Thursday, August 31, 2023

RETIREMENT PARTY OF HISTORY LECTURER SATISH KAMBOJ IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

सेवानिवृत्ति के बावजूद बच्चों को पढ़ाएंगे सतीश कांबोज

सेवानिवृत्त हुए इतिहास प्राध्यापक को स्कूल व ग्रामीणों  ने किया सम्मानित

गहरे सरोकारों से भरा आनंददायी कार्य है शिक्षा: सतीश कांबोज

इन्द्री, 31 अगस्त
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इतिहास प्राध्यापक सतीश कुमार कांबोज शिक्षा विभाग में अपने 28 साल, आठ महीने और 12 दिन के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गए। स्कूल में आयोजित समारोह में अपने प्रिय शिक्षक का विद्यार्थियों ने पुष्प वर्षा करके और स्टाफ सदस्यों ने फूलमालाएं डाल कर तथा तालियों के माध्यम से जोरदार स्वागत किया। स्कूल में आयोजित समारोह में सतीश कांबोज को शिक्षा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। गांव की तरफ से ग्रामीणों ने उन्हें पगड़ी व मालाएं डाल कर सम्मानित किया। सतीश कांबोज ने स्कूल की जरूरत के अनुरूप सेवानिवृत्ति के बावजूद स्वैच्छिक रूप से नियमित रूप से आकर शिक्षण कार्य करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि स्कूल में उनका वेतन ही पूरा हुआ है, कार्य पूरा नहीं हुआ है।

सतीश कांबोज ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि अध्यापक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सीखने-सिखाने का कार्य किया है। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने का कार्य अकेले नहीं किया जा सकता। इसमें उन्हें हर स्थान पर अच्छी टीम मिली है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का काम सकारात्मकता, सद्भावना और सामूहिकता के साथ ही हो सकता है। शिक्षा गहरे सरोकारों से भरा बेहद आनंददायी काम है। अपने कार्यकाल से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। अपने कार्य को वे पूरी तरह से सफल मानते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल को जरूरत रहेगी, वे सेवानिवृत्ति के बावजूद स्कूल में नियमित रूप से आएंगे और अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। स्कूल के प्रभारी सुभाष भारती, प्राध्यापक अरुण कैहरबा, बलराज कांबोज, बलविन्द्र सिंह, संजीव कुमार, मुकेश खंडवाल, नरेश मीत सहित कईं अध्यापकों ने सतीश कांबोज के शिक्षण कार्य के विविध आयाम को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समय पर स्कूल में आने के साथ ही वे स्कूल में शिक्षण कार्य में जुट जाते थे। राजकीय उच्च विद्यालय चौगावां के मुख्याध्यापक के नाते उनके कार्यों ने मिसाल कायम की है।  
कार्यक्रम में सतीश कांबोज की धर्मपत्नी सरला रानी, बेटा अंकित, पुत्रवधु प्रियंका, भाई विनोद कांबोज, भाभी प्रेमलता, भतीजा विनीत कुमार, पोती ओजस्वी तथा मंडी एसोसिएशन के पूर्व प्रधान समय सिंह कांबोज को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर गांव की तरफ से महावीर प्रसाद, महेन्द्र गोयल व सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

सतीश कांबोज के शिक्षण का सफर-

सतीश कांबोज ने 20 दिसंबर, 1994 में राजकीय उच्च विद्यालय घीड़ से एसएस मास्टर की भूमिका में शिक्षण का कार्य शुरू किया था। घीड़ से ब्याना, चौगावां, पटहेड़ा, पानीपत के इसराना खंड के गांव मांडी और घरौंडा के गुढ़ा गांव स्थित राजकीय स्कूलों से होते हुए राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ब्याना में आए थे। एसएसएस मास्टर, मुख्याध्यापक, इतिहास प्राध्यापक की भूमिका में उन्होंने कार्य किया और जहां भी उन्हें काम करने का मौका मिला, वहीं अपने काम की छाप छोड़ी। ब्याना के स्कूल में ही उन्होंने 10 साल से अधिक पढ़ाने का मौका मिला है। कईं परिवारों की तीन पीढिय़ों को उन्हें पढ़ाने का मौका मिला।



HARYANA DINRAT

JAGMARG


PUNJAB KESRI

Tuesday, August 29, 2023

CLOSING CEREMONY OF TEN DAYS THEATRE WORKSHOP IN KARNAL

मिलजुल कर रहना सिखाती है कला: अंजु सरदाना

दस दिवसीय जिला स्तरीय नाट्य कार्यशाला का समापन समारोह विद्यार्थियों ने यमराज की अदालत नाटक के माध्यम से सडक़ हादसों व सामाजिक समस्याओं को जीवंत किया

पाठ्य पुस्तक की रचनाओं-बस की यात्रा, कामचोर व अकबरी लोटा का मंचन किया

बीईओ इन्द्री ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रमाण-पत्र सौंपे
करनाल के पीएम श्री स्कूल में जिला स्तरीय नाट्य कार्यशाला के समापन पर यमराज की अदालत नाटक के मंचन का दृश्य।

करनाल, 29 अगस्त 

करनाल स्थित पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा भारतीय रंगमंच विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित की गई जिला स्तरीय दस दिवसीय नाट्य कार्यशाला का रंगारंग समापन हुआ। समापन समारोह में कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन रंगकर्मी कपिल मेहरवाल और राजेश कुमार के निर्देशन में नन्हें बच्चों ने नाटक यमराज की अदालत और अपनी हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों में संकलित प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य बस की यात्रा, इस्मत चुगतई की कहानी कामचोर, अन्नपूर्णानंद वर्मा की कहानी अकबरी लोटा का शानदार मंचन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई खंड शिक्षा अधिकारी इन्द्री अंजू सरदाना ने विद्यार्थियों, अध्यापकों और रिसोर्स पर्सन को प्रमाण-पत्र वितरित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य मोहन लाल ने की। संयोजन कार्यशाला के नोडल अधिकारी पंकज कुमार और संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। 

मुख्य अतिथि के रूप में बीईओ अंजू सरदाना विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र भेंट करती हुई।

BEO INDRI ANJU SARDANA

बीईओ अंजू सरदाना ने कार्यशाला के प्रतिभागी विद्यार्थियों को उनकी शानदार प्रस्तुतियों  के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मकसद बच्चों को केवल पर्फोमर बनाना नहीं है। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारना और उसे मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कला का बहुत अधिक महत्व है। आज शिक्षा में बस्ते का बढ़ता बोझ एक बड़ी समस्या है। अधिक से अधिक अंक हासिल करने की होड़ लगी है। ऐसे में कला अच्छा नागरिक बनने में बच्चों की मदद करती है। उन्होंने कहा कि नाट्य कार्यशाला ने बच्चों को मिलकर रहना और सीखना सिखाया है। उन्होंने कहा कि मिलजुल काम करते हुए बच्चों ने अपने आप को अभिव्यक्त करना सीखा है। सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण में नाट्य कला अहम योगदान देती है। 

कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन कपिल मेहरवाल, राजेश कुमार व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा को बीईओ इन्द्री अंजू सरदाना प्रमाण-पत्र प्रदान करती हुई।

प्रधानाचार्य मोहन लाल और नोडल अधिकारी पंकज कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए बताया कि कार्यशाला में सात विद्यालयों के करीब पचास विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया है। अपने-अपने स्कूलों में भी बच्चे नाटक के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। हिन्दी प्राध्यापक व रंगकर्मी अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि शिक्षा में रंगमंच आज एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसके जरिये बच्चों की रचनात्मकता को पंख लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में रंगमंच का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाएं दस दिनों के दौरान खेल-खेल में तैयार कर ली गई। यह सक्रिय होकर करके सीखने का एक जीवंत उदाहरण है। 

हरिशंकर परसाई की रचना-बस की यात्रा के मंचन का दृश्य।

दस दिवसीय कार्यशाला के समापन पर विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। यमराज की अदालत नाटक के मंचन में विद्यार्थियों ने बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं, नशा खोरी, आपसी विवादों की समस्या को पुरजोर ढ़ंग से उठाया। यमराज इस समस्या को लेकर बेहद परेशान हैं कि नरक लोक से उनके पास पहुंचे मामले में लोग घायल अवस्था में उनके यहां तक पहुंचते हैं। अदालत में वे सबसे पहले जिसके मामले की सुनवाई करते हैं वह शराबी है। और अदालत में ही वह हुड़दंग कर देता है। अदालत में उठने वाले अनेक प्रकार के मामले हमारे समाज की अनेक प्रकार की समस्याओं की विकरालता को जीवंत करते हैं। रिसोर्स पर्सन कपिल मेहरवाल व राजेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला में बच्चों की ज्ञानेन्द्रियों को संवेदनशील बनाने की अनेक रचनात्मक गतिविधियां करवाई गई हैं, जोकि बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को तेज करेंगी। इसके अलावा विद्यार्थियों के सिलेबस से ही कुछ रचनाओं को लेकर उन पर गहन चर्चा करते हुए उन्हें तैयार किया गया। इस मौके पर अध्यापिका सरिता पंवार, सीमा, उषा रानी, नीलम, सुषमा देवी सहित अनेक अध्यापक मौजूद रहे। 

रिसोर्स पर्सन कपिल मेहरवाल व राजेश कुमार को स्मृति चिह्न के रूप में गमला भेंट करते पंकज कुमार व अरुण कैहरबा



हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा को सम्मानित करती बीईओ इन्द्री अंजु सरदाना



Monday, August 28, 2023

UNDER-17 KHO-KHO TEAM OF GMSSSS BIANA WIN AT DISTRICT LEVEL

 लड़कियों की अंडर-17 खो-खो टीम ने जिला स्तर पर पाया पहला स्थान

अंसध की टीम को हराकर जीता सोना

राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ब्याना में खुशी की लहर, स्वागत



इन्द्री, 28 अगस्त 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की अंडर-17 खो-खो टीम ने खंड इन्द्री का प्रतिनिधित्व करते हुए जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के फाइनल में असंध की टीम को हराकर जीत दर्ज की। जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद लौटी टीम का स्कूल में जोरदार स्वागत किया गया। स्कूल की टीम में शामिल वर्षा, विशाखा, मन्तसा, सिमरण, खुशी, संजना, भारती, तन्नु, सिमरण, त्रिशा,  ने शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक नरिन्द्र कुमार, शारीरिक शिक्षक रमन बग्गा और एलए बिट्टू सिंह के मार्गदर्शन में शानदार प्रदर्शन करके जिला स्तर पर जीत दर्ज की। स्कूल प्रभारी डॉ. सुभाष भारती, प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सतीश कांबोज, बलविन्द्र सिंह, सतीश राणा, सलिन्द्र मंढ़ाण, संदीप कुमार, बलराज, डॉ. महाबीर सिंह, सन्नी चहल, संजीव कुमार, दिनेश कुमार, मुकेश खंडवाल, नरेश मीत, सीमा, निशा कांबोज, चन्द्रवती सहित स्टाफ सदस्यों ने टीम का स्वागत किया। स्कूल प्रभारी सुभाष चन्द्र ने कहा कि विद्यार्थियों की उपलब्धि स्कूल के लिए खुशी का अवसर है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी टीम अपनी उपलब्धि को दोहराएगी। प्राध्यापक अरुण कैहरबा व सतीश कांबोज ने कहा कि मेहनत से ही ऐसे खुशी के अवसर आते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को ऊंचा लक्ष्य निर्धारित करके कड़ी मेहनत करने का संदेश दिया।




Sunday, August 27, 2023

PLANTS DISTRIBUTED IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 पौधारोपण और रखरखाव से बच्चों को मिलेंगे पांच अंक: लठवाल

वन खंड अधिकारी ने पौधे वितरित किए

कहा: पेड़-पौधों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं हो सकती

इन्द्री, 25 अगस्त
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पौधे वितरण का कार्यक्रम चल रहा है। शुक्रवार को वन खंड अधिकारी राम कुमार लठवाल ने विद्यार्थियों को पौधे वितरित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रभारी सुभाष भारती और हिन्दी प्राध्यापक सलिन्द्र कुमार मंढ़ाण ने की। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि  कक्षा नौंवी का विद्यार्थी जहां भी पौधा लगाएगा, इस पौधे का विद्यार्थी को चार साल तक रखरखाव करना होगा। ऐसा करने पर बच्चों को बोर्ड की परीक्षा में पांच अंक प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे पर्यावरण का आधार हैं। अच्छे पर्यावरण के बिना हम धरती पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करने पर तुला है। हिमाचल प्रदेश सहित पर्वतीय स्थानों पर भूस्खलन व प्राकृतिक आपदाएं इसी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के पास देने मनुष्य की जरूरतें पूरी करने के लिए तो बहुत कुछ है, लेकिन उसकी हवस पूरी करने के लिए कुछ नहीं है। वन विभाग के कर्मचारी राजपाल सिंह ने विद्यार्थियों को पौधा लगाने के सही तरीके से अवगत करवाया। अरुण कैहरबा व सलिन्द्र मंढ़ाण ने कहा कि प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी जीव-जंतु धरती पर हैं। वे जैव विविधता को प्रकट करते हैं। इस जैव विविधता की रक्षा करने में विद्यार्थी अहम भूमिका निभा सकते हैं। 

Wednesday, August 23, 2023

THEATRE WORKSHOP IN PM SHRI GSS SCHOOL KARNAL

 नाटक सीखने की आनंददायी खेल विधा: सदानंद वत्स

दस दिवसीय नाट्य कार्यशाला में 42 विद्यार्थी ले रहे हिस्सा

डीईईओ और डिप्टी डीईओ ने किया निरीक्षण

करनाल, 22 अगस्त

हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग व पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के भारतीय रंगमंच विभाग के संयुक्त तत्वावधान में करनाल के पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दस दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के कक्षा तीसरी से आठवीं तक के 42 विद्यार्थी और छह अध्यापक हिस्सा ले रहे हैं। बुधवार को कार्यशाला के चौथे दिन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सदानंद वत्स और उप जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश ठुकराल ने कार्यशाला की गतिविधियों का निरीक्षण किया। डीईईओ सदानंद वत्स ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नाटक एक आनंददायी खेल विधा है, जिसमें शिरकत करने से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने कहा कि नाट्य कार्यशाला में हिस्सा ले रहे बच्चों को इसके बहुत से फायदे होंगे। उनमें आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखने के कौशल का विकास होगा। 


डीप्टी डीईओ सुदेश ठुकराल ने कहा कि आयोजित की जा रही कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय के रंगमंच विभाग के कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा बच्चों को विभिन्न कलाओं में पारंगत किया जा रहा है। 

कार्यशाला के नोडल अधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि 20 अगस्त को शुरू हुई कार्यशाला 29 अगस्त को सम्पन्न होगी। समापन समारोह में कार्यशाला में सीखे गए कौशलों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। भारतीय रंगमंच विभाग से आए प्रशिक्षक कपिल मेहरवाल व राजेश कुमार ने विद्यार्थियों की ज्ञानेन्द्रियों की संवेदशनशीलता के विकास के अनेक प्रकार की गतिविधियां करवाई। स्टेज पर बच्चों की अभिनय कला को निखारने के लिए कईं प्रकार की शारीरिक गतिविधियां, स्वर अभ्यास और खेल सिखाए जा रहे हैं। स्टोरी राईटिंग, सेट डिजाईनिंग, बॉडी लैंगवेज व मेडिटेशन की क्रियाएं भी सिखाई जा रही हैं। स्कूल प्रधानाचार्य मोहन लाल ने आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के संचालन में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा, डीओसी कब अनिल सैनी व मुकेश कुमार सहयोग कर रहे हैं।  







AJIT SAMACHAR



Thursday, August 3, 2023

बाढ़ की विभीषिका पर रिपोर्ताज / GMSSSS BIANA (KARNAL)

 बाढ़ की विभीषिका पर विद्यार्थियों ने लिखे रिपोर्ताज

करनाल जिला के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों में बाढ़ की विभीषिका विषय पर रिपोर्ताज लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आयोजित प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व आई बाढ़ का आंखों देखा और भोगा हुआ यथार्थ अपने रिपोर्ताज में व्यक्त किया। अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही विद्यार्थियों ने फणीश्वरनाथ रेणु का रिपोर्ताज- इस जल प्रलय में पढ़ा था। रेणु की इस रचना में लेखक ने बाढ़ की विभीषिका को चित्रित करने के अलावा बाढ़ बचाव के उपाय भी बताए थे। उसके बाद यमुना में बाढ़ आ गई। क्षेत्र के कईं गांव-ब्याना, रंदौली, नगली, कमालपुर गडरियान, चांद समंद सहित अनेक गांवों में बाढ़ के मंजर पैदा हो गए। इस रचना ने विद्यार्थियों को अपनी व आस-पास की समस्याओं को देखने की दृष्टि प्रदान की और साथ ही बाढ़ को लेकर जागरूक भी किया। रचना के अनुभवों को विद्यार्थियों ने बाढ़ में महसूस किया। ऐसे में विद्यार्थियों को रिपोर्ताज लिखने के लिए प्रेरित किया गया। प्रतियोगिता के आयोजन के बाद विद्यार्थियों के बीच चपला देवी के रिपोर्ताज-नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया-पढ़ा गया। रिपोर्ताज के जरिये आजादी की लड़ाई में नन्हीं बच्ची मैना की शहादत व योगदान के साथ ही रिपोर्ताज विधा की रूप-संरचना पर चर्चा की गई। प्रतियोगिता में छात्रा शीतल के रिपोर्ताज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से छात्रा द्वारा लिखी गई रचना इस प्रकार है-

बाढ़ ने लोगों को परेशान व उदास कर दिया

लेखिका-शीतल, कक्षा नौवीं

मेरा गांव रंदौली है। मेरे गांव में इस बार बाढ़ आई। बाढ़ की समस्या से जहां एक तरफ कईं लोग बुरी तरह परेशान और उदास हो गए। वहीं कुद लोग पानी आने की वजह से खुश दिखाई दे रहे थे। सभी लोग पानी को देख रहे थे। कुछ लोगों ने तो बाढ़ के पानी की वीडियो बनाकर जगह-जगह भेजा। कुछ लोग अपने जानकारों को भी बाढ़ का पानी वीडियो कॉल के माध्यम से जानकारों को दिखाया। जिन लोगों को पानी आने की खबर पहले पता चल गई, वे लोग खाने का सामान इक_ा करने में लग गए तथा अपने अनाज व बहुत से सामान को सुरक्षित स्थान पर रखने लगे।

बाढ़ आई तो कईं लोगों के घरों में पानी घुस गया था। वे भी अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे। कुछ लोग रिश्तेदारों के घर पहुंच गए थे। जिन लोगों के घर पशु थे तो पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पशुओं को भी सूचना भूसा डालना मजबूरी हो गया। बाढ़ में कईं लोगों के बिटोड़े और भूस के कूप गिए गए और पानी में बह गए। हमारे गांव में एक जोहड़ में पहले पानी भरा और उसके बाद पानी घरों में आने लगा। लोग चाहते थे कि पानी जल्द ही चला जाए। गांव के लोग पानी आने से एक-दूसरे की मदद भी कर रहे थे। कुछ लोगों ने सडक़ पर गड्ढ़ा बनाकर पानी को निकाला। हमारे घर में भी पानी आया था। मेरे माता-पिता ने सारा सामान सुरक्षित ठिकानों पर रखा। हमने घर के बाहर आंगन में गड्ढ़े किए ताकि पानी कमरों में ना घुस जाए। पानी आने से हमने घर का सामान ऊंची स्लेपों पर पहुंचाया। ऐसे संकट के समय सबसे अच्छी बात यही थी कि लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे थे। कुछ लोग पीडि़त लोगों को भोजन, पानी व अन्य सामान दे रहे थे।

DAINIK HARYANA PRADEEP 4-8-2023