Saturday, February 26, 2022

Seminar on life & education of Swami Dayanand Saraswati in GMSSSS BIANA (Karnal)

दयानंद सरस्वती ने खोली महिला शिक्षा की राह: अरुण  

स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन और शिक्षाओं पर संगोष्ठी आयोजित

इन्द्री, 26 फरवरी 

गांव ब्याना स्थित राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती मनाई गई। इस मौके पर दयानंद सरस्वती के जीवन और शिक्षाएं विषय पर आयोजित संगोष्ठी का संचालन हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत व डीपीई संजीव कांबोज ने की। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती हमारे देश के महान विचारक, समाज सुधारक और चिंतक हैं, जिन्होंने शिक्षा विशेष तौर पर लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र के एक गांव में 12 फरवरी, 1824 को हुआ। लेकिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं को उनका जन्मदिन मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में टर्निंग पोइंट तब आता है, जब वे शिव की प्रतिमा के सामने चूहे को प्रसाद खाते हुए देखते हैं। इससे वे मूर्ति पूजा के विरोधी हो जाते हैं। वे ऐसे सन्यासी योद्धा हैं, जिन्होंने संस्कृति और शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जीवन लगा दिया। तत्कालीन समाज की कुरीतियां, पाखंड, जाति-प्रथा, सती प्रथा, बाल विवाह आदि समस्याओं पर उन्होंने व्यापक जनजागरण किया। उन्होंने विधवा विवाह का समर्थन किया। महिलाओं की दशा सुधारने के लिए उन्होंने लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने की अपील की। इसके लिए शिक्षा संस्थान खोले गए। उन्होंने बताया कि दयानंद सरस्वती के नाम पर खोले गए डीएवी स्कूलों और कॉलेजों से पढ़े हुए लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हमें महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए।


प्राध्यापक बलराज कांबोज ने स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन से जुड़े हुए विविध प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि स्वामी दयानंद का जीवन, अध्ययन और कार्य सभी कुछ प्रेरणादायी हैं। आज जरूरत इस बात की है कि हम अध्ययन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।


अध्यापक नरेश मीत ने कहा कि शिक्षा औपचारिक और अनौपचारिक दो तरह की होती है। दयानंद सरस्वती ने अनौपचारिक शिक्षा पर विशेष बल दिया। स्वाध्याय और हर पल सीखने वाले विद्यार्थी जीवन में आगे बढ़ते हैं। इस मौके पर प्राध्यापक सुदर्शन लाल, सुनील कुमारी, सतीश राणा, राजेश सैनी, मुकेश खंडवाल, गोपाल, मनीषा, ईशा, सीमा गोयल, प्रवीण कुमारी, सोनिया खोखर, सरोज, प्रीति आहुजा, निशा उपस्थित रहे।


AJIT SAMACHAR 27-2-22
AMAR UJALA 27-02-2022

DAINIK JAGRAN 27-02-2022

PUNJAB KESARI 27-2-2022


No comments:

Post a Comment