Saturday, July 30, 2022

TREE PLANTATION IN GMSSSS BIANA



 शहीद उधम सिंह व कथा सम्राट प्रेमचंद की याद में किया पौधारोपण

इन्द्री, 30 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस, कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती और तीज के उपलक्ष्य में पौधारोपण अभियान चलाया गया। अभियान के तहत स्कूल के खेल मैदान, प्राथमिक पाठशाला व आंगनावाडिय़ों के प्रांगण में पौधे रोपे गए। वन विभाग की तरफ से स्कूल में आए पौधे विद्यार्थियों को वितरित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने की और संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत ने की। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने कहा कि किसी दिन को यादगार बनाने का सबसे अच्छा तरीका पौधारोपण करना है। उन्होंने कहा कि स्कूल खेल के मैदान में पौधारोपण करके तीज का त्योहार, स्वतंत्रता आंदोलन और साहित्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रेमचंद के दिनों को यादगार बना रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने जन्मदिन पर भी पौधारोपण करने की परंपरा बनानी चाहिए।

हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में शहीद उधम सिंह ऐसा नाम है, जो अपने साहस, देशभक्ति, संकल्पबद्धता और मजबूत इरादों के कारण सभी को प्रेरणा देता है। उधम सिंह ने करतार सिंह सराभा, भगत सिंह और गदर आंदोलन के वीरों से प्रेरणा ली और देश को आजाद करवाने के लिए बलिदान किया। उन्होंने साम्प्रदायिक सौहाद्र्र और भाईचारे का संदेश दिया। प्रेमचंद ने देश के कथा साहित्य को निर्णायक मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पौधारोपण करते हुए हमें इन व्यक्तित्वों के कार्यों और विचारों को जानने और उनसे कदम-कदम पर प्रेरणा लेने का संकल्प करना चाहिए।

सतीश कांबोज व नरेश मीत ने कहा कि तीज हरियाणा का प्रमुख त्योहार है। उन्होंने कहा कि तीज पेड़ों से ही शोभा पाएगी। कार्यक्रम में प्राध्यापक सतीश कांबोज, सुदर्शन लाल, सुनील कुमारी, मनीषा, ज्योति, रीना नरवाल, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, मुकेश खंडवाल, यशपाल मेहला, राजेश कुमार, संजीव कांबोज, प्रीति आहुजा, मधु रानी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नीलम बाला, ममता, हैल्पर बाला, सावित्री, रेशमा ने सहयोग किया।







Monday, July 25, 2022

SEMINAR / SHAHEED UDHAM SINGH KI SHAHADAT AUR AZAADI KE ANDOLAN KI VIRASAT

 वैश्विक दृष्टि रखते थे क्रांतिकारी उधम सिंह: डॉ. सुभाष चन्द्र

कहा: देश की आजादी व न्यायसंगत समाज की स्थापना था लक्ष्य

उधम सिंह की शहादत व स्तंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर संगोष्ठी आयोजित

इन्द्री में शहीद उधम सिंह की शहादत व स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष चन्द्र हिन्दी विभागाध्यक्ष कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ प्रतिभागी।

इन्द्री, 25 जुलाई 

स्थानीय राजकीय प्राथमिक पाठशाला में शहीद उधम सिंह की शहादत और स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष चन्द्र ने संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए शहीद उधम सिंह के जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों, विचारों और शहादत पर विस्तार से विचार रखे। सत्यशोधक फाउंडेशन, शहीद सोमनाथ स्मारक समिति, शहीद यादगार समिति, डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक शिक्षा मंच व अध्यापक संघ द्वारा आयोजित संगोष्ठी का संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।

इन्द्री में आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभागध्यक्ष प्रो. सुभाष चन्द्र व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा।

प्रो. सुभाष चन्द्र ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी कुनबे से जुड़े उधम सिंह ऐसे व्यक्ति हैं, जो समाज के सामाजिक व आर्थिक रूप से बेहद पिछड़े परिवार से आते हैं। कम उम्र में उनके माता-पिता का का देहांत हो गया। उसके बाद अमृतसर के अनाथाश्रम में रहते हुए वे शिक्षा ग्रहण करते हैं और पचास-पेचकस जैसे उपकरणों का इस्तेमाल सीखकर वे एक कुशल कारीगर बनकर निकलते हैं। उधम सिंह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लेकिन उर्दू, पंजाबी व अंग्रेजी का कामचलाऊ ज्ञान रखते थे। उनकी पढऩे में दिलचस्पी का इस बात से पता चलता है कि जब वे पुलिस से पकड़े गए तो उनके पास से गदर पार्टी का साहित्य पाया गया था। उधम सिंह करतार सिंह सराभा और भगत सिंह से प्रेरित हुए। सराभा की पंक्तियां- सेवा देश दी जिंदडि़ए बड़ी औखी, गल्लां करणियां ढ़ेर सुखल्लियां ने, जिन्ना देश सेवा विच पैर पाया, उन्नां लख मुसीबतां झल्लियां ने उधम सिंह अपनी जेब में रखे रहते थे। इसके अलावा भगत सिंह का चित्र भी उनकी जेब में होता था। डॉ. सुभाष चन्द्र ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टि के बिना कोई क्रांतिकारी नहीं हो सकता। उधम सिंह भी वैश्विक दृष्टि से लैस थे। वे दुनिया के कईं देशों में घूमे। उन्होंने दो फिल्मों में भी काम किया। उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। लेकिन अंगे्रजों से बच कर बाहर जाने के लिए उन्हें उधम सिंह के नाम से पासपोर्ट बनवाना पड़ा। बाद में यही नाम उनका विख्यात हो गया। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उधम सिंह का प्रिय नाम मोहम्मद सिंह आजाद था। माइकल ओडवायार को मारने के बाद उधम सिंह ने इसी नाम से अपना बयान दिया था। यही नाम उन्होंने अपनी बाजू पर भी गुदवाया था। उन्होंने कहा कि उधम सिंह सहित क्रांतिकारियों का मकसद देश को आजाद करवाने के साथ-साथ यह भी था कि देश में सभी को न्याय, समानता, शिक्षा व मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। उनके पास आजादी के बाद एक बेहतर समाज व देश का सपना था।

हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की जातियों व धर्म से पहचान करना उनके विचारों के उलट जाना ही है। उधम सिंह के शहीदी दिवस को मनाने की सबसे ज्यादा सार्थकता आज के संदर्भ में उनके विचारों को जानना व समझना है। विचारों और सरोकारों के बिना किसी क्रांतिकारी को नहीं समझा जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों व महापुरूषों के विचारों को समझ कर ही देश व समाज का कुछ भला हो सकता है। 

कार्यक्रम में राजकीय स्कूल भौजी खालसा के प्रधानाचार्य दयाल चंद जास्ट ने शहीद उधम सिंह का समर्पित अपनी स्वरचित रागनी सुनाते हुए कहा- ऋणी रहैंगे उधम सिंह हम कुर्बानी तेरी के। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राध्यापक विकास साल्यान, शोधार्थी दिनेश कुमार, अतिथि अध्यापक संघ के खंड प्रधान नरेश कुमार मीत, अध्यापक सुभाष लांबा, सबरेज अहमद, अंग्रेजी प्राध्यापक दलजीत सिंह, महिन्द्र कुमार खेड़ा, विक्रम सिंह, कंवर लाल फौजी, अध्यापक संघ के पूर्व खंड प्रधान मान सिंह चंदेल, बीबीपुर जाटान के पूर्व सरपंच रमेश सैनी, राजेश सैनी, सुभाष कांबोज, गुंजन, बंटी कांबोज, नरेन्द्र बंटी, सार्थक, ध्रुव, हरमन, उर्वी, आर्वी आदि उपस्थित रहे।



Friday, July 22, 2022

PROVIDED COUNSELLING TO CWSN IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 सबकी सजगता से ही दिव्यांग बच्चे आगे बढ़ेंगे

विशेष अध्यापक ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए दिया परामर्श

इन्द्री, 22 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विशेष अध्यापक अमित कुमार ने विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों, अध्यापकों, सहपाठियों व अभिभावकों को परामर्श प्रदान किया। अलग-अलग कक्षाओं में जाकर उन्होंने भिन्न प्रकार से योग्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास व समान अवसरों पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बलवान सिंह, ईएसएचएम मधु रानी व मुख्य शिक्षिका स्नेह लता ने की। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। प्राध्यापिका ज्योति, निशा कांबोज, ईशा मुंजाल, सीमा गोयल, मुकेश खंडवाल, सतीश राणा, अध्यापक नरेश मीत, प्रीति आहुजा, सोनिया खोखर ने सहयोग किया।

इन्द्री स्थित समावेशी शिक्षा केन्द्र में खंड के विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कार्यरत विशेष अध्यापक अमित कुमार ने कहा कि बेहतर समाज निर्माण के लिए सबका अच्छी शिक्षा प्राप्त करना जरूरी है। दिव्यांग बच्चे तभी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे, जब पूरा समाज और उनके सहपाठी उनकी जरूरतों के प्रति सजग होंगे। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की जरूरतों को समझने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने सभी बच्चों के लिए सम्मानजनक व अच्छी शब्दावली प्रयोग करने का सुझाव देते हुए कहा कि समाज कईं बार विशेष बच्चों के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने की परंपरा हो जाती है। उसे तोडऩे के और अच्छी शब्दावली को जानकर उसका प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों की मेडिकल जांच, प्रमाण-पत्र व यूडीआईडी के बारे में भी मार्गदर्शन किया।

हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि सहयोग व संवेदनशीलता शिक्षा का अभिन्न अंग है। इसी से समावेशी समाज बनाया जा सकता है, जिसमें सभी बच्चों की विशेष जरूरतों व समस्याओं का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि भिन्न प्रकार से योग्य विद्यार्थी अकेलापन ना महसूस करें। जरूरत पडऩे पर उन्हें सहपाठी उत्साहपूर्वक सहयोग प्रदान करें। उन्होंने 11वीं कक्षा में पढ़ रहे दृष्टिबाधित विद्यार्थी मोहित और 12वीं कक्षा की श्रवण बाधित छात्रा भारती का परिचय करवाया और सभी विद्यार्थियों को सहयोग का आह्वान किया।

प्राध्यापिका ज्योति, निशा कांबोज, प्रीति आहुजा व नरेश मीत ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के विकास के लिए सभी को मिलजुल कर कार्य करना होगा। विद्यार्थियों की रूचियों को पहचान कर उन्हें विकसित करना होगा।

प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने विशेष अध्यापक का स्कूल आगमन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका स्कूल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और प्रतिभावान विद्यार्थियों सहित सभी विद्यार्थियों के विकास के लिए कार्य कर रहा है।


Thursday, July 21, 2022

5 STUDENTS QUALIFIED 2ND LEVEL OF SUPER-100 / GMSSSS BIANA (KARNAL)

ब्याना स्कूल के पांच विद्यार्थियों ने सूपर-100 का दूसरा चरण किया क्वालीफाई

स्कूल में खुशी की लहर

मेधावी विद्यार्थियों का मुंह मीठा करवाया

इन्द्री, 21 जुलाई

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पांच विद्यार्थियों ने सूपर-100 के ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कोर्स के लिए क्वालीफाई किया है। प्रतिभावान विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना में अपने विद्यार्थियों के क्वालीफाई करने पर स्कूल में खुशी की लहर है। इस उपलब्धि के लिए स्कूल प्रधानाचार्य बलवान सिंह सहित स्टाफ सदस्यों ने विद्यार्थियों का मुंह मीठा करवाया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

गांव ब्याना के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पांच विद्यार्थियों- रोहित, वंश, साहिल, लक्ष्य, खुशबू ने सूपर-100 के द्वितीय चरण को क्वालीफाई किया है। ये विद्यार्थी जल्द ही आगामी कोर्स करने के लिए विकल्प फाउंडेशन रेवाड़ी जाएंगे। वहां पर विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग और उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्रधानाचार्य बलवान सिंह, प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सुनील कुमारी, सतीश कांबोज, सुदर्शन लाल, सतीश राणा, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, यशपाल मेहला, ज्योति, ईशा, मनीषा, रीना नरवाल, मुकेश शर्मा, गोपाल दास, मुकेश खंडवाल, अनिल पाल, राजेश कुमार, ईएसएचएम मधु रानी, नरेश मीत, संजीव कांबोज, प्रीति आहुजा, सोनिया खोखर, प्रवीण कुमारी, निशा कांबोज, निर्मलजीत, विनीत सैनी सहित सभी अध्यापकों ने चयनित विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और मीठा मुंह करवाया।

प्रधानाचार्य बलवान सिंह व अरुण कैहरबा ने कहा कि दूसरा चरण क्वालीफाई करने के बाद विद्यार्थी आगामी तैयारी के लिए रेवाड़ी जा रहे हैं। जहां पर सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों की प्रतिभा के निखार के लिए कोर्स करवाया जाएगा। इसके बाद तीसरा चरण क्वालीफाई करने पर विद्यार्थी दो साल के लिए मुफ्त कोचिंग व उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे। बलवान सिंह ने कहा कि तीसरा चरण क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थियों को वे अपने निजी कोष से सम्मानित करेंगे।

डीईओ ने दी शुभकामनाएं-  
जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने ब्याना स्कूल सहित जिला के सभी स्कूलों के दूसरा चरण क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों व अध्यापकों को बधाईयां और शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि सूपर-100 मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में चयनित छात्रों को दो सालों तक मुफ्त कोचिंग और आगे उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा मुफ़्त में प्रदान करना है जो छात्र धन की कमी की वजह से अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं यह योजना इसे छात्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।


JAGMARG 22-7-2022
DAINIK BHASKAR 22/7/2022

YUGMARG 22-7-2022

VANSH

SAHIL

ROHIT

LAKSHYA

KHUSHBOO

Saturday, July 16, 2022

SPEACH COMPETITION ON TREES & OUR ENVIRONMENT IN GMSSSS BIANA

भाषण प्रतियोगिता में कृति ने पहला और मुस्कान ने पाया दूसरा स्थान

पेड़-पौधे और पर्यावरण विषय पर प्रतियोगिता आयोजित

इन्द्री, 16 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पेड़-पौधे और हमारा पर्यावरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कईं विद्यार्थियों ने हिस्सेदारी करते हुए पेड़-पौधों की अहमियत और पर्यावरण संरक्षण की जरूरत को रेखांकित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने की। प्रतियोगिता का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सुदर्शन लाल व नरेश मीत ने किया। प्रतियोगिता के  नौवीं से बारहवीं कक्षा के वर्ग में विज्ञान संकाय से 11वीं कक्षा की छात्रा कृति ने पहला, मुस्कान ने दूसरा स्थान पाया। दसवीं-सी की छात्रा रिया ने तीसरा स्थान हासिल किया। 12वीं बी कक्षा के विद्यार्थी रजत और 11वीं विज्ञान छात्रा अनुशिका ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। छठी से आठवीं कक्षा वर्ग में सातवीं कक्षा की देवांशी ने पहला, रीतिका ने दूसरा और यशवी ने तीसरा स्थान पाया। अलग-अलग वर्ग के निर्णायक मंडल में नरेश मीत, सुदर्शन लाल, राजेश कुमार, प्रीति आहुजा, सोनिया खोखर और प्रवीण कुमारी ने शिरकत की।


प्रधानाचार्य बलवान सिंह ने प्रतियोगिता में शिरकत करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जल्द ही समारोह में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन, संस्कृति व पर्यावरण का अभिन्न अंग रहे हैं। इनके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इनकी अहमियत को जानकर ही मनुष्य ने कभी पेड़ों की पूजा करनी शुरू की होगी। लेकिन आज हम अपने जंगलों को काटकर कंकरीट के जंगलों में गुम होते जा रहे हैं। सुदर्शन लाल और नरेश कुमार मीत ने भाषण कला को निखारने में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि मंचीय कलाओं में भाषण को बहुत नीरस कला माना जाता है। लेकिन श्रोताओं से जुडऩे वाले और रोचक ढ़ंग से भाषण देने वाले वक्ताओं को सुनने वालों की भीड़ लगती है। अध्यापिका प्रीति आहुजा ने विद्यार्थियों को भाषण कला में निखार लाने के लिए निरंतर अभ्यास करने का संदेश दिया। ईशा मुंजाल और मुकेश शर्मा ने विद्यार्थियों को उचित खान-पान के बारे में बताया।


इस मौके पर प्राध्यापक सतीश कांबोज, सतीश राणा, सुनील कुमारी, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, ज्योति, मनीषा, गोपाल दास, सीमा, रीना नरवाल, भागवंती, मुकेश खंडवाल, संजीव कुमार, निर्मलजीत सिंह, निशा कांबोज, विनीत सैनी, बिट्टू, लिपिक आशीष कांबोज, कुलदीप सिंह व अरुण कुमार उपस्थित रहे। 















DAINIK TRIBUNE 17-7-2022

JAGMARG 17-7-2022

PUNJAB KESARI 17-7-2022
D. JAGRAN 17-7-2022

AMAR UJALA 17-7-2022