पर्यावरण के संरक्षक होते हैं पेड़: डॉ. सुभाष
ढ़ेला मारने पर भी पेड़ देते हैं फल का प्रसाद: अरुण
ब्याना के मॉडल संस्कृति स्कूल में पीपल, बरगद व नीम के पौधे रोपे
इन्द्री, 8 अगस्त
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पीपल, बरगद और नीम के पौधों का रोपण किया गया। हिन्दी प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती व अरुण कुमार कैहरबा के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने पौधे रोपे और उनके संरक्षण का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की।
डॉ. सुभाष भारती ने कहा कि पौधे रोपने मात्र से काम चलने वाला नहीं है। रोपे गए पौधों को पेड़ बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पेड़ पर्यावरण का संरक्षक है। आज के समय में बढ़ रही पर्यावरण की समस्याओं को तभी दूर किया जा सकता है, जब हम पेड़ों के साथ जुड़ेंगे। अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि पेड़ हमेशा हमें देते ही देते हैं। ढ़ेला मारने वाले लोगों को भी पेड़ों से फल का प्रसाद मिलता है। पेड़ों से हमें बिना किसी स्वार्थ के समाज को कुछ देने की सीख मिलती है। लेकिन पेड़ों को स्वार्थ की नजर से देखा जाना और अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों को उजाडऩा हमें गहरे संकट की तरफ धकेल रहा है। प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने विद्यार्थियों को लगाए गए पौधों की रक्षा करने और समय-समय पर उनमें पानी डालने का संदेश दिया।