Thursday, September 5, 2019

पोलिथीन जहर है-धरती पर कहर है / स्वच्छता रैली / GSSS Deodhar

गांव की गलियों में स्वच्छता जागरूकता रैली के दौरान विद्यार्थियों ने लगाए नारे

गांव देवधर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में  5 सितंबर, 2019 को स्वच्छता जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। स्कूल प्रधानाचार्या सुनीता गुप्ता के निर्देशानुसार निकाली गई रैली में विद्यार्थियों ने गांव की गलियों से गुजरते हुए स्वच्छता को अपनाना है‐गंदगी को भगाना है, पोलिथीन जहर है‐धरती पर कहर है, खुले में शौच जाना बंद करो, लोटा बोतल बंद करो‐शौचालय प्रबंध करो आदि नारे बुलंद आवाज में लगाए।
आज समाज 6 सितंबर, 2019
नारे सुनकर लोग घरों से बाहर निकल‐निकल कर देखने लगे। रैली की अगुवाई हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, संस्कृत  प्राध्यापक राजेश कुमार, राजनीति विज्ञान प्राध्यापक सोमपाल, अंग्रेजी प्राध्यापिका रेखा व डीपी विकल चौधरी ने की। रैली के दौरान बीच‐बीच में रूककर ग्रामीणों को जल संरक्षण, पेड लगाने, स्वच्छता का ध्यान रखने और पोलिथीन का कम से कम इस्तेमाल करने और गीले व सूखे कूडे का अलग निस्तारण करने का संदेश दिया गया।



विद्यार्थियों व ग्रामीणों को संबोधित करते हुए प्राध्यापक अरुण कुमार व सोमपाल ने कहा कि अपने  पर्यावरण को प्रदूशण व गंदगी से बचाना हम सबका दायित्व है। क्योंकि स्वच्छता ही भगवान का दूसरा रूप है। स्वच्छता स्वास्थ्य की कूंजी है। स्वस्थ रहने व जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने आस‐पास की सफाई में सभी को योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खुले में शौच, पोलिथीन व कांग्रेस घास स्वच्छता के सबसे बडे दुश्मन हैं। अपनी खराब आदतों से हम इन दुश्मनों को मजबूत कर रहे हैं।
इस मौके पर प्राध्यापक गौरव,  रजनी, अंकिता, पूजा, मुख्याध्यापक निरंजन सिंह, अध्यापक संजय कुमार, अशोक कुमार, रचना, मांगे राम, परमजीत, पूनम, योगेश उपस्थित रहे। रैली में विद्यार्थी उमा, बबली, नीरू, वैशाली, बेबी, कोमल, शहनाज, पूजा, आंचल, ज्योति, मंजीत, चंचल, सुनील, अंकित, सौरभ, कुलदीप, हिमांशु सहित अनेक बच्चों ने जोरदार नारे लगाए।

मनाया शिक्षक दिवस‐

स्कूल में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में बोलते हुए संस्कृत प्राध्यापक राजेश कुमार ने देश के पहले उप राष्ट्रपति  व दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के जीवन पर प्रकाश डालते  हुए कहा कि उन्हीं के जन्मदिन को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृश्णन किताब, कलम, विद्यार्थी और अध्यापक को सामाजिक परिवर्तन के  लिए महत्वपूर्ण मानते थे। उनकी अध्ययनशीलता हमें मन लगाकर पढने और किताबों से दोस्ती का संदेश देती है। कार्यक्रम का संचालन विकल चौधरी ने किया। विभिन्न कक्षाओं में विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस पर अपने अध्यापकों को सम्मानित किया।
अमर उजाला 6 सितंबर, 2019

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