विश्व एड्स दिवस पर विशेष।
जिला करनाल में 698 केस एचआईवी पॉजिटिव। गांवों में 304 और शहरों में 394 केस। पुरूष 399, फीमेल 266 और तीन किन्नर। इन्द्री में अब तक 24 एचआईवी पोजिटिव लोगों की हुई पहचान।
अरुण कुमार कैहरबा
1981 में खोज के बाद से करोड़ों जानों को लील चुकी एड्स नाम की महामारी की पहचान एवं रोकथाम के लिए करनाल के सिविल अस्पताल में 2000 स्वैच्छिक परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र स्थापित किया गया। इसके बाद 2006 में इन्द्री और असंध के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इसी प्रकार के केन्द्र स्थापित किए गए। तब से अब तक जिला करनाल में कुल 698 व्यक्ति एचआईवी पोजिटिव और 70 एड्स से पीडि़त पाए गए हैं। इन्द्री खंड में अब तक 24 केस एचआईवी पॉजिटिव पहचाने गए हैं। जिला में हर वर्ष एचआईवी पोजिटिव केसों की पहचान में निरंतर बढ़ौत्तरी दर्ज की जा रही है। इसके विपरीत खंड इन्द्री में प्रति वर्ष उतार-चढ़ाव की स्थिति नोटिस की गई है।
एड्स नियंत्रण के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान की जरूरत है। 1986 में देश में पहला केस तमिलनाडू और इसी वर्ष रोहतक में प्रदेश का पहला एचआईवी पोजिटिव केस पाए जाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चेतावनियों के बावजूद व्यापक एड्स जागरूकता के लिए जन अभियान तो नहीं चलाया जा सका। लेकिन हरियाणा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला में एचआईवी पोजिटिव की पहचान और उन्हें परामर्श देने के लिए प्रयास जारी हैं। 2006 में इन्द्री और असंध में स्वैच्छिक परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र खोलने के बाद 2007 में इन्हें एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण का दर्जा दे दिया गया। 2008 में घरौंडा और नीलोखेड़ी में भी ये केन्द्र स्थापित किए गए। करनाल स्थित एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र के परामर्शदाता बलविन्द्र द्वारा उपलब्ध करवाए आंकड़ों के अनुसार अब तक खोले गए सात केन्द्रों में परीक्षण किए गए कुल 61715 लोंगों में 698 एचआईवी पोजिटिव केसों की पहचान की गई है। इनमें करनाल स्थित केन्द्र में 2000 से अक्तूबर 2011 तक 526, असंध में 74, नीलोखेड़ी में 27, घरौंडा में 47, इन्द्री में 24, निसिंग के एफआईसीटीसी सैंटर में 5 और करनाल में 17 केस शामिल हैं। जिला के कुल केसों में महिलाओं की तुलना में पुरूष अधिक हैं जोकि 399 पुरूष और 266 फीमेल हैं। तीन केस किन्नरों के हैं। इसी प्रकार यदि गांव और शहर में एचआईवी के केसों का विश्लेषण किया जाए तो गांवों में 304 और शहरों में 394 केस पाए गए हैं।
इन्द्री खंड में पाए गए एचआईवी पोजिटिव के आंकड़ों के अनुसार केन्द्र स्थापना के दो वर्षों में 513 लोगों का परीक्षण किया गया लेकिन एचआईवी पॉजिटिव का कोई केस नहीं पाया गया। वर्ष 2008 में 232 लोगों के परीक्षण पर छह केस एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। वर्ष 2009 में 785 परीक्षणों पर 2 तथा 2010 में 1452 परीक्षणों पर 9 तथा 2011 में अक्तूबर तक 2701 परीक्षणों पर सात केस दर्ज किए गए हैं। इन्द्री केन्द्र में तैनात परामर्शदाता अनिल कांबोज ने बताया कि 2011 में मिले सात केसों में से चार विवाहित पुरूष हैं। एक विवाहित महिला और दो बच्चे हैं। पुरूषों में एक बाहर किसी कंपनी में काम करता था और अब अपने घर की खेती में हाथ बंटाता है। 2011 के सारे केस गांव के हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 के एचआईवी पोजिटिव केसों में अलग-अलग परिवारों से संबंध रखने वाले सभी पुरूष एवं महिलाएं विवाहित हैं। जब उनसे वर्ष 2010 व इससे पुराने केसों की केस हिस्ट्री जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इन्द्री में 2011 में काम किया है इसलिए उनके पास पुराने केसों की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं और टीबी के मरीजों का एचआईवी परीक्षण किया जाता है। उन्होंने बताया कि नियमित तौर पर फिल्ड में जाकर लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूक किया जाता है।
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