Friday, September 2, 2022

BRPs visited GMSSSS BIANA (KARNAL)

 कलाओं से हो सकता है बेहतर समाज का निर्माण: शिल्पी

सांस्कृतिक उत्सव के विजेताओं से बीआरपी ने किया संवाद

इन्द्री, 2 सितंबर
खंड स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव में शानदार प्रदर्शन करने वाले गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ बीआरपी रविन्द्र शिल्पी, धर्मेन्द्र चौधरी व संगीत शिक्षक राजेश कुमार ने संवाद किया। उन्होंने जिला स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टिप्स दिए और कला उत्सव में शामिल होने वाली प्रतियोगिताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने की।
रविन्द्र शिल्पी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कलाओं का दायरा बहुत व्यापक है और कलाओं से एक बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है। कलाएं दो तरह की होती हैं-दृश्य कला और प्रदर्शन कला। प्रदर्शन कला में गतिशीलता होती है। इन्हें मंच पर प्रदर्शित किया जाता है। नाटक, नृत्य, गायन व वादन में कलाकार मंच पर सक्रियता प्रदर्शित करता है। जबकि चित्रकला, क्ले मॉडलिंग व रंगोली आदि दृश्य कलाओं में कलाकार अपनी कलाकृतियां तैयार करके प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि गायन, वादन व नृत्य संगीत कला के अन्तर्गत आता है। उन्होंने कहा कि कला उत्सव में शास्त्रीय व लोक गायन, वाद्यवादन, शास्त्रीय व लोक नृत्य, एकल अभिनय, पेंटिंग व क्ले मॉडलिंग आदि गतिविधियां शामिल होती हैं। जो विद्यार्थी इन कलाओं में दिलचस्पी रखते हैं। वे अपनी कलाओं को और अधिक तराशें। कला के क्षेत्र में आगे बढऩे की अपार संभावनाएं हैं।
धमेन्द्र चौधरी ने कहा कि संवेदनशील समाज का निर्माण कलाओं के माध्यम से हो सकता है। जो विद्यार्थी कला साधना में लग जाते हैं, उनमें एकाग्रता बढ़ जाती है और बुराईयों से बचते हुए वे आगे बढ़ते जाते हैं। उन्होंने कहा कि मानवता के विकास में कलाओं का अहम योगदान होता है।

अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि खंड स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव की लघु नाटिका प्रतियोगिता में राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ब्याना की जूनियर व सीनियर टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किए हैं। इसके अलावा समूह नृत्य, एकल नृत्य और एकल रागनी गायन में दूसरा स्थान हासिल किया है। विद्यार्थियों को कलात्मक रूचियों को विकसित करने के लिए और कौशल को निखारने के लिए निरंतर अभ्यास करना होगा। संगीत शिक्षक राजेश कुमार ने सांस्कृतिक उत्सव की प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए सुधार के सुझाव दिए। इस मौके पर अंग्रेजी प्राध्यापक राजेश कुमार, हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत, इतिहास प्राध्यापक सतीश कांबोज आदि उपस्थित रहे।
Dainik Jagmarg 3-9-2022

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