सेवानिवृत्ति के बावजूद बच्चों को पढ़ाएंगे सतीश कांबोज
सेवानिवृत्त हुए इतिहास प्राध्यापक को स्कूल व ग्रामीणों ने किया सम्मानित
गहरे सरोकारों से भरा आनंददायी कार्य है शिक्षा: सतीश कांबोज
इन्द्री, 31 अगस्त
गांव
ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इतिहास
प्राध्यापक सतीश कुमार कांबोज शिक्षा विभाग में अपने 28 साल, आठ महीने और
12 दिन के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गए। स्कूल में आयोजित समारोह में
अपने प्रिय शिक्षक का विद्यार्थियों ने पुष्प वर्षा करके और स्टाफ सदस्यों
ने फूलमालाएं डाल कर तथा तालियों के माध्यम से जोरदार स्वागत किया। स्कूल
में आयोजित समारोह में सतीश कांबोज को शिक्षा में उनके उल्लेखनीय योगदान के
लिए सम्मानित किया गया। गांव की तरफ से ग्रामीणों ने उन्हें पगड़ी व
मालाएं डाल कर सम्मानित किया। सतीश कांबोज ने स्कूल की जरूरत के अनुरूप
सेवानिवृत्ति के बावजूद स्वैच्छिक रूप से नियमित रूप से आकर शिक्षण कार्य
करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि स्कूल में उनका वेतन ही पूरा हुआ
है, कार्य पूरा नहीं हुआ है।
सतीश कांबोज ने अपने अनुभव सांझा करते हुए
कहा कि अध्यापक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सीखने-सिखाने
का कार्य किया है। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने का कार्य अकेले नहीं
किया जा सकता। इसमें उन्हें हर स्थान पर अच्छी टीम मिली है। उन्होंने कहा
कि शिक्षा का काम सकारात्मकता, सद्भावना और सामूहिकता के साथ ही हो सकता
है। शिक्षा गहरे सरोकारों से भरा बेहद आनंददायी काम है। अपने कार्यकाल से
पूरी तरह से संतुष्ट हैं। अपने कार्य को वे पूरी तरह से सफल मानते हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल को जरूरत रहेगी, वे सेवानिवृत्ति के बावजूद
स्कूल में नियमित रूप से आएंगे और अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। स्कूल के
प्रभारी सुभाष भारती, प्राध्यापक अरुण कैहरबा, बलराज कांबोज, बलविन्द्र
सिंह, संजीव कुमार, मुकेश खंडवाल, नरेश मीत सहित कईं अध्यापकों ने सतीश
कांबोज के शिक्षण कार्य के विविध आयाम को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि
समय पर स्कूल में आने के साथ ही वे स्कूल में शिक्षण कार्य में जुट जाते
थे। राजकीय उच्च विद्यालय चौगावां के मुख्याध्यापक के नाते उनके कार्यों ने
मिसाल कायम की है।
कार्यक्रम में सतीश कांबोज की धर्मपत्नी सरला
रानी, बेटा अंकित, पुत्रवधु प्रियंका, भाई विनोद कांबोज, भाभी प्रेमलता,
भतीजा विनीत कुमार, पोती ओजस्वी तथा मंडी एसोसिएशन के पूर्व प्रधान समय
सिंह कांबोज को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर गांव की तरफ से महावीर
प्रसाद, महेन्द्र गोयल व सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
सतीश कांबोज के शिक्षण का सफर-
सतीश
कांबोज ने 20 दिसंबर, 1994 में राजकीय उच्च विद्यालय घीड़ से एसएस मास्टर
की भूमिका में शिक्षण का कार्य शुरू किया था। घीड़ से ब्याना, चौगावां,
पटहेड़ा, पानीपत के इसराना खंड के गांव मांडी और घरौंडा के गुढ़ा गांव
स्थित राजकीय स्कूलों से होते हुए राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक
विद्यालय ब्याना में आए थे। एसएसएस मास्टर, मुख्याध्यापक, इतिहास
प्राध्यापक की भूमिका में उन्होंने कार्य किया और जहां भी उन्हें काम करने
का मौका मिला, वहीं अपने काम की छाप छोड़ी। ब्याना के स्कूल में ही
उन्होंने 10 साल से अधिक पढ़ाने का मौका मिला है। कईं परिवारों की तीन
पीढिय़ों को उन्हें पढ़ाने का मौका मिला।
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