Saturday, May 20, 2023

PARENTS TEACHER MEETING IN GMSSSS BIANA

 बच्चों को मोबाइल की लत से बचाएं अभिभावक: अरुण कैहरबा

अभिभावक अध्यापक बैठकें शिक्षण प्रक्रिया का अहम अंग

अध्यापकों ने विद्यार्थियों की प्रगति के लिए किया अभिभावकों का मार्गदर्शन


इन्द्री, 20 मई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अभिभावक अध्यापक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सभी कक्षा प्रभारियों और विषय अध्यापकों ने अभिभावकों को यूनिट टेस्ट में विद्यार्थियों के अंकों से अवगत करवाया। अध्यापकों ने बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों की अहम भूमिका को रखांकित करते हुए सक्रिय हिस्सेदारी का आह्वान किया। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, संजीव कुमार, बलविन्द्र सिंह, राजेश सैनी, अनिल पाल, सतीश कांबोज, सलिन्द्र मंढ़ाण, सतीश राणा, संदीप कुमार, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, विवेक शर्मा, बलराज, सीमा गोयल, मुकेश खंडवाल, विनोद कुमार, गोपाल दास, महाबीर सिंह, सन्नी चहल, नरेन्द्र कुमार, नरेश मीत व चन्द्रवती ने विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुसार अभिभावकों और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें परामर्श सेवाएं प्रदान की।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने बताया कि अभिभावकों के साथ अध्यापकों की बैठकें शिक्षण- अधिगम प्रक्रिया का अहम अंग हैं। इनसे अध्यापकों को विद्यार्थियों की सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक स्थितियों का पता चलता है। विद्यार्थियों की आदतों, रूचियों, अभिरूचियों और राष्ट्रीय व शैक्षिक मूल्यों में उनकी स्थिति के बारे में ठोस जानकारी मिलती है। बच्चों की शैक्षिक प्रगति में अग्रणी, मध्यम व पिछड़े होने के कारणों का ज्ञान होता है। उन्होंने बताया कि बैठक  में अभिभावकों ने बच्चों की पढऩे की आदतों और अवरोधों के बारे में विस्तार से बताया। अध्यापकों ने अभिभावकों को शिक्षा के अवरोधों को दूर करने के लिए उपयोगी परामर्श प्रदान किए। अरुण कुमार ने कहा कि बहुत से बच्चों में मोबाइल की लत लग रही है। मोबाइल पर अधिक समय बिताने से उनकी एकाग्रता कम होती जा रही है। इससे उनकी किताबों में दिलचस्पी कम हो रही है। बच्चों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ रहा है, जिससे वे माता-पिता के कहे को मानने में आनाकानी करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई में मोबाइल सहित तकनीकी उपकरण उपयोगी तभी तक हो सकते हैं, जब तक उनका संयमित तरीके से इस्तेमाल किया जाए। मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने और गेम व सोशल मीडिया आदि का प्रयोग करना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
संस्कृत प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह, संजीव कुमार, सतीश राणा व संदीप कुमार ने अभिभावकों को बच्चों की खान-पान की आदतों पर विशेष ध्यान देने का आह्वान करते हुए कहा कि बहुत से बच्चे स्कूल में सुबह खाना नहीं खाकर आते। इससे स्कूल में पढ़ाई में उनका ध्यान नहीं लगता है। उन्होंने कक्षा नौ से बारह तक के अभिभावकों को सुबह का खाना अवश्य खिलाने और स्कूल में टीफन भेजने का सुझाव दिया।

HARYANA PRADEEP 21-5-2023



Monday, May 15, 2023

CBSE RESULT OF GMSSSS BIANA IS VERY GOOD

बारहवीं कक्षा में अंशिका ने पहला, पूजा ने दूसरा और खुशी ने तीसरा स्थान पाया

दसवीं में कनिष्का रही प्रथम

पंचायत ने अग्रणी विद्यार्थियों व अध्यापकों को किया सम्मानित

इन्द्री, 15 मई 

सीबीएसई द्वारा घोषित दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणाम में गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करके स्कूल का नाम रोशन किया। स्कूल में आयोजित समारोह में ग्राम पंचायत की तरफ से सरपंच अंजू रानी ने परिणाम में अग्रणी रहे विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। समारोह में समाजसेवी महेन्द्र गोयल ने अपनी तरफ से नगद पुरस्कार प्रदान किए। पंचायत की तरफ से सभी अध्यापकों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रभारी डॉ. सुभाष चन्द ने की और संचालन प्राध्यापक बलराज व मुकेश खंडवाल ने किया।

बारहवीं कक्षा में कला संकाय की छात्रा अंशिका ने 84 प्रतिशत अंक लेकर विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय में सबसे अधिक अंक हासिल किए और पहले स्थान पर रही। पूजा ने 80प्रतिशत अंकों के साथ दूसरा तथा खुशी ने तीसरा स्थान पाया। विज्ञान संकाय में मानवी ने 80प्रतिशत अंकों के साथ पहला, सिमरण ने 78प्रतिशत अंकों के साथ दूसरा तथा प्रियांशी ने तीसरा स्थान पाया। वाणिज्य संकाय में संजना ने पहला, रूपाक्षी ने दूसरा तथा अभिषेक ने तीसरा स्थान पाया। दसवीं कक्षा में कनिष्का ने 88 प्रतिशत अंकों के साथ पहला, निकिता ने 85 प्रतिशत अंक पाकर दूसरा तथा रिया ने तीसरा स्थान पाया। 

प्राध्यापकों व अध्यापकों को भी किया सम्मानित-

पंचायत ने शानदार परिणाम के लिए स्कूल प्रभारी सुभाष चन्द, हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सलिन्द्र मंढ़ाण, अंग्रेजी प्राध्यापक राजेश सैनी, राजेश कुमार, राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह, इतिहास प्राध्यापक सतीश कांबोज, मुकेश कुमार, वाणिज्य प्राध्यापक दिनेश कुमार, अर्थशास्त्र प्राध्यापक बलराज कांबोज, गणित प्राध्यापक सतीश राणा, गोपाल दास, सीमा गोयल, कृषि अनुदेशक स. निर्मलजीत सिंह, ब्यूटी एवं वेलनेस अनुदेशिका निशा कांबोज, भौतिक विज्ञान प्राध्यापक विनोद कुमार, रसायन विज्ञान प्राध्यापक अनिल पाल, शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक नरेन्द्र कुमार, हिन्दी अध्यापक नरेश मीत, संस्कृत अध्यापिका चन्द्रवती सहित समस्त स्टाफ सदस्यों को सम्मानित किया।

सरपंच अंजू रानी ने कहा कि स्कूल के अच्छा परिणाम को लेकर पूरे गांव में खुशी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई कि आने वाले समय में स्कूल और अधिक तरक्की करेगा। 


 


Friday, May 12, 2023

District Level MISSION BUNIYAD Workshop in Karnal

 पढऩे के साथ खेल और रूचिकर गतिविधियों में बनाएं संतुलन: डॉ. वैशाली शर्मा

अब जिला करनाल में होंगे पांच बुनियाद सेंटर: राजपाल चौधरी

जिला स्तरीय बुनियाद कार्यशाला आयोजित

विद्यार्थियों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों व अधिकारियों ने की शिरकत

275 विद्यार्थियों ने दी तृतीय चरण की परीक्षा

करनाल, 12 मई
स्थानीय डॉ. मंगल सैन ऑडिटोरियम में हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग के सौजन्य से मिशन बुनियाद ओरियेंटेशन कार्यशाला आयोजन किया गया। जिला भर से 275 विद्यार्थियों ने बुनियाद की तृतीय चरण की परीक्षा दी। कार्यशाला में गत सत्र और मौजूदा सत्र के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का मार्गदर्शन किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने की। मिशन बुनियाद के निदेशक प्रदीप सनसनवाल की अगुवाई में बुनियाद टीम ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का संयोजन शिक्षा विभाग की तरफ से मिशन बुनियाद टीम जिला संयोजक व जिला विज्ञान विशेषज्ञ दीपक वर्मा ने किया। मंच संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा व बुनियाद टीम से कामाक्षी ने किया।
कार्यक्रम में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रेमनगर की छात्राओं व मिशन बुनियाद की सांस्कृतिक टीम ने अपनी प्रस्तुतियों के जरिये समां बांध दिया। जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने दी प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बुनियाद कक्षाओं के लिए चयनित विद्यार्थी अपने जीवन लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ें। वे अपने पढऩे की योजना बनाएं। लेकिन पढऩे के साथ-साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ भी संतुलन बनाएं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने अपने संबोधन में घोषणा की कि बुनियाद कक्षाओं के लिए अभी तक मॉडल टाउन करनाल और असंध के राजकीय स्कूलों में सेंटर चल रहे थे। अब करनाल जिला के इन्द्री, नीलोखेड़ी व घरौंडा में तीन और सेंटर शुरू कर दिए गए हैं। इन सेंटरों के शुरू हो जाने से विद्यार्थियों को काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की उन्नति में अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए समय देना है। जब भी बुनियाद सेंटर में आपको बुलाया जाए, वे जरूर पहुंचें। समय से बच्चों को सेंटर पर चलने वाली कक्षाओं में पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बच्चों की सफलताएं शिक्षा विभाग और अभिभावकों को गौरवान्वित करेंगी।
मिशन बुनियाद के निदेशक प्रदीप सनसनवाल ने कहा कि शिक्षा के लिए सबसे जरूरी संस्कार हैं और इस मामले में सरकारी स्कूल के बच्चे सबसे अग्रणी हैं। उनकी विनम्रता, सादगी और संस्कार उन्हें आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि बुनियाद कक्षाओं से निकले विद्यार्थी आने वाले समय में अपनी प्रतिभा और मेहनत से समाज को चमत्कृत करेंगे।
बुनियाद टीम की सदस्य दीलिशा ने पीपीटी के माध्यम से मिशन बुनियाद का परिचय दिया। वीडियो के माध्यम से प्रदेश भर में मिशन से जुड़े अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, विद्यार्थियों व अभिभावकों के अनुभव रखे गए। विद्यार्थी मानव, महक व प्रियांशी ने आत्मविश्वास के साथ अपने अनुभव सुनाए तो उपस्थित सभी ने तालियां बजाकर उनका हौंसला बढ़़ाया। कार्यक्रम में अभिभावकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिला विज्ञान विशेषज्ञ दीपक वर्मा ने आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पौधे को वृक्ष बनने के लिए पालन पोषण की जरूरत है, उसी तरह से बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अभिभावकों को खास ध्यान देना होगा।

कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा, डीईओ राजपाल चौधरी, डीईईओ सदानंद वत्स ने बुनियाद कक्षा की वार्षिक परीक्षा में जिला स्तर पर अग्रणी रहे मानव रेढू, महक, प्रियांशी, डरोन संधू, नैंसी, विवेक सिंह, यश ढ़ाका, प्रिंस, भारती व श्रुति को सम्मानित किया। उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। बुनियाद सेंटर के प्रिंसिपल पवन जिंदल, सुनील, संयोजक यश, प्रदीप सिंह, कोमल कांबोज, मनजिंद्र सिंह, बुनियाद टीम के सदस्य प्रदीप सनसनवाल, सांगर, संजीव, रिया, कामाक्षी, दिलीशा, शिवम, बरकत, अनूप दास, जीरोम, शैलेश, संजीव सुमन, पूजा, गौतम, कुबेर को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर की प्रधानाचार्या विद्योत्मा, जिला गणित विशेषज्ञ छत्रपाल, एफएलएन संयोजक विपिन शर्मा, बीईओ अंजु सरदाना, डॉ. राममूर्ति शर्मा, सीमा मदान, रविन्द्र कुमार, बलजीत सिंह, सतपाल बग्गा, प्रधानाचार्या संदीप कौर व रामनिवास सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे।

ACTION INDIA 13-2-2023

Thursday, May 4, 2023

NEWS WRITING COMPETITION IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 समाचार लेखन कार्यशाला में विद्यार्थियों ने सीखे समाचार लिखने के गुर

जन सरोकारों से भरपूर हों खबरें

समाचार लेखन प्रतियोगिता में मोहम्मद रब्बानी ने पाया पहला स्थान

करनाल जिला के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समाचार लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों को समाचार लेखन के गुर सिखाए। इस अवसर पर समाचार लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बारहवीं कक्षा के मोहम्मद रब्बानी ने पहला, अरमान ने दूसरा तथा नमनदीप कौर व आरजू ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी घटना या समस्या की यथार्थपरक सूचना समाचार कहलाती है। खबर सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, आर्थिक, खेल, गांव-शहर, खेती, बागवानी सहित किसी भी विषय की हो सकती है। नवीनता, संबद्धता और प्रभाव आदि तत्व किसी भी खबर के अहम तत्व हैं। खबर में ताज़ापन होना अति आवश्यक है। समाचार प्राय: उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है। इस शैली की विशेषता यह है कि किसी भी खबर की सबसे अहम बात सबसे पहले आती है। खबर के तीन हिस्से होते हैं-इंट्रो, बॉडी और समापन। इंट्रो में सबसे महत्वपूर्ण बातें आ जाती हैं और सूचना का सार पाठक को मिल जाता है। बॉडी में समाचार का विस्तार होता है और समापन में बाकी बची बातें दर्ज की जाती हैं। खबर सारगर्भित होनी चाहिए। किसी भी खबर में छह ककारों के जवाब होते हैं- कहां, कब, कौन, क्या, क्यों व कैसे। इन सवालों के जवाब देते हुए खबर का निर्माण किया जाता है। अरुण कैहरबा ने कहा कि जनसरोकार खबर का उद्देश्य होता है। जो खबर आम जन के जीवन व समस्याओं से जुड़ी होगी, वही खबर सबसे अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि खबर लिखना सीखने के लिए नियमित रूप से अखबारों को पढ़ें और अभ्यास करें। 

हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने जानकारी देते हुए बताया कि समाचार लेखन प्रतियोगिता ग्राम स्वच्छता, पॉलीथीन व पर्यावरण आदि विषयों पर केन्द्रित रही। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आए मोहम्मद रब्बानी ने इन्द्री क्षेत्र के यमुना नदी किनारे स्थित अपने गांव सैयद छपरा की खराब निकासी व्यवस्था को उजागर किया। अन्य विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने गांव की समस्याओं को उजागर किया। विजेता विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई खबरों के मुख्य अंश इस प्रकार हैं-

पॉलीथीन बना निकासी व्यवस्था का रोड़ा-

गांव सैयद छपरा में उचित जल निकासी का अभाव ह। गांव की गलियां संकरी और टेढ़ी-मेढ़ी हैं। नालियों में पानी का बहाव कम तीव्रता से होता है। इसके अतिरिक्त गलियों में प्लास्टिक के पॉलीथीन पड़े रहने के कारण नालियों का पानी रूक जाता है और गलियों में जल भराव हो जाता है। लंबे समय से जल भराव के कारण गांव में मक्खी-मच्छर पनप रहे हैं। गांव में बिमारियां फैलने का खतरा है। आते-जाते लोगों को पानी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा है। सार्वजनिक टूंटियां चलती रहने के कारण जल भराव की समस्या विकराल हो गई है। 


-मोहम्मद रब्बानी, कक्षा-12, समाचार लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थी

अवैध अतिक्रमण से सिकुड़ गई गांव की गलियां-

अवैध अतिक्रमण की वजह से जिला करनाल के गांव रंदौली की गलियां दिन-ब-दिन सिकुड़ती जा रही हैं। गलियों में कहीं भी मवेशियों को बांध दिया जाता है तो कहीं पर बांस-बल्लों से घेरकर या फिर दीवार बनाकर गलियों को संकुचित कर दिया गया है। अतिक्रमण की वजह से कहीं-कहीं तो गलियां पगडंडियों में तब्दील होने के कगार पर पहुंच गई हैं। गांव में कुछ लोग तो अपने ट्रैक्टरों व मोटरसाइकिलों को इस प्रकार खड़ा कर देते हैं कि बची हुई जगह से निकलना मुश्किल हो जाता है। कईं जगह लोग अपने वाहनों को साइड में खड़ा करने की बजाय गली में ही खड़ा कर देते हैं। इससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। 


-अरमान, कक्षा-12वीं, प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त

हलवाना में निकासी व्यवस्था चरमराई-

गांव हलवाना में निकासी व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है। गलियों के साथ अनेक स्थानों पर नालियां नहीं हैं। टूटी-फूटी गलियों में वर्षा का जल खड़ा हो जाता है। गलियों में पानी के साथ-साथ कूड़ा-कर्कट भी इक_ा हो जाता है, जिसमें मक्खी-मच्छर पनपते हैं। गांव में सफाई कर्मचारी सिर्फ एक है। ऊबड़-खाबड़ गलियों में वाहन चालते हुए भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 


-नमनदीप कौर, कक्षा-12वीं, प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त

सफाई व्यवस्था में पॉलीथीन बना आफत-

पॉलीथीन सफाई व्यवस्था में आफत बन गया है। छोटे-छोटे बच्चे हों या बड़े सभी पॉलीथीन का प्रयोग करके इधर-उधर फेंक देते हैं। गिराया गया पॉलीथीन धरती की स्तह पर जम जाते हैं और धरती वर्षा के पानी को सोख नहीं पाती है। गांव ब्याना में वर्षों पहले जो धरती में पानी छह फुट पर हुआ करता था, आज वह सौ फुट से भी नीचे चला गया है। आने वाले समय में यदि पॉलीथीन को कहीं भी फेंकने का सिलसिला चलता रहा तो मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। कईं बार गांव के लोग फलों के छिलके व खाद्य सामग्री को पॉलीथीन में बांध कर फेंक देते हैं, जिसे आवारा पशु खाते हैं। पॉलीथीन पशुओं के पेट में जाकर उनके बीमार होने का कारण बन जाता है। पॉलीथीन से पशुओं की मौत भी हो सकती है। सफाई व्यवस्था के लिए पॉलीथीन का कम से कम प्रयोग और इसका सुरक्षित निपटान आवश्यक है।


-आरजू, कक्षा-12वीं, समाचार लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त

रिपोर्ट-अरुण कुमार कैहरबा