Wednesday, March 23, 2022

LIFE & THOUGHTS OF SHAHEED BHAGAT SINGH / SEMINAR IN BIANA

 

भगत सिंह से दोस्ती के लिए पढ़ें किताबें: डॉ. सुभाष चन्द्र

शहीदी दिवस पर भगत सिंह का जीवन और विचारों पर सेमिनार आयोजित

इन्द्री, 23 मार्च
गांव ब्याना स्थित गुरु रविदास मंदिर के सभागार में शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीदी दिवस पर शहीद भगत सिंह का जीवन और विचार विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। सत्यशोधक फाउंडेशन व प्रबुद्ध नागरिक सभा ब्याना द्वारा आयोजित सेमिनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुभाष चन्द्र ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए भगत सिंह के विचारों को समझने के लिए किताबें पढऩे का आह्वान किया। सेमिनार का संयोजन प्राध्यापक राजेश सैनी ने किया। मंच संचालन प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।


डॉ. सुभाष चन्द्र ने कहा कि भगत सिंह आम युवाओं की तरह ही सामान्य युवक था। उसे जो माहौल मिला, उसने उसे क्रांतिकारी, संघर्षशील, देश की आजादी के लिए मर मिटने वाला बलिदानी, विवेकशील चिंतक, पत्रकार, लेखक और संगठनकर्ता बना दिया। हमें अपने युवाओं को भगत सिंह बनाने के लिए ऐसा माहौल निर्मित करना चाहिए। भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद और साम्राज्यवाद मुर्दाबाद के नारे दिए। इंकलाब का मतलब ऐसी व्यवस्था से है, जिसमें कोई देश दूसरे देश का और कोई इन्सान दूसरे इन्सान का शोषण ना कर सके। ऐसा समतामूलक समाज जिसमें सभी को आगे बढऩे के बराबर अवसर मिलें। डॉ. सुभाष ने कहा कि एक बेहतर समाज  व्यवस्था बनाने के मार्ग में भगत सिंह के समय में भी अनेक बाधाएं थीं। आज नए तरह की समस्याएं हैं। भगत सिंह के सपनों का देश बनाने के लिए हमें भी सपने देखने होंगे और उन्हें पूरा करने के लिए सवाल खड़े करने होंगे। उन्होंने कहा कि भगत सिंह के कईं साथियों ने बाद में अपने संस्मरण लिखे हैं। भगत सिंह के खुद के लिखे लेखों और संस्मरणों को पढक़र हम उन्हें जान सकते हैं। उन्होंने युवाओं को शिव वर्मा द्वारा लिखी गई किताब- संस्मृतियाँ पढऩे का सुझाव दिया।


अध्यापक नरेश मीत ने कहा कि भगत सिंह में पढऩे के प्रति खास लगाव था। जिस समय 23 मार्च, 1931 को उन्हें फांसी दी जानी थी, उससे पहले भी वे किताब पढ़ रहे थे। अध्यापक महिन्द्र खेड़ा ने गीत के माध्यम से कहा कि इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें, जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो। अरुण कैहरबा, महिन्द्र कुमार व मेहर सिंह के साथ सेमिनार के सभी प्रतिभागियों ने गीत गाकर भगत सिंह के सपनों का देश बनाने का संकल्प किया। राजेश सैनी ने आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भगत सिंह का बलिदान आने वाली सदियों तक युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा।
इस मौके पर विकास साल्यान, डॉ. संजय कुमार, ओमप्रकाश नंबरदार, सुभाष कांबोज, राजेश कांबोज, संजीव नंबरदार, प्राध्यापक सतीश कुमार, रमेश कुमार, संजय कुमार, डॉ. सन्नी कांबोज, सरपंच प्रतिनिधि मुकेश कुमार, बलकार, नरेश कुमार, मान सिंह चंदेल, सुनील बुटानखेड़ी, गुरदीप, बंटी कांबोज, मेहर सिंह, मोहन लाल, प्रवीण कुमार, शैली, रमन, प्रवेश, बृजेश भट्टी, नीतू, रिया, निधि, ममता, तमन्ना, रोहित, वंश सैनी, तरुण सैनी, दिशांत सैनी, तुषार उपस्थित रहे।













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