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हौंसलों से होती है उड़ान। वाणि एवं श्रवण बाधा के बावजूद कुलदीप सैनी ने लहराया परचम।
नेपाल में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता के सेमीफाईनल मैच में कुलदीप बने मैन ऑफ द मैच।
अरुण कुमार कैहरबा
पंखों से नहीं हौंसलों से उड़ान होती है, किसी शायर द्वारा कही गई ये पंक्तियां शहर के वार्ड दो निवासी वाणि एवं श्रवण बाधित कुलदीप सैनी पर सटीक बैठ रही हैं। कुलदीप ने नेपाल में हुई क्रिकेट प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा से सभी को हैरत में डाल दिया। आठवीं कक्षा में पढऩे वाले मूक-बधिर कुलदीप ने अपने खेल का जबरदस्त नमूना पेश करते हुए सेमीफाईनल मैच में मैन ऑफ द मैच का तमगा हासिल किया। प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, श्रीलंका, चीन व बंगला देश की टीमों ने हिस्सा लिया। कुलदीप की इस उपलब्धि पर शहर के लोगों ने उसका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
वाणि एवं श्रवण बाधा के बावजूद कुलदीप सैनी अपनी प्रतिभा व हौंसले के बल पर उपलब्धियां हासिल करने के कारण शहर के लोगों की आंखों का तारा बन गया है। कुलदीप सैनी पिछले काफी समय से खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाता आ रहा है। इससे पहले भी वह राष्ट्रीय खेलों में कई पुरस्कार जीत चुका है। हाल ही में नेपाल में संपन्न हुई इंडो नेपाल इनवीटेशन क्रिकेट प्रतियोगिता में कुलदीप ने जोरदार प्रदर्शन किया। सेमीफाईनल मैच में नेपाल के खिलाफ ऑल राऊंड खेल दिखाते हुए कुलदीप ने 61 रन बनाते हुए चार विकेट लिए। इस प्रदर्शन के लिए उसे मैन ऑफ द मैच चुना गया। कुलदीप के वापिस आने पर उनके पिता शिवचरण सैनी, माता माया देवी व पंजाबी अध्यापक व सामाजिक कार्यकर्ता नरेश सैनी की अगुवाई में लोगों ने जोरदार स्वागत किया।
कुलदीप ने इशारों ही इशारों में बताया कि वह खेलों में सफलता का परचम लहराकर अपने माता-पिता व देश का नाम और अधिक ऊंचा उठाना चाहता है। शिवचरण ने बताया कि कुलदीप बचपन से देख व सुन नहीं सकता। पहले उसके भविष्य के बारे में सोचकर बड़ी फिक्र होती थी। लेकिन कुलदीप की प्रतिभा देखकर वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अशक्त बच्चों के अभिभावकों से उन्हें पूरा लाड-प्यार देने का आह्वान किया। इस मौके पर सैनी सभा प्रधान अमरनाथ जैनपुर, महासचिव अंग्रेज सिंह संघोही, सरपंच रमेश सैनी, सुभाष जैनपुर, मायाराम सैनी व प्रिंसीपल सुरेंद्र चौहान मौजूद रहे।
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