मुख्य शिक्षिका उषा रानी की सेवानिवृत्ति पर स्टाफ ने किया सम्मानित
समारोह में मुख्य शिक्षिका ने सांझे किए अनुभव
यमुनानगर 31 अगस्त
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला की मुख्य शिक्षिका उषा रानी अपने 31 वर्ष से अधिक लंबे कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गई। स्कूल में आयोजित समारोह में स्टाफ सदस्यों ने उन्हें सम्मानित करते हुए भावभीनी विदाई दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्याध्यापिका ओम प्रभा शर्मा ने की और संचालन हिंदी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ प्राथमिक शिक्षक वीरेंद्र कुमार और किशोरी लाल ने किया।
स्टाफ सदस्यों को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त हुई मुख्य शिक्षिका उषा रानी ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों को कभी अपनी बात कहने से नहीं रोका। बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर मिले तो उनका उनके ऊपर विश्वास भी बढ़ा और इससे सीखने सिखाने की प्रक्रिया और ज्यादा सघन हुई। उन्होंने कहा कि यदि हम बच्चों पर भरोसा करेंगे तो बच्चे भी हमारे ऊपर विश्वास करेंगे। उन्होंने कहा के उनके विद्यार्थी अपने घर की समस्याएं भी उनके साथ बिना किसी संकोच के सांझा करते हैं। यही उनकी ताकत है। उन्होंने अध्यापकों का आह्वान किया कि बच्चों के विकास के लिए मिलजुल कर कार्य करें।
मुख्याध्यापिका ओम प्रभा ने उषा रानी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अध्यापक दीपक के समान स्वयं जलते हुए विद्यार्थियों के जीवन में रोशनी फैलाता है। उषा मैडम ने अपने कार्यों में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि रखा। अरुण कैहरबा ने कहा कि अध्यापक एक कर्मचारी और परीक्षा पास करवाने वाला अर्जेंट नहीं होता। उसका दर्जा इनसे कहीं ऊंचा है। वह अपने व्यवहार के द्वारा समाज और बच्चों को मूल्य स्थानांतरित करता है। अंग्रेजी प्राध्यापक संदीप कुमार ने कहा कि उषा मैडम से उन्हें सदैव अपनापन मिला। वे बेटा-बेटा करके पुकारती हैं कि सिर स्वमेव श्रद्धावनत हो जाता है। मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त ने उषा मैडम के व्यक्तित्व में कर्मठता निष्ठा और ईमानदारी जैसे मूल्यों को रेखांकित किया।
विज्ञान अध्यापक ओमप्रकाश ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद सक्रिय और स्वस्थ रहना काफी लाजमी है। इसके लिए हमें योजना बनाकर के कार्य करना चाहिए। संस्कृत अध्यापिका रजनी ने कहा के उषा मैडम आदर्श अध्यापिका हैं। उन्हें उनके साथ कई वर्षों तक काम करने का मौका मिला है और उन्होंने उन्हें हमेशा बच्चों के हित में कार्य करते हुए पाया है। वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उषा मैडम की उपस्थिति में पूरे स्टाफ को इसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। वे हमेशा अपने कार्यों में तल्लीन रहते हुए अध्यापकों को प्रेरणा देने का कार्य करती थी।
ओम प्रभा के नेतृत्व में उषा रानी उनके सुपुत्र अजय कुमार और बेटी राधिका का पूरे स्टाफ ने फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया। स्टाफ की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त मुख्य शिक्षिका ने उनको 21 सौ रुपए दान स्वरूप भेंट किए और इनका प्रयोग स्कूल के हित में करने का संदेश दिया। इस मौके पर लिपिक मंजू, कंप्यूटर अध्यापिका डिंपल, एलए रवि कुमार, राजेंद्र कुमार, पाला राम उपस्थित रहे।
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