Thursday, September 4, 2025

हिन्दी पखवाड़ा / राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल ब्याना

 हिन्दी पखवाड़ा

सिमरण की कहानी ने पाया पहला स्थान

कविता पाठ में चेतन व करिमा रहे अव्वल

राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल ब्याना में हिन्दी पखवाड़े की प्रतियोगिता आयोजित

इन्द्री, 4 सितंबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी दिवस पखवाड़े के उपलक्ष्य में अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। स्कूल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संयोजन हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष भारती, हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सलिन्द्र कुमार मंढ़ाण व हिन्दी अध्यापक नरेश कुमार मीत ने किया।
नौ से 12 कक्षा वर्ग में स्वरचित कहानी लेखन में कक्षा दसवीं-ए की सिमरन की कहानी कर भला हो भला ने पहला स्थान पाया। दसवीं बी की छात्रा हिना की कहानी जिन्दगी की कीमत ने दूसरा, देवांशी की कहानी सही और गलत की पहचान ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सोनम कश्यप की कहानी को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। श्रुत लेख प्रतियोगिता में नौवीं बी की छात्रा राधिका ने पहला, ज्योति ने दूसरा और शिवानी व राहुल ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। कविता पाठ में कक्षा नौवीं-ए के विद्यार्थी चेतन ने झांसी की रानी कविता का पाठ करके पहला स्थान पाया। हिमांशी ने दूसरा स्थान पाया। नारा लेखन में नौवीं ए की छात्रा अंशिका ने पहला, 11वीं-ए की छात्रा तृषा ने दूसरा व नौवीं-बी के विद्यार्थी अनित पाल ने तीसरा स्थान पाया। भाषण प्रतियोगिता में सफिया ने पहला स्थान पाया। व्याकरण आधारित प्रश्रोत्तरी में कृतिका ने पहला और देवांशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में नौवीं बी की छात्रा रूबी ने पहला, दसवीं बी की छात्रा प्राची ने दूसरा और 11वीं नॉन मेडिकल की छात्रा खुश्बू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
कक्षा छठी से आठवीं वर्ग की कविता पाठ में सातवीं-ए की करिमा ने पहला, छठी-ए की पृषा कांबोज ने दूसरा और हिमांशी ने तीसरा स्थान पाया। द़श्य घटना वर्णन में सातवीं-ए की छात्रा इंदु ने पहला स्थान पाया। व्याकरण आधारित प्रश्रोत्तरी में आठवीं कक्षा की जीविका पहले और मनप्रीत दूसरा स्थान पर रहे। निबंध लेखन में अंजलि ने पहला, पार्थ ने दूसरा और प्रतिभा ने तीसरा स्थान पाया।  आयोजित समारोह में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि हिन्दी भारत को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है। स्वतंत्रता आंदोलन में हिन्दी भाषा, इसके पत्रकारों और साहित्यकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों में स्वतंत्रता की चेतना पैदा की। भारत ही नहीं दुनिया में हिन्दी तीसरे नंबर की सबसे बड़ी भाषा है। आज हिन्दी के बिना कोई भी कंपनी अपने उत्पाद व सेवाओं को भारत में नहीं पहुंचा सकती। डॉ. सुभाष भारती ने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढऩे और हिन्दी भाषा में अपने संचार कौशलों को निखारने का संदेश दिया।





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