एनएसएस शिविर में गूंजा पेड़ों की रखवाली का तराना। स्वयंसेवियों ने चलाया पौधारोपण अभियान।
इन्द्री, 16 सितम्बर। शहर के साथ लगते गांव मटक माजरी स्थित शहीद उधम ंिसंह राजकीय महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर में पेड़ हैं सांसें, पेड़ हैं जीवन, पेड़ों की रखवाली हो, जंगल-जंगल नाच उठें और जगह-जगह हरियाली हो का तराना गूंज उठा। शिविर के दौरान स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय के प्रांगण में पौधारोपण अभियान और कांग्रेस घास उन्मूलन अभियान चलाया। इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार व डॉ. निधि शर्मा ने की।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पटहेड़ा में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार ने कहा कि पेड़ों के अंधाधुंध कटाव से पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। जंगलों के समाप्त होने से जीव-जंतुओं के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यही कारण है कि बंदर शहरों में आतंक का पर्याय बन गए हैं। नील गायों के हमलों से अनेक गांवों के किसान अपने खेतों में सब्जियों व दालों की खेती नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण संतुलन पर आधारित जागरूकता गीत गाया तो विद्यार्थी उनके साथ गीत गाते-गाते झूम उठे।डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि प्रकृति हमारे जीवन में मधुरता, सरसता और मिठास घोलती है। लेकिन पेड़ों के कटाव ने सब कुछ गुड़ गोबर कर दिया है। बढ़ती मानसिक व शारीरिक बिमारियों का भी मुख्य कारण पर्यावरण के साथ मनुष्य के साथ की जा रही छेड़छाड़ हैं। उन्होंने कहा कि एनएसएस ऐसा मंच है जो विद्यार्थियों को स्वैच्छिकता की भावना पैदा करता है और विद्यार्थी स्वयं ही अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए राष्ट्रसेवा के काम में लग जाते हैं।
अंबाला स्थित राजकीय महााविद्यालय में शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक डॉ. सतीश भारद्वाज ने पौधा रोप कर अभियान की शुरूआत की। सुनील, पवन, प्रदीप, रमेश, सूरज भान, रवि, बलराम, वारिस, भारती, प्रोमिला, सुषमा, रेणू, शिल्पा, नेहा, पूनम, जसविन्द्र सहित अनेक स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय के प्रांगण में गड्ढ़े खोद कर पौधे रोपे। स्वयंसेवियों ने विभिन्न बिमारियों का कारण बनने वाली कांग्रेस घास को उखाड़ कर स्वच्छता अभियान भी चलाया।
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