Saturday, July 30, 2022
TREE PLANTATION IN GMSSSS BIANA
Monday, July 25, 2022
SEMINAR / SHAHEED UDHAM SINGH KI SHAHADAT AUR AZAADI KE ANDOLAN KI VIRASAT
वैश्विक दृष्टि रखते थे क्रांतिकारी उधम सिंह: डॉ. सुभाष चन्द्र
कहा: देश की आजादी व न्यायसंगत समाज की स्थापना था लक्ष्य
उधम सिंह की शहादत व स्तंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर संगोष्ठी आयोजितइन्द्री में शहीद उधम सिंह की शहादत व स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष चन्द्र हिन्दी विभागाध्यक्ष कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ प्रतिभागी।
इन्द्री, 25 जुलाई
स्थानीय राजकीय प्राथमिक पाठशाला में शहीद उधम सिंह की शहादत और स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष चन्द्र ने संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए शहीद उधम सिंह के जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों, विचारों और शहादत पर विस्तार से विचार रखे। सत्यशोधक फाउंडेशन, शहीद सोमनाथ स्मारक समिति, शहीद यादगार समिति, डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक शिक्षा मंच व अध्यापक संघ द्वारा आयोजित संगोष्ठी का संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।इन्द्री में आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभागध्यक्ष प्रो. सुभाष चन्द्र व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा।
प्रो. सुभाष चन्द्र ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी कुनबे से जुड़े उधम सिंह ऐसे व्यक्ति हैं, जो समाज के सामाजिक व आर्थिक रूप से बेहद पिछड़े परिवार से आते हैं। कम उम्र में उनके माता-पिता का का देहांत हो गया। उसके बाद अमृतसर के अनाथाश्रम में रहते हुए वे शिक्षा ग्रहण करते हैं और पचास-पेचकस जैसे उपकरणों का इस्तेमाल सीखकर वे एक कुशल कारीगर बनकर निकलते हैं। उधम सिंह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लेकिन उर्दू, पंजाबी व अंग्रेजी का कामचलाऊ ज्ञान रखते थे। उनकी पढऩे में दिलचस्पी का इस बात से पता चलता है कि जब वे पुलिस से पकड़े गए तो उनके पास से गदर पार्टी का साहित्य पाया गया था। उधम सिंह करतार सिंह सराभा और भगत सिंह से प्रेरित हुए। सराभा की पंक्तियां- सेवा देश दी जिंदडि़ए बड़ी औखी, गल्लां करणियां ढ़ेर सुखल्लियां ने, जिन्ना देश सेवा विच पैर पाया, उन्नां लख मुसीबतां झल्लियां ने उधम सिंह अपनी जेब में रखे रहते थे। इसके अलावा भगत सिंह का चित्र भी उनकी जेब में होता था। डॉ. सुभाष चन्द्र ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टि के बिना कोई क्रांतिकारी नहीं हो सकता। उधम सिंह भी वैश्विक दृष्टि से लैस थे। वे दुनिया के कईं देशों में घूमे। उन्होंने दो फिल्मों में भी काम किया। उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। लेकिन अंगे्रजों से बच कर बाहर जाने के लिए उन्हें उधम सिंह के नाम से पासपोर्ट बनवाना पड़ा। बाद में यही नाम उनका विख्यात हो गया। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उधम सिंह का प्रिय नाम मोहम्मद सिंह आजाद था। माइकल ओडवायार को मारने के बाद उधम सिंह ने इसी नाम से अपना बयान दिया था। यही नाम उन्होंने अपनी बाजू पर भी गुदवाया था। उन्होंने कहा कि उधम सिंह सहित क्रांतिकारियों का मकसद देश को आजाद करवाने के साथ-साथ यह भी था कि देश में सभी को न्याय, समानता, शिक्षा व मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। उनके पास आजादी के बाद एक बेहतर समाज व देश का सपना था।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की जातियों व धर्म से पहचान करना उनके विचारों के उलट जाना ही है। उधम सिंह के शहीदी दिवस को मनाने की सबसे ज्यादा सार्थकता आज के संदर्भ में उनके विचारों को जानना व समझना है। विचारों और सरोकारों के बिना किसी क्रांतिकारी को नहीं समझा जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों व महापुरूषों के विचारों को समझ कर ही देश व समाज का कुछ भला हो सकता है।
कार्यक्रम में राजकीय स्कूल भौजी खालसा के प्रधानाचार्य दयाल चंद जास्ट ने शहीद उधम सिंह का समर्पित अपनी स्वरचित रागनी सुनाते हुए कहा- ऋणी रहैंगे उधम सिंह हम कुर्बानी तेरी के। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राध्यापक विकास साल्यान, शोधार्थी दिनेश कुमार, अतिथि अध्यापक संघ के खंड प्रधान नरेश कुमार मीत, अध्यापक सुभाष लांबा, सबरेज अहमद, अंग्रेजी प्राध्यापक दलजीत सिंह, महिन्द्र कुमार खेड़ा, विक्रम सिंह, कंवर लाल फौजी, अध्यापक संघ के पूर्व खंड प्रधान मान सिंह चंदेल, बीबीपुर जाटान के पूर्व सरपंच रमेश सैनी, राजेश सैनी, सुभाष कांबोज, गुंजन, बंटी कांबोज, नरेन्द्र बंटी, सार्थक, ध्रुव, हरमन, उर्वी, आर्वी आदि उपस्थित रहे।
Friday, July 22, 2022
PROVIDED COUNSELLING TO CWSN IN GMSSSS BIANA (KARNAL)
सबकी सजगता से ही दिव्यांग बच्चे आगे बढ़ेंगे
विशेष अध्यापक ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए दिया परामर्श
Thursday, July 21, 2022
5 STUDENTS QUALIFIED 2ND LEVEL OF SUPER-100 / GMSSSS BIANA (KARNAL)
ब्याना स्कूल के पांच विद्यार्थियों ने सूपर-100 का दूसरा चरण किया क्वालीफाई
स्कूल में खुशी की लहर
मेधावी विद्यार्थियों का मुंह मीठा करवाया
गांव ब्याना के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पांच विद्यार्थियों- रोहित, वंश, साहिल, लक्ष्य, खुशबू ने सूपर-100 के द्वितीय चरण को क्वालीफाई किया है। ये विद्यार्थी जल्द ही आगामी कोर्स करने के लिए विकल्प फाउंडेशन रेवाड़ी जाएंगे। वहां पर विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग और उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्रधानाचार्य बलवान सिंह, प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सुनील कुमारी, सतीश कांबोज, सुदर्शन लाल, सतीश राणा, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, यशपाल मेहला, ज्योति, ईशा, मनीषा, रीना नरवाल, मुकेश शर्मा, गोपाल दास, मुकेश खंडवाल, अनिल पाल, राजेश कुमार, ईएसएचएम मधु रानी, नरेश मीत, संजीव कांबोज, प्रीति आहुजा, सोनिया खोखर, प्रवीण कुमारी, निशा कांबोज, निर्मलजीत, विनीत सैनी सहित सभी अध्यापकों ने चयनित विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और मीठा मुंह करवाया।
प्रधानाचार्य बलवान सिंह व अरुण कैहरबा ने कहा कि दूसरा चरण क्वालीफाई करने के बाद विद्यार्थी आगामी तैयारी के लिए रेवाड़ी जा रहे हैं। जहां पर सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों की प्रतिभा के निखार के लिए कोर्स करवाया जाएगा। इसके बाद तीसरा चरण क्वालीफाई करने पर विद्यार्थी दो साल के लिए मुफ्त कोचिंग व उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे। बलवान सिंह ने कहा कि तीसरा चरण क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थियों को वे अपने निजी कोष से सम्मानित करेंगे।
JAGMARG 22-7-2022 |
YUGMARG 22-7-2022 |
VANSH |
SAHIL |
ROHIT |
LAKSHYA |
KHUSHBOO |
Saturday, July 16, 2022
SPEACH COMPETITION ON TREES & OUR ENVIRONMENT IN GMSSSS BIANA
भाषण प्रतियोगिता में कृति ने पहला और मुस्कान ने पाया दूसरा स्थान
पेड़-पौधे और पर्यावरण विषय पर प्रतियोगिता आयोजित
इन्द्री, 16 जुलाईगांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पेड़-पौधे और हमारा पर्यावरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कईं विद्यार्थियों ने हिस्सेदारी करते हुए पेड़-पौधों की अहमियत और पर्यावरण संरक्षण की जरूरत को रेखांकित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने की। प्रतियोगिता का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सुदर्शन लाल व नरेश मीत ने किया। प्रतियोगिता के नौवीं से बारहवीं कक्षा के वर्ग में विज्ञान संकाय से 11वीं कक्षा की छात्रा कृति ने पहला, मुस्कान ने दूसरा स्थान पाया। दसवीं-सी की छात्रा रिया ने तीसरा स्थान हासिल किया। 12वीं बी कक्षा के विद्यार्थी रजत और 11वीं विज्ञान छात्रा अनुशिका ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। छठी से आठवीं कक्षा वर्ग में सातवीं कक्षा की देवांशी ने पहला, रीतिका ने दूसरा और यशवी ने तीसरा स्थान पाया। अलग-अलग वर्ग के निर्णायक मंडल में नरेश मीत, सुदर्शन लाल, राजेश कुमार, प्रीति आहुजा, सोनिया खोखर और प्रवीण कुमारी ने शिरकत की।
प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने प्रतियोगिता में शिरकत करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जल्द ही समारोह में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन, संस्कृति व पर्यावरण का अभिन्न अंग रहे हैं। इनके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इनकी अहमियत को जानकर ही मनुष्य ने कभी पेड़ों की पूजा करनी शुरू की होगी। लेकिन आज हम अपने जंगलों को काटकर कंकरीट के जंगलों में गुम होते जा रहे हैं। सुदर्शन लाल और नरेश कुमार मीत ने भाषण कला को निखारने में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि मंचीय कलाओं में भाषण को बहुत नीरस कला माना जाता है। लेकिन श्रोताओं से जुडऩे वाले और रोचक ढ़ंग से भाषण देने वाले वक्ताओं को सुनने वालों की भीड़ लगती है। अध्यापिका प्रीति आहुजा ने विद्यार्थियों को भाषण कला में निखार लाने के लिए निरंतर अभ्यास करने का संदेश दिया। ईशा मुंजाल और मुकेश शर्मा ने विद्यार्थियों को उचित खान-पान के बारे में बताया।
इस मौके पर प्राध्यापक सतीश कांबोज, सतीश राणा, सुनील कुमारी, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, ज्योति, मनीषा, गोपाल दास, सीमा, रीना नरवाल, भागवंती, मुकेश खंडवाल, संजीव कुमार, निर्मलजीत सिंह, निशा कांबोज, विनीत सैनी, बिट्टू, लिपिक आशीष कांबोज, कुलदीप सिंह व अरुण कुमार उपस्थित रहे।
DAINIK TRIBUNE 17-7-2022 |
JAGMARG 17-7-2022 |
PUNJAB KESARI 17-7-2022 |