Monday, February 21, 2022

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया / GMSSS SCHOOL BIANA (KARNAL)

मातृभाषा का विकास में अहम स्थान: अरुण कैहरबा

ब्याना के रा.मॉ.सं.व.मा. स्कूल में मनाया अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

विद्यार्थियों ने कईं प्रतियोगिताओं में लिया हिस्सा
ब्याना (करनाल), 21 फरवरी


जिला करनाल के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विद्यार्थियों की रचनात्मक लेखन, निबंध लेखन, कहानी वाचन, कविता पाठ व नाटक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रभारी बलवान सिंह ने की और संचालन प्राध्यापक बलराज सिंह ने किया। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक सुदर्शन लाल और हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत ने किया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा और इतिहास प्राध्यापक मुकेश खंडवाल ने अपने विचार व्यक्त किए।


मातृभाषा का महत्व और दिवस का इतिहास विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि मातृभाषा का हमारे जीवन में अहम स्थान है, क्योंकि मातृभाषा हमें हमारी माता और परिवार से मिलती है। मातृभाषा के जरिये ही बच्चा समाज के साथ संबंध स्थापित करता है। हर भाषा अपने साथ सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहर लेकर चलती है। भाषा के जरिये ही हम उस धरोहर के खजाने तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुल सात हजार के करीब भाषाएं हैं, इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं केवल एक लाख से अधिक लोगों की मातृभाषाएं हैं। दुखद यह है कि 43 प्रतिशत भाषाएं लुप्तप्राय हैं और हर दो सप्ताह में एक भाषा लुप्त हो रही है।

अरुण कैहरबा ने कहा कि 1961 में भारत में 1652 भाषाएं थीं। आज संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को दर्जा मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कम से कम एक भाषा में इतनी कुशलता अर्जित करनी चाहिए कि वे अपनी भावनाओं को अच्छी तरह प्रकट कर पाएं। वह भाषा मातृभाषा ही होती है। उन्होंने मातृभाषा दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 17 नवंबर, 1999 में यूनेस्को ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की शुरूआत की। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस बनाए जाने के पीछे हमारे पड़ोसी बांगलादेश में बांगला के लिए हुए आंदोलन और बलिदानों के दिन को आधार बनाया गया।


स्कूल प्रभारी बलवान सिंह ने कहा कि हरियाणा के अधिकतर विद्यार्थियों के लिए हिन्दी ही मातृभाषा है। उन्होंने कहा कि सभी भाषाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा में जरूर अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए।
मुकेश खंडवाल ने विद्यार्थियों को कहानी सुनाते हुए समय का समुचित इस्तेमाल करने और पढ़ाई में अपनी ऊर्जा लगाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं नजदीक हैं, जो विद्यार्थी मेहनत करके तैयारी करते हुए वे विद्यार्थी अवश्य ही मुकाम हासिल करते हैं।


प्रतियोगिताओं के ये रहे परिणाम-
रचनात्मक लेखन में बारहवीं कक्षा की छात्रा प्रतिक्षा, 11वीं की खुशी व अंशिका और आठवीं कक्षा के रक्षित ने अपने रचनाएं लिखकर उत्कृष्ट स्थान पाया। कहानी वाचन में नौवीं कक्षा की छात्रा कनिष्का, आठवीं की सुभाना चौहान, छठी कक्षा की अक्षिता व यशवी ने शानदार प्रदर्शन किया। कविता पाठ में छठी कक्षा की तमन्ना, कृति, रीतिका व अपेक्षा और 11वीं कक्षा की छात्रा खुशी ने विभिन्न कविताओं का पाठ करके प्रभावित किया। निबंध लेखन में 11वीं की नाजिया, नौवीं की समीक्षा व ज्योति ने क्रमश: पहला, दूसरा व तीसरा स्थान पाया।

नाटक में स्नेहा, चैलसी, रीतिका, अपेक्षा, जानवी, सुशांत, पर्व, सूर्यांश व शिविका ने शिक्षा का संदेश दिया। इस मौके पर प्राध्यापिका सुनील कुमारी, सतीश कुमार, मनीषा, ईशा, यशपाल, राजेश सैनी, मुकेश शर्मा, सीमा गोयल, मधु रानी, सोनिया खोखर, प्रवीन कुमारी, प्रीति आहुजा, ज्योति, निर्मल जीत सिंह, विनीत सैनी, बिट्टु सिंह उपस्थित रहे।



AMAR UJALA 22-02-22

DAINIK BHASKAR 22-02-2022

PUNJAB KESARI 22-02-2022

No comments:

Post a Comment