सेमिनार रिपोर्ट
भारतीय संविधान शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का लिखित दस्तावेज: अरुण कैहरबा
कार्यकारी प्रधानाचार्य ने संविधान की प्रस्तावना का करवाया पाठ
करनाल, 26 नवंबर
संविधान भारत देश की आत्मा है। जिस तरह से आत्मा के बिना शरीर निर्जीव होता है, उसी प्रकार से संविधान देश को जीवन व दिशा देता है। आजादी के लिए कुर्बानियां देने वाले और जेलों में यातना साहने वाले स्वतंत्रता सेनानियों ने जो सपने देखे थे, वे सब सपने संविधान में समाहित किए गए हैं। ये शब्द जिला करनाल के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यकारी प्रधानाचार्य व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहे। वे संविधान दिवस पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया और पीछे-पीछे सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों ने प्रस्तावना की पंक्तियां देाहरायी। सेमिनार की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह ने की और संचालन शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक नरेन्द्र कुमार ने की।
अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान होने का गौरव प्राप्त है। जिस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 महीने व 18 दिन में संविधान तैयार किया, उसमें देश के विभिन्न हिस्सों, वर्गों व राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व था। मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान तैयार करने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन किया और भारत की स्थितियों के अनुकूल एक बेहतरीन संविधान का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान मूल रूप से हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में हाथ से लिखा गया। 26 नवंबर, 1949 में यह संविधान राष्ट्र को समर्पित किया गया, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान में देश की जनता को समान रूप से छह मौलिक अधिकार दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी के लिए मौलिक कर्तव्यों का भी प्रावधान किया गया है। संविधान समानता, न्याय, मानवीय गरिमा, देश की एकता, अखंडता व संभ्रुता के सिद्धांतों पर आधारित है। अरुण कैहरबा ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि देश की विविधता का सम्मान करते हुए जाति, धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्र, भाषा, बोली, रंग व लिंग की संकीर्णताओं से ऊपर उठें और शिक्षा को हथियार बनाकर बेहतर समाज के निर्माण के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि हमें संविधान के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
कानूनी साक्षरता क्लब के द्वारा खंड स्तर पर होने वाली कानूनी साक्षरता प्रतियोगिताओं की तैयारियां की गई। रसायन विज्ञान प्राध्यापक अनिल पाल, संदीप कुमार, भौतिक विज्ञान प्राध्यापक विनोद कुमार, विवेक कुमार, जीव विज्ञान प्राध्यापक डॉ. महाबीर सिंह, गणित प्राध्यापक सतीश राणा, सीमा गोयल, गोपाल दास की अगुवाई में विद्यार्थियों ने विज्ञान एवं गणित के मॉडल तैयार किए, जिसे स्कूल में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जाएगा। इस मौके पर प्राध्यापक बलराज, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, मुकेश खंडवाल, सलिन्द्र कुमार, राजेश सैनी, नरेश कुमार, निशा कांबोज, विनीत सैनी, गोपाल सिंह, कविता, सुरेन्द्र, जितेन्द्र उपस्थित रहे।
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JAGMARG 27-11-2022 |
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