दूसरी-तीसरी के विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का 15-16 सितंबर को होगा मूल्यांकन
हिन्दी व गणित का ऑनलाइन मूल्यांकन करेंगे दोनों विषयों के अध्यापक व प्राध्यापक
संकुल स्तरीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में निपुण हरियाणा के तहत आयोजित संकुल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रशिक्षकों व प्रतिभागियों का समूह चित्र।

इन्द्री, 11 सितंबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में निपुण हरियाणा मिशन के तहत 15-16 सितंबर को पूरे हरियाणा में प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के अधिगम स्तर के मूल्यांकन की तैयारियों के लिए संकुल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता प्रधानाचार्य एवं संकुल संसाधन समन्वयक राम कुमार सैनी ने की। एबीआरसी सुखविन्द्र कांबोज ने ब्याना संकुल के विभिन्न स्कूलों के हिन्दी व गणित अध्यापकों व प्राध्यापकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण में हिन्दी प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती, अरुण कुमार कैहरबा, सलिन्द्र मंढ़ाण, संदीप कुमार, गणित प्राध्यापक सतीश राणा, सीमा गोयल, गोपाल दास, विदुषी, दोनों विषयों के अध्यापक बलिन्द्र कुमार, निशा रानी, सतबीर सिंह, राकेश कुमार, दीपक कुमार ने हिस्सा लिया।
प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने कहा कि निपुण हरियाणा मिशन के तहत दूसरी और तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के हिन्दी और गणित के सीखने के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए 15 व 16 सितंबर को अभियान चलाया जा रहा है। दोनों कक्षाओं का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न स्कूलों के हिन्दी और गणित विषय के अध्यापकों व प्राध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि यह मूल्यांकन निपुण हरियाणा बनाने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगा। एबीआरसी सुखविन्द्र कांबोज ने डिजीटल बोर्ड के माध्यम से पीपीटी की प्रस्तुति करते हुए मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में अध्यापकों को विस्तार से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि यह मूल्यांकन निपुण हरियाणा टीचर ऐप के माध्यम से ऑनलाइन होगा। मूल्यांकन करने वाले अध्यापक व प्राध्यापक सुबह आठ बजे ही स्कूल में पहुंच जाएंगे। ऐप को संबंधित कक्षा के अध्यापक की आईडी से लॉगिन किया जाएगा। एक समय में एक ही बच्चा मूल्यांकन की प्रक्रिया में शामिल होगा। डॉ. सुभाष भारती ने कहा कि शिक्षण में मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है। अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि मूल्यांकन की प्रक्रिया में नन्हें बच्चे नए आगंतुक अध्यापक से भयभीत ना हों और अपने स्तर के अनुसार ही प्रदर्शन कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि अध्यापक बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करते हुए बच्चों के साथ तालमेल बैठाए। प्रशिक्षण के बाद गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रशिक्षण के विभिन्न बिंदुओं पर प्रश्रोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने शिरकत की।
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