Monday, September 9, 2019

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयंती पर कविता पाठ प्रतियोगिता आयोजित / रा.व.मा. विद्यालय देवधर


भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता को दी नई दिशा


 गांव देवधर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 9 सितंबर, 2019 को हिन्दी पखवाड़े और आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयंती के उपलक्ष्य में काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूल की प्रधानाचार्या सुनीता गुप्ता ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। वरिष्ठ प्राध्यापक छत्तरपाल, संस्कृत प्राध्यापक राजेश कुमार व हिन्दी अध्यापक अशोक कुमार ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। प्राध्यापक सोमपाल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान किया।
प्रिंसिपल सुनीता गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल में होने वाले विभिन्न प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के विकास के अवसर देते हैं। जो विद्यार्थी इनमें हिस्सा लेते हैं, उनके व्यक्तित्व में इसका असर साफ देखा जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को हिन्दी दिवस पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता की ऐसी महान शख्सियत हैं, जो साहित्य को रीतिकाल की दलदल से निकाल कर आधुनिक चेतना से लैस करते हैं और हिन्दी साहित्य में आधुनिक युग का सूत्रपात करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आधुनिक हिन्दी नाटक, आधुनिक गद्य साहित्य और खड़ी बोली साहित्य की शुरुआत करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कविवचन सुधा, हरिश्चन्द्र मैगजीन और बाला बोधिनी नाम की पत्रिकाओं के माध्यम से आधुनिक पत्रकारिता की भी शुरुआत की। वे जागरूक पत्रकार और प्रबुद्ध संपादक थे। करीब 35 वर्ष की आयु में ही उन्होंने हिन्दी साहित्य को निर्णायक दिशा दी। यही कारण है कि आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रथम सोपान को भारतेन्दु युग कहा जाता है। प्राध्यापक अरुण कुमार व राजेश कुमार ने कविताएं व गीत सुनाए तो विद्यार्थियों ने उनका अनुसरण किया।

सुनील और शिवम ने कविता पाठ में पाया पहला स्थान-

कविता पाठ प्रतियोगिता में नौंवी-सी कक्षा के विद्यार्थी सुनील व शिवम ने सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता 'मेघ आए' कविता का सस्वर गायन करके पहला स्थान पाया। ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा उमा ने स्वरचित कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी। उमा को दूसरे स्थान के लिए चुना गया। नीरू और बबली को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान के लिए चुना गया। प्रतियोगिता में शिवानी, मधु, शिल्पा, फरजाना, राखी, आरज़ू, साहिबा, दिव्या, शगुन, निशा, सरिता, सम्मिना ने बेटियों की समानता, सद्भाव, आधुनिक सोच, पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न विषयों पर कविताएं सुनाई।















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