Tuesday, May 27, 2025

Students were made to practice the grammatical rules of the English language BY DR. RANJIT PHULIYA IN GMSSSS BIANA

भाषा विद्यार्थी जीवन की तरक्की का आधार: रणजीत फुलिया

विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा के व्याकरणिक नियमों का करवाया अभ्यास

इन्द्री, 26 मई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रसिद्ध मोटिवेटर डॉ. रणजीत फुलिया ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा के विविध व्याकरणिक प्रयोगों का अभ्यास करवाया। इस मौके पर उनके द्वारा आयोजित प्रश्रोत्तरी में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की और डॉ. फुलिया ने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान पर केन्द्रित किताब देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने की और संयोजन एवं संचालन अंग्रेजी प्राध्यापक राजेश सैनी व हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने किया।

प्रश्रोत्तरी में अंशुल, नोहित, तरुण, नवजोत सिंह, आईना, इंदु, पायल, अस्मिता, अदिति व माही सहित अनेक विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मोटिवेटर एवं अंग्रेजी के विद्वान डॉ. रणजीत फुलिया ने विद्यार्थियों को अंग्रेजी वर्णमाला, स्वर, व्यंजन, आर्टिकल, थ्री पर्सन्स, शब्द-ज्ञान व अनुवाद एवं मौखिक अभिव्यक्ति सहित अनेक पहलुओं पर ना केवल चर्चा की, बल्कि विद्यार्थियों को अभ्यास भी करवाया। उन्होंने कहा कि भाषा विद्यार्थी जीवन में तरक्की का आधार है। आज समय बदल रहा है और दुनिया एक गांव में तब्दील हो गई है। ऐसे में अंग्रेजी का महत्व भी बढ़ गया है। हमारे सामाजिक परिवेश में अंग्रेजी का इस्तेमाल कम होता है, इसलिए विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा के बुनियादी नियमों को जाने बिना हम उसमें पारंगत नहीं हो सकते।
अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि किसी भी भाषा की अहमियत इस्तेमाल करने से है। भाषा हमें बोलना सिखाती है। यदि हम अपनी भावनाएं, विचार एवं मन में उठने वाले सवालों को खुल कर व्यक्त नहीं करेंगे तो भाषा बेमानी हो जाएगी। यह बात हमारी उन सभी भाषाओं पर लागू होती है, जो कि हमारे परिवेश में बोली जाती हैं या फिर जिन्हें हम पढ़ रहे हैं।

राजेश सैनी ने स्वागत करते हुए कहा कि डॉ. फुलिया देश भर के विभिन्न राज्यों में एक हजार से अधिक स्कूलों में जा चुके हैं। विद्यार्थियों के मन से अंग्रेजी भाषा बोलने का संकोच खत्म करने के लिए वे निरंतर काम कर रहे हैं। उनका यहां आना स्कूल व विद्यार्थी दोनों के लिए गर्व की बात है। कार्यक्रम को सफल बनाने में अंग्रेजी अध्यापक अश्वनी कांबोज, विज्ञान अध्यापक रमन सैनी का योगदान रहा।



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