भगत सिंह की अध्ययनशीलता विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत: अरुण
भगत सिंह जयंती पर संगोष्ठी आयोजित
इन्द्री, 28 सितम्बर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद भगत सिंह जयंती मनाई गई। इस मौके पर शहीदे आजम भगत सिंह का जीवन एवं विचार विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए हिन्दी प्राध्यापक व स्कूल प्रभारी अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भगत का जीवन और विचार सदा-सदा के लिए देश के युवाओं व लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। उन्होंने कहा कि वैसे तो आजादी की लड़ाई में अनेक व्यक्तित्व हुए हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों व बलिदान से देश को आजादी दिलवाने में अहम योगदान दिया, लेकिन भगत सिंह को ही शहीदे आजम कहा जाता है। उसका कारण यह है कि भगत सिंह के पास देश की आजादी की योजना के साथ-साथ आजाद भारत का भी स्पष्ट नक्शा था। आजाद भारत कैसा होगा? कैसा समाज बनेगा, कैसी शासन व्यवस्था होगी। 23 साल के भगत सिंह ने अपने अध्ययन व वैचारिक विमर्श के जरिये इन सबका विश्लेषण कर लिया था। भगत सिंह ने कहा कि केवल गोरे अंग्रेजों से मुक्ति पाकर ही हम आजाद नहीं हो जाएंगे। सच्ची आजादी के लिए मानव के द्वारा मानव का शोषण समाप्त करना होगा। अरुण कैहरबा ने कहा कि भगत सिंह की अध्ययनशीलता सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत होनी चाहिए। जेल में रहते हुए भी भगत सिंह किताबों के लिए तड़पते थे। अपने वकील से वे केस से भी अधिक किताबों के बारे में बात करते थे। जेल में रहते हुए भगत सिंह ने अनेक किताबें पढ़ीं और अपनी डायरी में उन पर टिप्पणियां लिखी। यहां तक कि फांसी से पहले भी वे किताब पढऩे में लगे हुए थे।
हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने कहा कि स्कूल के भगत सिंह सदन द्वारा भगत सिंह के जीवन और विचारों को जानने और चर्चाओं की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह के जीवन को जानने के लिए हमें किताबें पढऩी चाहिएं। उनके खुद के लिखे लेख भी सभी को पढऩे चाहिएं। इस मौके पर प्राध्यापक अनिल पाल, सतीश कांबोज, बलराज कांबोज, सतीश राणा, राजेश कुमार, गोपाल दास, मुकेश खंडवाल, राजेश सैनी, दिनेश कुमार, प्रीति आहुजा, निशा, रणदीप उपस्थित रहे।
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YUGMARG 29-9-2022 |
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UTTAM HINDU 29-9-2022 |
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