
होते हैं। हमें हिन्दी में भावाभिव्यक्ति करते हुए गौरव का अनुभव होना
चाहिए। नरेश मीत ने कहा कि हिन्दी विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है।
इसमें 11 स्वर, 33 व्यंजन, संयुक्ताक्षर, अयोगवाह आदि के संयोजन द्वारा
कठिन से कठिन विषयों और भावों को सहज भाव से प्रकट करने की क्षमता है।
समारोह
का आकर्षण विद्यार्थियों द्वारा हर 15 दिन में तैयार की जाने वाली बाल
संगम दीवार पत्रिका के हिन्दी भाषा विशेषांक का विमोचन रहा। हिन्दी
प्राध्यापक अरुण कैहरबा व हिन्दी अध्यापक नरेश मीत के मार्गदर्शन में छात्र
संपादक मनप्रीत, निशिता, सिया, अनम, हिमांशी, मानसी, कशिश, रूही, रीतिका
द्वारा संपादित और सुसज्जित अंक का विमोचन कार्यकारी प्रधानाचार्य डॉ.
सुभाष भारती, हिन्दी प्राध्यापक सलिन्द्र मंढ़ाण, प्राध्यापक बलविन्द्र
सिंह, सीमा गोयल, विज्ञान अध्यापक रमन सैनी, अंग्रेजी अध्यापक अश्वनी कुमार
ने किया। सभी ने विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई पत्रिका की सराहना की। अरुण
कैहरबा और नरेश मीत ने बताया कि हर 15 दिन में दीवार पत्रिका का नया अंक
विद्यार्थियों द्वारा तैयार किया जाता है। इससे विद्यार्थियों की
अभिव्यक्ति क्षमता और रचनात्मकता का विकास होता है। उन्होंने बताया कि
मौजूदा अंक हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हिन्दी विशेषांक के रूप में निकाला
गया है। यह अंक आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेंदु हरिश्चंन्द्र को
समर्पित है, जिन्होंने नाटक सहित विभिन्न गद्य विधाओं को नया रूप दिया और
आधुनिक हिन्दी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यार्थियों द्वारा
पेंटिंग, पोस्टर, कविता, नारों से इसे सजाया गया है और मातृभाषा की भूमिका
को रेखांकित किया गया है।
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dainik jagmarg 14-9-2024 |
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14-9-2014 |
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amar ujala 14-9-2024 |
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